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भीड़ के साथ YouTuber मनीष कश्यप ने दुकानदारों पर किया था हमला, हुआ था अरेस्ट

बिहार के यूट्यूबर मनीष कश्यप पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है. उन पर फेक वीडियो मामले में FIR हुई है. लेकिन विवादों से उनका पुराना नाता रहा है. इससे पहले भी कई मामलों में उन पर कार्रवाई हुई है. कुछ साल पहले उन्होंने पटना के एक मार्केट में अपने लोगों के साथ जाकर दुकानदारों से मारपीट की थी.

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मनीष कश्यप के खिलाफ दर्ज हुई एफआईआर (फोटो- Youtube/Viralbollywood)
मनीष कश्यप के खिलाफ दर्ज हुई एफआईआर (फोटो- Youtube/Viralbollywood)

बिहार के यूट्यूबर मनीष कश्यप पर फेक वीडियो को लेकर बिहार पुलिस ने FIR की है. लेकिन मनीष कश्यप का विवादों से पुराना नाता रहा है. 2019 में अपने कुछ साथियों के साथ मनीष कश्यप ने पटना के ल्हासा मार्केट में कश्मीरी दुकानदारों से मारपीट की थी. तब पुलिस ने मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार भी किया था. बेतिया में मूर्ति तोड़ने के मामले में भी उनपर मामला दर्ज किया गया था.

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नए एफआईआर में तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों के साथ कथित तौर पर हुई हिंसा से जुड़े फर्जी वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर करने को लेकर उन पर आरोप लगाए गए हैं. वहीं,  मनीष कश्यप पर फरवरी 2019 में बिहार की राजधानी पटना में कश्मीरी दुकानदारों को पीटने का आरोप लगा था.

इससे पहले बिहार के पश्चिमी चंपारण जिले में महारानी जानकी कुंवर अस्पताल परिसर में स्थित किंग एडवर्ड-Vll की मूर्ति को कुछ लोगों ने क्षतिग्रस्त किया था. इस मामले में पुलिस ने कहा था कि आरोपियों के लीडर मनीष कश्यप ने राष्ट्रवाद के नाम पर फेसबुक और दूसरे सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म पर वीडियो शेयर कर हिंसा फैलाने का काम किया.  

पुलवामा हमले के बाद दुकानदारों को पीटा

TOI की रिपोर्ट के मुताबिक, 14 फरवरी को पुलवामा में हुए आतंकी हमले के एक दिन बाद कम से कम 20 युवाओं ने लाठी डंडों के साथ पटना के ल्हासा मार्केट में कश्मीरी दुकानदारों पर हमला बोल दिया था. साथ ही उन्हें वापस कश्मीर लौटने की धमकी दी. पुलिस ने मनीष कश्यप को उनके तीन साथियों नागेश कुमार, गौरव सिंह और चंदन सिंह के साथ पटना के अलग-अलग लोकेशन से पकड़ा था. हालांकि सीजेएम अदालत ने इन्हें जमानत देकर रिहा कर दिया था. 

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ये भी पढ़ें- फेक वीडियो मामले में बिहार का YouTuber मनीष कश्यप होगा गिरफ्तार?

इसके बाद पश्चिमी चंपारण पुलिस ने मूर्ति तोड़े जाने के मामले में मनीष कश्यप को दोबारा हिरासत में लिया था. वह मूर्ति तोड़े जाने के मामले में मुख्य आरोपी थे. तब पुलिस ने पश्चिमी चंपारण के डीएम की रिपोर्ट के आधार पर एफआईआर दर्ज की थी. इसमें कश्यप और उनके 21 अन्य साथी आरोपी बताए गए थे.

डीएम ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि कैसे मनीष कश्यप और उनके साथियों ने सोशल मीडिया पर लोगों से राष्ट्रवाद के नाम पर आगे आकर मूर्ति तोड़ने की अपील की थी. 

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