भाजपा ने लोकसभा चुनाव 2024 के लिए 195 उम्मीदवारों की अपनी पहली सूची जारी कर दी है. उत्तर प्रदेश में कुल 51 उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की गई है. इसमें से लखीमपुर खीरी से एक बार फिर अजय मिश्रा टेनी को टिकट दी गई है. इसके बाद किसानों ने रोष जताया है. किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि केंद्र सरकार ने हमारे जले पर नमक छिड़का है.
हमारा आंदोलन तब तक समापत नहीं होगा, जब तक अजय मिश्रा टेनी के खिलाफ कारवाई नहीं होती है. एक तरफ केंद्र की सरकार कह रही है कि हम किसानों की मांगे हमदर्दी से मान लेंगे. दूसरी तरफ लखीमपुर खीरी से अजय मिश्रा टेनी को टिकट दे दिया है.
वह लखीमपुर खीरी के किसानों के कातिल हैं. उनके खिलाफ 120 (बी) का पर्चा डला हुआ है. ये काम करके देशभर के किसानों और मजदूरों का हृदय केंद्र सरकार ने दुखी किया है. इसका बदला देशभर के किसान-मजदूर मोदी सरकार से जरूर लेंगे. ये आंदोलन तब तक जारी रखेंगे, जब तक लखीमपुर खीरी का इंसाफ नहीं ले लेते.
जानिए क्या हुआ था लखीमपुर खीरी में
लखीमपुर जिले के तिकुनिया थाना क्षेत्र में 3 अक्टूबर 2021 को तीन कृषि कानून के विरोध में किसान धरना दे रहे थे. इसके साथ ही मंत्री अजय मिश्रा के खिलाफ प्रदर्शन भी कर रहे थे. उस दिन पास के गांव में दंगल का एक कार्यक्रम चल रहा था, जिसमें यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और मंत्री अजय मिश्रा टेनी मौजूद थे.
आरोप है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्रा उर्फ मोनू के इशारे पर थार जीप से प्रदर्शनकारी किसानों को कुचल दिया गया था. घटना में चार किसान की मौत हो गई थी, जबकि कुछ अन्य किसान घायल हो गए थे. इस घटना के बाद भड़की हिंसा में कुल 8 लोगों की मौत हो गई थी. आशीष की थार चला रहे ड्राइवर को भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला था.
आशीष मिश्रा समेत 14 अभियुक्तों पर आरोप तय
बताते चलें कि एडीजे फर्स्ट सुशील श्रीवास्तव की कोर्ट में आशीष मिश्रा उर्फ मोनू समेत सभी 14 आरोपियों पर हत्या और हत्या का प्रयास समेत सभी धाराओं में आरोपी बनाया गया है. कोर्ट का कहना था कि आरोप तय करने के लिए पर्याप्त आधार पाए गए. एडीजी कोर्ट ने 14 अभियुक्तों पर आईपीसी की धारा 147, 148, 149, 326, 307, 302, 120 B, 427 में आरोप तय किए गए हैं. इसके अलावा, मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 177 में भी आरोप तय हुए हैं.
मामले में 27 जनवरी 2023 को मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा उर्फ मोनू को जिला जेल से रिहा कर दिया गया था. न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जेके माहेश्वरी की पीठ ने निर्देश दिया था कि आशीष इस अंतरिम जमानत की अवधि के दौरान उत्तर प्रदेश या दिल्ली में नहीं रहेंगे. हिंसा मामले में लखीमपुर जिला जेल में बंद सुमित जायसवाल, आशीष पांडे और रिंकू राणा को 17 फरवरी 2023 में को रिहा कर दिया गया था.