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देश में एक बार फिर बर्ड फ्लू ने दस्तक दे दी है. झारखंड के बोकारो जिले में सरकारी पोल्ट्री फार्म में बर्ड फ्लू के मामले सामने आए हैं.
प्रशासन ने बयान जारी कर बताया है कि बोकारो जिले के लोहांचल में स्थित सरकारी पोल्ट्री फार्म में कड़कनाथ मुर्गियों में बर्ड फ्लू (H5N1) के मामले सामने आए हैं. बयान में ये भी बताया गया है कि बर्ड फ्लू की वजह से कुछ कड़कनाथ चिकन की मौत भी हो गई है.
बर्ड फ्लू के मामले सामने आने के बाद प्रशासन ने पोल्ट्री फार्म के एक किलोमीटर के दायरे को अफेक्टेड जोन और 10 किलोमीटर के दायरे को सर्विलांस जोन घोषित कर दिया है. इन इलाकों में चिकन और बत्तखों की बिक्री पर भी बैन लगा दिया गया है.
ऐसे में जानना जरूरी है कि बर्ड फ्लू क्या है? ये कितना खतरनाक होता है? क्या इससे इंसानों के भी संक्रमित होने का खतरा है?
1. झारखंड में क्या हो रहा है?
- झारखंड के बोकारो जिले में सरकारी पोल्ट्री फार्म में बर्ड फ्लू फैल गया है. ये अभी कड़कनाथ मुर्गियों में फैला है.
- कड़कनाथ का मांस सेहत के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है. इसमें आयरन और प्रोटीन बहुत ज्यादा होता है. इसकी खास बात ये होती है कि ये पूरा काला होता है, इसका मांस और खून भी काला होता है.
- प्रशासन ने बताया है कि बर्ड फ्लू की वजह से कई कड़कनाथ मुर्गियों की मौत भी हो चुकी है. स्वास्थ्य विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी अरुण कुमार सिंह ने न्यूज एजेंसी को बताया है कि मामले सामने आने के बाद राज्य को अलर्ट पर रखा गया है.
- बोकारो के डिप्टी कमिश्नर कुलदीप चौधरी ने बताया कि एक मेडिकल टीम बनाई गई है, जो बोकारो की सीमा से सटे जिलों की निगरानी करेगी. साथ ही मुर्गियों और बत्तखों के सैम्पल भी लिए जा रहे हैं.
- इसके अलावा इन्फेक्टेड जोन के आसपास रह रहे लोगों के सैम्पल भी लेने को कहा गया है. जिला अस्पताल में एक अलग से वार्ड बनाया गया है, ताकि अगर कोई व्यक्ति बर्ड फ्लू से संक्रमित होता है तो उसका इलाज किया जा सके.
2. क्या है बर्ड फ्लू?
- बर्ड फ्लू को एवियन इन्फ्लुएंजा भी कहते हैं, जो एक वायरल इन्फेक्शन है. ये पक्षियों से पक्षियों में फैलता है और ज्यादातर पक्षियों के लिए जानलेवा भी साबित होता है.
- अमेरिका के सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल (CDC) के मुताबिक, बर्ड फ्लू आमतौर पर जंगली पक्षियों के जरिए पालतू पक्षियों में फैलता है. सीडीसी का कहना है कि ये वायरस पक्षियों की आंतों या श्वसन तंत्र पर हमला करता है और उन्हें बीमार कर देता है. कई मामलों में इससे पक्षियों की मौत भी हो जाती है.
- ये वायरस भी आम वायरस की तरह ही फैलता है. सीडीसी का कहना है कि संक्रमित पक्षी की लार, नाक से निकलने वाला लिक्विड या मल के जरिए वायरस फैल सकता है. ऐसे में जब दूसरा पक्षी इससे संपर्क में आता है, तो वो भी संक्रमित हो सकता है.
3. क्या इंसानों में भी फैल सकता है ये वायरस?
- विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, बर्ड फ्लू या एवियन फ्लू A टाइप का इन्फ्लुएंजा वायरस है, जो इंसानों के साथ-साथ जानवरों को भी संक्रमित कर सकता है. जब कोई इंसान किसी संक्रमित पक्षी से सीधे तौर पर संपर्क में आता है तो उसके भी बर्ड फ्लू से संक्रमित होने का खतरा बढ़ जाता है.
- सीडीसी के मुताबिक, अभी तक इंसानों के बर्ड फ्लू से संक्रमित होने के मामले कम ही सामने आए हैं. लेकिन इंसान भी बर्ड फ्लू से संक्रमित हो सकते हैं.
- बर्ड फ्लू का सबसे खतरनाक वायरस H5N1 होता है. H5N1 से संक्रमित होने पर ज्यादातर लोगों की मौत हो जाती है.
4. इंसानों में कैसे फैल सकता है ये वायरस?
- अगर वायरस हवा में मौजूद है तो वहां सांस लेने से भी कोई व्यक्ति बर्ड फ्लू से संक्रमित हो सकता है. इसके अलावा आंख, नाक या मुंह के जरिए भी वायरस शरीर में जा सकता है. इतना ही नहीं, अगर कोई व्यक्ति किसी संक्रमित जगह को छूता है, तो उससे भी वायरस फैलने का खतरा बढ़ जाता है.
- WHO के मुताबिक, 1997 में पहली बार किसी व्यक्ति के बर्ड फ्लू (H5N1) से संक्रमित होने का मामला सामने आया ता. ये मामला हांगकांग में आया था. 2003 के बाद से अब तक एशिया, यूरोप और अफ्रीका में इंसानों के भी बर्ड फ्लू से संक्रमित होने के मामले सामने आते रहे हैं.
5. क्या हैं इसके लक्षण?
- अगर कोई व्यक्ति बर्ड फ्लू से संक्रमित हो गया है तो उसमें हल्के से लेकर गंभीर लक्षण भी दिख सकते हैं. हल्के लक्षणों में दस्त, नजला, उल्टी शामिल हैं.
- संक्रमित लोगों को बुखार, खांसी, गले में खराश, नाक बहना, मांसपेशियां या शरीर में दर्द, सिरदर्द, थकान, सांस लेने में तकलीफ हो सकती है.
- वहीं, गंभीर लक्षणों में तेज बुखार या निमोनिया भी हो सकता है, जिससे मरीज को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत पड़ सकती है. कई मामलों में मौत भी हो सकती है.
6. क्या इंसान से इंसान में फैल सकता है?
- सीडीसी के मुताबिक, अगर कोई व्यक्ति बर्ड फ्लू से संक्रमित है तो उसके जरिए दूसरे व्यक्ति का संक्रमित होना बेहद दुर्लभ है. ऐसा बहुत ही कम होता है जब किसी व्यक्ति से दूसरा व्यक्ति भी बर्ड फ्लू से संक्रमित हो.
- अगर कोई इंसान बर्ड फ्लू से संक्रमित भी है तो वो इसका संक्रमण ज्यादा नहीं फैला सकता है, यानी ज्यादा लोगों को संक्रमित नहीं कर सकता. हालांकि, बर्ड फ्लू का वायरस तेजी से म्यूटेट होता है इसलिए इसके लोगों के बीच आसानी से फैलने की क्षमता भी है.
- पोल्ट्री फार्म या स्लॉटर हाउस के आसपास रहने वाले लोगों के बर्ड फ्लू से संक्रमित होने का सबसे ज्यादा खतरा है.
7. क्या चिकन-अंडे खाने से भी फैल सकता है?
- किसी भी जगह पर बर्ड फ्लू फैलता है, तो उसके आसपास के इलाकों में मांस और अंडों की बिक्री पर रोक लगा दी जाती है. बोकारो में भी ऐसा ही हुआ है. वहां चिकन और अंडों की बिक्री पर रोक लगा दी गई है.
- विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि ऐसे समय में चिकन और अंडे खाने से बचना चाहिए. विश्व पशु स्वास्थ्य संगठन और विश्व स्वास्थ्य संगठन, दोनों ने साफ किया है कि अगर मांस या अंडों को ठीक तरह से साफ करके या उबालकर पकाया जाए तो उन्हें खाना सुरक्षित होता है.
- हालांकि, केंद्र सरकार ने राज्यसभा में बताया था कि इस बात के कोई वैज्ञानिक सबूत नहीं है कि अगर साफ करके या ठीक तरह से पका हुआ चिकन खाने से बर्ड फ्लू फैल सकता है या नहीं.
8. किन लोगों को ज्यादा खतरा?
- ऐसे लोग जो मुर्गी पालते हैं, किसी पोल्ट्री फार्म में काम करते हैं या फिर मुर्गी या पक्षियों का मांस बेचते हैं, उनमें बर्ड फ्लू फैलने की सबसे ज्यादा आशंका होती है.
9. क्या है इसका इलाज?
- अगर कोई व्यक्ति बर्ड फ्लू से संक्रमित होता है, तो एंटीवायरल दवाओं से उसका इलाज किया जा सकता है.
- WHO के मुताबिक, संक्रमित व्यक्ति का कम से कम पांच दिन इलाज किया जाना चाहिए. अगर उसकी हालत में सुधार नहीं है तो इलाज को आगे बढ़ाया जा सकता है.
10. क्या सावधानी बरतने की जरूरत?
- छोटी-छोटी बातों को ध्यान में रखकर बर्ड फ्लू से संक्रमित होने से बचा जा सकता है. WHO के मुताबिक, वायरस से बचने के लिए बार-बार हाथ धोते रहना चाहिए, खांसते या छींकते समय नाक और मुंह को ढककर रखना चाहिए.
- बीमार होने या लक्षण दिखने पर आइसोलेट हो जाना चाहिए या बीमार व्यक्ति के संपर्क में आने से बचना चाहिए और आंख, नाक या मुंह को बार-बार छूने से बचना चाहिए.
- इसके अलावा पोल्ट्री फार्म, पोल्ट्री मार्केट या फिर ऐसी जगहों में जाने से बचना चाहिए जहां पक्षियों का काटा जाता हो.