scorecardresearch
 

गांव-शहर, घर-घर से हैं सेना में लाल, जानिए क्यों 'अग्निपथ' पर बिहार में सबसे ज्यादा है उबाल

केंद्र की अग्निपथ योजना का विरोध शुरू हो गया है. सबसे ज्यादा विरोध बिहार में हो रहा है. बिहार में युवा सड़कों पर उतर आए हैं. कई इलाकों में आजगनी हो रही है और ट्रेनों को भी रोका जा रहा है. लेकिन बिहार में इस योजना के विरोध का क्या है कारण? समझें...

Advertisement
X
बिहार के जहानाबाद में अग्निपथ योजना के विरोध में प्रदर्शन जारी है. (फोटो- आजतक)
बिहार के जहानाबाद में अग्निपथ योजना के विरोध में प्रदर्शन जारी है. (फोटो- आजतक)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • सेना में दो साल भर्ती रुकी होने का विरोध
  • कोरोना के कारण अटकी पड़ी है लिखित परीक्षा
  • बिहार के 1.04 लाख लोग तीनों सेनाओं में
  • 2019-20 में साढ़े 4 हजार युवा हुए थे भर्ती

केंद्र सरकार की 'अग्निपथ योजना' को लेकर बवाल शुरू हो गया है. इसका सबसे ज्यादा विरोध बिहार में हो रहा है. बिहार में आज दूसरा दिन है, जब इस योजना को लेकर हंगामा हो रहा है. बुधवार को कई इलाकों में आगजनी और पत्थरबाजी की खबरें भी सामने आई थीं. बक्सर और बेगुसराय से लेकर मुजफ्फरनगर तक युवाओं का प्रदर्शन जारी है.

Advertisement

बिहार के जहानाबाद जिले में आज सुबह से ही हंगामा शुरू हो गया है. कुछ युवाओं ने सड़क पर टायर जलाकर विरोध किया. वहीं, बक्सर में युवा रेलवे स्टेशन पर हंगामा कर रहे हैं. आज सुबह से सैकड़ों युवा पटरी के सामने खड़े हो गए हैं. कल भी बक्सर में 100 से ज्यादा युवाओं ने पटरी पर बैठकर धरना दिया था, जिस कारण जनशताब्दी एक्सप्रेस की आवाजाही आधे घंटे तक प्रभावित रही.

बिहार में जो युवा अग्निपथ योजना का विरोध कर रहे हैं, ये वो युवा हैं जो सेना में भर्ती की तैयारी कर रहे हैं. युवाओं का कहना है कि उन्होंने फिजिकल और मेडिकल टेस्ट पास कर लिया है, लेकिन दो साल से सेना में भर्ती नहीं हो रही है, जिससे उनका भविष्य खतरे में आ गया है. 

स्थानीय मीडिया में दावा किया गया कि बक्सर में पाटलिपुत्र एक्सप्रेस पर युवाओं ने पत्थरबाजी की थी. हालांकि, आरपीएफ इंस्पेक्टर दीपक कुमार और जीआरपी एसएचओ रामाशीष प्रसाद ने न्यूज एजेंसी को बताया कि ऐसा कुछ नहीं हुआ.

Advertisement

मुजफ्फरनगर में सेना में जाने की तैयारी कर रहे युवाओं ने चक्कर मैदान के पास टायर जलाकर अपना विरोध जताया. बेगुसराय में भी अभ्यर्थियों ने महादेव चौक पर प्रदर्शन किया और अग्निपथ योजना को वापस लेने की मांग की.

ये भी पढ़ें-- सेनाओं को सवा लाख, अर्धसैनिक बलों को चाहिए 75 हजार जवान... क्या इस कमी को दूर कर पाएंगे 'अग्निवीर'?

बक्सर में लगातार दूसरे दिन रेलवे ट्रैक को युवाओं ने जाम कर दिया. (फोटो- आजतक)

सवाल ये कि विरोध क्यों?

- दरअसल, हर साल लाखों युवा सेना में जाने की तैयारी करते हैं, लेकिन कोरोना महामारी के कारण दो साल से सेना में भर्ती रुकी हुई है. भारतीय सेना में भर्ती के लिए सेना रैलियों का आयोजन करती है. इस रैली में युवा हिस्सा लेते हैं और उसके बाद कॉमन एंट्रेंस टेस्ट होता है.

- इसी साल 25 मार्च को लोकसभा में रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने बताया था कि 2020-21 में 97 रैलियां आयोजन करने की योजना थी, जिसमें से 47 रैलियां ही हुईं और सिर्फ 4 के लिए ही एंट्रेंस टेस्ट हुआ. वहीं, 2021-22 में 47 रैलियां करना था, लेकिन सिर्फ 4 ही हो सकीं और एक भी एंट्रेंस टेस्ट नहीं हुआ.

- कोरोना के चलते जहां सेना में भर्ती अटकी रही, लेकिन नौसेना और वायुसेना में भर्ती जारी रही. 21 मार्च को राज्यसभा में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया था कि दो साल तक सेना में भर्ती नहीं हुई, लेकिन इसी दौरान नौसेना में 8,319 और वायुसेना में 13,032 भर्तियां हुईं.

Advertisement

- भर्ती रुकी होने के कारण सालों से सेना में जाने की तैयारी कर रहे युवाओं के भविष्य पर भी तलवार लटक गई है. युवाओं का आरोप है कि उन्होंने फिजिकल और मेडिकल टेस्ट पास कर लिया है, लेकिन भर्ती परीक्षा नहीं होने से वो ओवरएज हो जा रहे हैं और बाद में वो सेना में भर्ती के लिए योग्य नहीं रहेंगे.

- सेना में भर्ती के लिए 23 साल की आयुसीमा है. पिछले महीने ही हरियाणा के भिवानी में 23 साल पवन पंघाल ने इसलिए आत्महत्या कर ली थी, क्योंकि वो ओवरएज हो गया था. पवन 15 साल की उम्र से सेना में जाने की तैयारी कर रहा था, उसने फिजिकल और मेडिकल टेस्ट पास कर लिया था, लेकिन भर्ती रुकने से वो ओवरएज हो गया था.

ये भी पढ़ें-- 'अग्निवीरों' का चार साल बाद क्या होगा, सेना की परंपरा से खिलवाड़ कर रही मोदी सरकार? Agneepath Scheme पर उठ रहे ये सवाल

लेकिन बिहार में इतना बवाल क्यों?

- सेना में भर्ती रुकी होने से बिहार में लंबे वक्त से बवाल हो रहा है. पिछले महीने भी दरभंगा जिले में अभ्यर्थियों ने आगजनी कर प्रदर्शन किया था. नाराज अभ्यर्थियों का कहना है कि कोरोना का हवाला देकर दो साल से लिखित परीक्षा टाली जा रही है. उनका कहना है कि कोरोना में सारे काम हो रहे हैं, लेकिन सेना में भर्ती के लिए लिखित परीक्षा नहीं हो रही है.

Advertisement

- 2011 की जनगणना के मुताबिक, बिहार में तकरीबन 12 करोड़ के आसपास आबादी है. यहां की 88% से ज्यादा आबादी गांवों में रहती है. यहां की 34 फीसदी आबादी ऐसी है जो गरीबी रेखा से नीचे गुजर-बसर करती है. इस गरीबी से निकलने के लिए यहां के युवा सेना में जाने की तैयारी सालों पहले से शुरू कर देते हैं. 

- आंकड़े बताते हैं कि भारत की तीनों सेनाओं में हर 100 जवानों में से 8 जवान बिहार के हैं. पिछले साल 15 मार्च को रक्षा राज्य मंत्री श्रीपाद नाईक ने राज्यसभा में राज्यवार तीनों सेनाओं में सैनिकों की संख्या बताई थी. इसके मुताबिक, देशभर में तीनों सेनाओं में 13.40 लाख से ज्यादा जवान और अफसर हैं, जिनमें से 1.04 लाख से ज्यादा जवान और अफसर बिहार के हैं. इतना ही नहीं, तीनों सेनाओं से रिटायर हुए 100 जवानों या अफसरों में से 5 बिहार के हैं.

- इसी साल 28 मार्च को राज्यसभा में रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने राज्यवार सैनिकों की भर्ती का आंकड़ा भी दिया था. उन्होंने बताया था कि 2019-20 में बिहार 4,559 युवाओं को सेना में भर्ती किया गया था. उस साल सबसे ज्यादा जवानों की भर्ती के मामले में बिहार छठे नंबर पर था. उत्तर प्रदेश पहले नंबर पर था, जहां के 8,425 युवा सेना में भर्ती हुए थे. उसके बाद पंजाब के 7,813 युवा सेना में भर्ती हुए थे.

Advertisement

क्या है अग्निपथ योजना?

- अग्निपथ योजना के तहत चार साल के लिए युवाओं को सेना में भर्ती किया जाएगा. इसके लिए आयुसीमा 17.5 से 21 साल के बीच रखी गई है. इस साल 46 हजार युवाओं को भर्ती किया जाएगा.

- इस योजना के तहत तीनों सेनाओं में युवा चार साल के लिए भर्ती होंगे. इन्हें 'अग्निवीर' कहा जाएगा. सबसे ज्यादा 40 हजार युवा सेना में भर्ती होंगे.

- अग्निवीरों को हर महीने 30 हजार रुपये की सैलरी मिलेगी. ये सैलरी हर साल बढ़ेगी और चौथे साल 40 हजार रुपये महीने सैलरी मिलेगी. 

- इसके अलावा अग्निवीरों को 48 लाख रुपये का बीमा कवर मिलेगा. सेवा के दौरान शहीद होने या दिव्यांग होने पर 44 लाख रुपये तक का मुआवजा मिलेगा.

- चार साल की सेवा पूरी होने के बाद 25% युवा सेना में आगे बरकार रहेंगे. इन्हें और 15 साल तक सेना में सेवा करने का मौका मिलेगा. इस दौरान सेनाओं के कानून और शर्तें इन पर लागू होंगी.

 

  • क्या चार साल के लिए सेना में युवाओं की भर्ती की नीति सही है?

Advertisement
Advertisement