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नीतीश सरकार वक्फ की जमीन पर बनाएगी 21 नए मदरसे

जेडीयू के सीनियर लीडर और बिहार सरकार में मंत्री जमा खान ने कहा कि अल्पसंख्यक समाज की राजनीति करने वाले लोग सिर्फ वोट बैंक की राजनीति करते हैं. आज नीतीश कुमार के नेतृत्व में हर समाज का विकास हुआ है और आगे भी होता रहेगा.

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बिहार के सीएम नीतीश (फाइल फोटो)
बिहार के सीएम नीतीश (फाइल फोटो)

बिहार (Bihar) की नीतीश कुमार सरकार ने वक्फ की जमीन पर 21 नए मदरसे बनाने का ऐलान किया है. जेडीयू के सीनियर लीडर और बिहार सरकार में अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री जमा खान ने कहा कि अल्पसंख्यक समाज की राजनीति करने वाले लोग सिर्फ वोट बैंक की राजनीति करते हैं. आज नीतीश कुमार के नेतृत्व में हर समाज का विकास हुआ है और आगे भी होता रहेगा. उन्होंने कहा कि नए मदरसे में लोगो को शिक्षा की बेहतर व्यवस्था होगी, और नए सिरे से शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी. 

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वक्फ बिल पर केंद्र को मिला जेडीयू का समर्थन

पिछले दिनों जेडीयू नेता और केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह (ललन सिंह) ने वक्फ बिल पर विपक्ष के तमाम आशंकाओं को खारिज करते हुए केंद्र का समर्थन किया. उन्होंने कहा, 'कई माननीय सदस्यों की बात सुनी. जेडीयू यहां एक पार्टी है. कई माननीय सदस्यों की बात सुनने से ऐसा लग रहा है जैसा ये संशोधन लाया गया है वक्फ बोर्ड के कानून में मुसलमान विरोधी है. कहां से मुस्लिम विरोधी है? कौन इसे मुसलमान विरोधी बताता है? यहां उदाहरण दिया जा रहा है कि अयोध्या का मंदिर, गुरुद्वारा.... अरे मंदिर और संस्था में आपको अंतर नजर नहीं आता है तो आप कौन सा तर्क दे रहे हैं. ये मंदिर नहीं है, आपकी मस्जिद से छेड़छाड़ करने का प्रयास नहीं किया जा रहा है.'

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ललन सिंह ने कहा, 'यह एक कानून से बंधी हुई संस्था है, उस संस्था को पारदर्शी बनाने के लिए कानून बनाया जा रहा है. पारदर्शिता होनी चाहिए. वक्फ बोर्ड कैसे बना, किसी कानून से बना है ना.कोई भी संस्था जो कानून से बंधी हुई है, अगर वो निरंकुश होगा तो उसमें पारदर्शिता लाने के लिए सरकार को हक उसके लिए कानून बनाने का.. ये अब उसकी तुलना मंदिर से कर रहे हैं. मंदिर से उसका क्या तात्पर्य है. कोई धार्मिक बंटवारा नहीं हो रहा है ये भ्रम फैला रहे हैं.'

टीडीपी का भी समर्थन

एनडीए की सहयोगी तेलुगु देशम पार्टी (TDP) के जीएम हरीश ने बिल का समर्थन करते हुए कहा, 'टीडीपी वक्फ संशोधन विधेयक का समर्थन करती है. सुधार लाना और उद्देश्य को सुव्यवस्थित करना सरकार की जिम्मेदारी है. हम विधेयक का समर्थन करते हैं. हमें इसे सलेक्ट कमेटी को भेजने में कोई समस्या नहीं है.'

नए बिल में क्या-क्या प्रावधान?

अब तक के कानून और नए बिल के प्रावधान की तुलना करें तो पहले जहां वक्फ बोर्ड अगर किसी जमीन पर दावा कर दे, तो जमीन वाला सिर्फ वक्फ के ट्रिब्यूनल में ही न्याय के लिए जा सकता था. वहीं, नए बिल के मुताबिक, उसे ट्रिब्यूनल के अलावा रेवेन्यू कोर्ट, सिविल कोर्ट, हाईकोर्ट में अपील का अधिकार होगा. अब तक जहां वक्फ बोर्ड और दूसरे के बीच विवाद में वक्फ ट्रिब्यूनल के फैसले को ही आखिरी फैसला माना जाता रहा, वहीं नए बिल में ट्रिब्यूनल के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में जाने का अधिकार होगा.

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बिल में इन अधिकारों की बात

अब तक जहां पुरानी मस्जिद हो या जमीन/प्रॉपर्टी का इस्तेमाल इस्लामिक मकसद से होता आया हो, तो अपने आप वो प्रॉपर्टी वक्फ की मान ली जाती थी. नए बिल में कहा गया कि जब कोई अपनी जमीन प्रॉपर्टी दान करेगा, तभी उसे वक्फ का माना जाएगा. भले उस पर मस्जिद ही क्यों ना हो. सबसे अहम बात ये अब तक जहां वक्फ बोर्ड में महिला और दूसरे धर्म के लोगों की एंट्री पर पाबंदी रही है, वहीं अब नए बिल में कहा गया है कि वक्फ बोर्ड में 2 महिला और अन्य धर्म के 2 लोग होंगे. 

रेलवे और सेना के बाद वक्फ बोर्ड के पास सबसे ज्यादा जमीन

देश में रेलवे और सेना के बाद वक्फ बोर्ड के पास सबसे ज्यादा जमीन है. कहने को तो इस जमीन और वक्फ़ की अरबों की संपत्ति और इस प्रॉपर्टी से होने वाली आमदनी का इस्तेमाल शैक्षणिक संस्थाओं, कब्रिस्तानों, मस्जिदों में धर्मार्थ और अनाथालयों में खर्च किया जाता है और होना चाहिए, लेकिन आरोप लगते आए हैं कि वक्फ की संपत्ति के नाम पर भूमाफिया, सियासतदां और प्रॉपर्टी बिल्डर बड़े खेल करते हैं, जिससे आम मुस्लिम, गरीब मुस्लिम का कोई फायदा नहीं होता. क्योंकि वक्फ बोर्ड के पास इतने असीमित अधिकार पहले से सियासी तुष्टिकरण की आड़ में दिए गए हैं, जितने दूसरे मुस्लिम देशों में भी नहीं होते. इसीलिए सरकार कहती है कि जनता के हित में वक्फ एक्ट में संशोधन वाला बिल लाया गया है.

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