बिहार में विधानसभा चुनाव रोकने की गुहार वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 25 सितंबर को सुनवाई करेगा. उसी के आसपास बिहार के चुनावी कार्यक्रम की घोषणा भी हो जाएगी. संविधान विशेषज्ञों के मुताबिक, चुनावी कार्यक्रम का ऐलान होने के बाद अगर सुनवाई हुई तो कोर्ट स्वत: उसमें दखल नहीं देगा.
राष्ट्रवादी जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल भारती ने ये याचिका दायर की है. भारती ने बताया कि बिहार में विधानसभा चुनाव कराने की हालत नहीं है. राज्य की जनता कोरोना महामारी की भयंकर चपेट में है. दूसरी ओर बाढ़ भी महाप्रलय लेकर आई है. राजनीतिक दृष्टि से भी राज्य में निष्पक्ष चुनाव संभव नहीं है. याचिकाकर्ता की पार्टी ने पिछले विधानसभा चुनाव में 26 उम्मीदवार उतारे थे. आगामी विधानसभा चुनाव में 150 सीटों पर पार्टी लड़ने कि तैयारी में है. लेकिन परिस्थिति को देखते हुए पार्टी ने बिहार विधानसभा चुनाव मार्च 2021 में कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट में 7 सितंबर को याचिका दायर की.
अब रजिस्ट्री ने इस याचिका पर सुनवाई 25 सितंबर को तय की है. पार्टी ने लॉकडाउन के दौरान 30 जून को बिहार में चुनाव स्थगित करने के लिए चुनाव आयोग को पत्र लिखा था. चुनाव आयोग ने कोई कदम नहीं उठाया तब सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. राज्य में प्रमुख विपक्षी पार्टी आरजेडी, एलजेपी, आदि ने इस मुश्किल वक्त में चुनाव कराने का विरोध तो किया लेकिन राष्ट्रवादी जनता पार्टी ही जनता के हित के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.
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