बिहार विधान परिषद की कार्यवाही में मंगलवार यानी आज एक बार फिर नोक-झोंक का दौर देखा गया. बिहार विधान परिषद की कार्यवाही में भाग लेने के लिए विपक्ष के एमएलसी आरक्षण के मुद्दे वाली टीशर्ट पहनकर पहुंचे और 65 फीसदी आरक्षण को 9वीं अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर हंगामा किया. इसका नेतृत्व पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी कर रही थीं. ऐसे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खड़े हो गए और विपक्ष के सवालों का जवाब देने लगे.
इस बीच नीतीश कुमार और राबड़ी देवी आमने-सामने आ गए और जुबानी जंग देखने को मिली.
'पति जब रिजेक्ट हुआ...'
राबड़ी देवी की तरफ मुखातिब होते हुए नीतीश कुमार ने कहा, "अरे बैठो ना तुम, तेरे हस्बैंड का है, तेरा क्या चीज है, तू बैठ जा, जो है वो हस्बैंड का है. सब लोगों का कहा कि यही पहन कर चलो. ई बेचारी को कुछ आता नहीं है. पति जब रिजेक्ट हुआ, तो इसको सीएम बना दिया था. ये तो ऐसे ही है."
उन्होंने आगे कहा कि ये सब जो कर रहे हैं, क्या मतलब है? हम तो आप ही से पूछ रहे हैं, काहे के लिए ये पहनकर आए हैं. ये सब फालतू की चीज है.
यह भी पढ़ें: बिहार चुनाव: मुस्लिम वोटर्स को साधने की तैयारी में बीजेपी, ईद के मौके पर 'सौगात-ए-मोदी' कैंपेन
यह पहली बार नहीं है जब नीतीश कुमार और राबड़ी देवी के बीच कहासुनी हुई है. पिछले दिनों बिहार विधान परिषद में ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के बीच तीखी बहस हुई थी. कानून व्यवस्था के मुद्दे पर विपक्ष के हमले पर नीतीश कुमार भड़क गए. उन्होंने राबड़ी देवी पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें मुख्यमंत्री बनाया गया था.
20 मार्च को विपक्ष के द्वारा हंगामा करने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सदन में उठ खड़े हुए. उन्होंने राबड़ी देवी की तरफ इशारा करते हुए कहा, 'उनके पति की जब सरकार थी तब क्या हाल था? कोई काम भी बिहार में नहीं हुआ. अगर कोई घटना घटी है, तो जांच होगी. जब इनके पति की सरकार थी, तो कोई जांच होती थी? कोई काम किया था? हिंदू और मुसलमान का कितना झगड़ा होता था. सब काम हमने किए हैं. ये सब बोलने का कोई मतलब नहीं है. मेरे आने के बाद सारा काम हुआ. खाली पब्लिसिटी चाहते हैं ये लोग. कोई काम नहीं किए हैं ये लोग. खाली हिंदू-मुस्लिम का झगड़ा होता था. क्या चीज के लिए आप सीएम बनीं. पति हटा तो आप सीएम बनीं.'