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'गुजरात के नमक' वाले बयान पर राष्ट्रपति मुर्मू पर कांग्रेस नेता उदित राज का विवादित ट्वीट, भड़की BJP

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू हाल ही में दो दिन के गुजरात दौरे पर गई थीं. इस दौरान उन्होंने साबरमती आश्रम पहुंचकर महात्मा गांधी को पुष्पांजलि दी थी. इसके बाद उन्होंने यहां एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा था कि गुजरात में देश का 76 प्रतिशत नमक बनाया जाता है. यह कहा जा सकता है कि सभी देशवासी गुजरात का नमक खाते हैं. 

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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और कांग्रेस नेता उदित राज
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और कांग्रेस नेता उदित राज

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के 'नमक' वाले बयान पर कांग्रेस नेता उदित राज के ट्वीट से बवाल मच गया है. बीजेपी ने उदित राज की टिप्पणी को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और उनपर और कांग्रेस पर निशाना साधा. बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि यह पहली बार नहीं है, जब उदित राज ने इस तरह के शब्दों का इस्तेमाल किया हो. यह उनकी आदिवासी विरोधी मानसिकता को दर्शाता है. 

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दरअसल, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू हाल ही में दो दिन के गुजरात दौरे पर गई थीं. इस दौरान उन्होंने साबरमती आश्रम पहुंचकर महात्मा गांधी को पुष्पांजलि दी थी. इसके बाद उन्होंने यहां एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा था कि गुजरात में देश का 76 प्रतिशत नमक बनाया जाता है. यह कहा जा सकता है कि सभी देशवासी गुजरात का नमक खाते हैं. 

उदित राज ने क्या कहा ?

कांग्रेस नेता उदित राज ने ट्वीट कर कहा था कि द्रौपदी मुर्मू जी जैसा राष्ट्रपति किसी देश को न मिले. चमचागिरी की भी हद्द है. कहती हैं 70% लोग गुजरात का नमक खाते हैं. खुद नमक खाकर जिंदगी जिएं तो पता लगेगा. इसके बाद उदित राज ने एक और ट्वीट किया. उन्होंने कहा कि मेरा बयान द्रोपदी मुर्मू जी के लिए निजी है, कांग्रेस पार्टी का नहीं है. द्रौपदी मुर्मू को उम्मीदवार बनाया और आदिवासी के नाम से वोट मांगा. राष्ट्रपति बनने से क्या वे आदिवासी नही रहीं? देश की राष्ट्रपती हैं तो आदिवासी की प्रतिनिधि भी. रोना आता है जब एससी/एसटी के नाम से पद पर जाते हैं फिर चुप हो जाते हैं.

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बीजेपी ने साधा निशाना

संबित पात्रा ने कहा कि कांग्रेस नेता उदित राज द्वारा राष्ट्रपति मुर्मू के लिए इस्तेमाल किए गए शब्द चिंताजनक, दुर्भाग्यपूर्ण हैं. यह पहली बार नहीं है जब उन्होंने इस तरह के शब्दों का इस्तेमाल किया है. इससे पहले कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी ने भी ऐसा ही किया था. यह उनकी आदिवासी विरोधी मानसिकता को दर्शाता है. 

उधर, यूपी सरकार में मंत्री जितिन प्रसाद ने कहा कि  उदित राज जैसे नेताओं को क्षुद्र राजनीति से ऊपर उठकर भारत के राष्ट्रपति के पद के प्रति कुछ सम्मान दिखाने की जरूरत है. उन्हें द्रौपदी मुर्मू जी द्वारा बाधाओं से लड़ने और देश के सर्वोच्च पद तक पहुंचने और सालों के संघर्ष को पहचानने के लिए और उनकी सराहना करने की जरूरत है. 

 

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