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'घमंड में न आए शिवसेना...' महाराष्ट्र में फिर उठा 'शिंदे-फडणवीस लोकप्रियता' विवाद, बीजेपी प्रवक्ता ने दी चेतावनी

महाराष्ट्र की राजनीति में उठा लोकप्रियता का मसला अभी पूरी तरह शांत नहीं हुआ है. विज्ञापन विवाद को भले ही शिंदे-फडणवीस ने आपस में सुलझा लिया हो, लेकिन बीजेपी इस मुद्दे पर चुप रहने वाली नहीं है. बीजेपी प्रवक्ता केशव उपाध्ये ने एक अखबार में लेख लिखा है, जिसमें उन्होंने शिंदे गुट को चेतावनी दी है.

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सीएम एकनाथ शिंदे, डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस (फाइल फोटो)
सीएम एकनाथ शिंदे, डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस (फाइल फोटो)

सीएम एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने भले ही विज्ञापन मामले को सुलझा लिया हो, लेकिन महाराष्ट्र में अभी भी शिंदे बनाम फडणवीस वाला टॉपिक ठंडा नहीं पड़ा है. बीजेपी अभी भी लोकप्रियता को लेकर शिंदे और फडणवीस की तुलना पर हमले के मूड में है. मंगलवार को भाजपा के मुख्य प्रवक्ता ने शिंदे खेमे की आलोचना करते हुए एक लेख लिखा है. इसमें उन्होंने चेतावनी वाले अंदाज में कहा है कि 'हम 2024 की जंग जीतना चाहते हैं, अहंकार में मत पड़ो और गठबंधन के बीच दरार न पैदा करो.'

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बीजेपी प्रवक्ता ने लिखा लेख
एक विज्ञापन में शिंदे और फडणवीस के बीच तुलना को लेकर प्रदेश भाजपा प्रवक्ता केशव उपाध्ये ने मराठी दैनिक 'लोकसत्ता' में एक विस्तृत लेख लिखा. उन्होंने लिखा कि 'फडणवीस 5 साल तक सीएम रहे, इसलिए वे डिप्टी सीएम पद की जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार नहीं थे, लेकिन केंद्रीय नेतृत्व ने सोचा कि राज्य के कल्याण के लिए उन्हें कैबिनेट में होना चाहिए. इसलिए हमारे वरिष्ठ नेतृत्व के निर्देश के बाद उन्होंने कैबिनेट का हिस्सा बनना स्वीकार किया'

शिंदे गुट को दी चेतावनी
उपाध्ये ने आगे कहा कि हमारा मकसद महाराष्ट्र नहीं है, इसलिए हमने एकनाथ शिंदे को सीएम पद की पेशकश की. इसलिए यह कहने की हिम्मत मत कीजिए कि हमारी वजह से ही बीजेपी सत्ता में है. हमें कभी सत्ता का लोभ नहीं रहा. लोकप्रियता के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि आज की तारीख में देवेंद्र फडणवीस ही ऐसे नेता हैं जो राज्य के बीच लोकप्रिय हैं. उसे इसका विज्ञापन करने की आवश्यकता नहीं है. उसकी मिसाल से सीखिए और छोटी-छोटी बातों पर आपस में मत लड़िए.

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13 जून को सामने आया था विज्ञापन
13 जून को निजी एजेंसी द्वारा किए गए सर्वेक्षण के बारे में हर अखबार के पहले पन्ने पर एक बड़ा विज्ञापन था, और इसमें दावा किया गया था कि शिंदे फडणवीस की तुलना में अधिक लोकप्रिय हैं. विज्ञापन पर भाजपा की नाराजगी के बाद शिंदे खेमे ने इसकी जानकारी से इनकार किया था और बाद में उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि 'उस विवादित विज्ञापन से हमारा कोई लेना-देना नहीं है, सरकार के किसी शुभचिंतक ने विज्ञापन दिया होगा. हम इसका समर्थन नहीं करते हैं.'

दूसरे ही दिन शिंदे खेमे ने अपने 9 मंत्रियों की तस्वीर के साथ एक आधिकारिक विज्ञापन दिया जिसमें कहा गया कि 84 प्रतिशत लोग पीएम नरेंद्र मोदी की प्रशंसा करते हैं और 46 प्रतिशत आबादी शिंदे-फडणवीस के नेतृत्व को पसंद करती है. उसके बाद फडणवीस पालघर में शिंदे के साथ 'शासन आवेदन दारी' कार्यक्रम में शामिल हुए. फडणवीस ने अपने भाषण में कहा कि हमारा गठबंधन इतना नाजुक नहीं है कि छोटे से विज्ञापन से टूट जाए. दूसरी ओर शिंदे ने फडणवीस के नेतृत्व गुणों की प्रशंसा की और कहा कि लोग उन्हें 'जय-वीरू' कहते हैं. यहां तक ​​कि उन्होंने कहा कि 'ये फेविकोल का जोड़ है टूटेगा नहीं'

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लेकिन अब विज्ञापन को लेकर लेख में भाजपा नेताओं द्वारा शिंदे खेमे पर तीखे हमले के बाद ऐसा लग रहा है कि फडणवीस समर्थक तुलना से ठीक नहीं हैं और प्रकरण को माफ करने को तैयार नहीं हैं.


 

Maharashtra: विज्ञापन विवाद के बीच एकनाथ शिंदे का बड़ा बयान

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