Birbhum Voilence: पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के बागतुई गांव में 8 लोगों को जिंदा जलाने के मामले में सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI) ने एक्शन तेज कर दिया है. रविवार को CBI अफसरों की एक टीम हिंसा प्रभावित बागतुई गांव पहुंची और आगजनी का शिकार हुए घरों से सैंपल इकट्ठे किए. जांच एजेंसी ने घटनास्थल से कुछ कुदाल और लोहे की छड़ें भी बरामद कीं. हिंसा के दौरान इनका इस्तेमाल करने का आरोप है.
CBI की टीम ने TMC के ब्लॉक प्रेसिडेंट अनारुल हुसैन को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है. टीम ने रामपुरहाट के अस्पताल में इलाज करा रहे घायलों से मुलाकात की. CBI उनके बयान भी दर्ज कर सकती है. CBI अधिकारियों की सुरक्षा के लिहाज से केंद्र सरकार ने टीम के साथ सुरक्षाबल के 35 जवान तैनात किए हैं.
हिंसा की घटना के बाद कलकत्ता हाईकोर्ट ने 25 मार्च 2022 को सीबीआई जांच के आदेश दिए थे. हाईकोर्ट ने जांच एजेंसी से कहा था कि 7 अप्रैल तक अपनी प्रोग्रेस रिपोर्ट फाइल करे. इसके बाद से ही CBI ने इस केस में जांच तेज कर दी है. इस मामले में पंश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर भी दबाव बढ़ गया है.
हर बार TMC को ही बनाया जाता है निशाना: ममता
रविवार को सीएम ममता ने कहा कि तृणमूल के कार्यकर्ता की पार्टी के ही दूसरे कार्यकर्ता ने हत्या कर दी. लेकिन फिर भी हर जगह TMC को ही कटघरे में खड़ा किया जा रहा है. ममता ने कहा कि हम रामपुरहाट मामले की तह तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं.
रामपुरहाट की घटना के पीछे कोई साजिश: ममता
विपक्ष पर निशाना साधते हुए ममता ने कहा कि इस तरह की कई घटनाएं उत्तर प्रदेश, दिल्ली, कर्नाटक, त्रिपुरा और असम में हो चुकी है. तब हमारी पार्टी के कार्यकर्ताओं को घटनास्थल पर भी नहीं जाने दिया गया. लेकिन बीरभूम में हमने किसी राजनीतिक पार्टी को आने से नहीं रोका. ममता ने कहा कि उन्हें अब भी लगता है कि रामपुरहाट की घटना के पीछे कोई साजिश है. उन्होंने कहा कि सीबीआई का यह केस संभालना अच्छा निर्णय है. लेकिन अगर एजेंसी केवल भाजपा के निर्देशों का पालन करेगी तो हम विरोध करने के लिए तैयार हैं.
घटनास्थल का दौरा कर चुकी हैं बंगाल सीएम
इससे पहले ममता ने 24 मार्च को रामपुरहाट के दौरे पर पहुंची थीं. इस दौरान उन्होंने अपनी ही पुलिस पर निशाना साधा था. उन्होंने कहा था कि अगर पुलिस समय पर पहुंच जाती तो ऐसी घटना नहीं होती. ममता ने आगे कहा था कि जो पुलिस वाले इस घटना के लिए जिम्मेदार हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
कांग्रेस से TMC में आया था अनारुल हुसैन
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तरफ से दबाव बढ़ने के बाद पुलिस ने TMC के ब्लॉक प्रेसिडेंट अनारुल हुसैन को गिरफ्तार करने के आदेश दिए गए थे. कुछ देर बाद ही रामपुरहाट के थाना प्रभारी त्रिदीप प्रमाणिक को सस्पेंड कर दिया गया था और टीएमसी नेता हुसैन को अरेस्ट कर लिया गया था. रामपुरहाट का रहने वाला अनारुल हुसैन कभी कांग्रेस का नेता था, उसके बाद वह टीएमसी में शामिल हो गया. उसे विधानसभा के डिप्टी स्पीकर आशीष बनर्जी का करीबी माना जाता है, जो बीरभूम से विधान सभा के सदस्य हैं.
8 लोगों को जलाया गया था जिंदा
इस मामले में सीबीआई (CBI) ने गिरफ्तार किए गए 21 आरोपियों के खिलाफ दंगे से जुड़ी धाराएं लगाई हैं. बता दें कि बीरभूम जिले के बागतुई गांव में 8 लोगों को जिंदा जला दिया गया था. मरने वालों में 2 बच्चे और 3 महिलाएं भी शामिल थीं.