मंगलवार को बीजेपी बेंगलुरु कार्यालय में बीएस येदियुरप्पा की अध्यक्षता में बीजेपी की आंतरिक बैठक हुई. इस दौरान विपक्ष के नेता की नियुक्ति नहीं करने का मुद्दा उठा. इस मामले पर अपनी निराशा और हताशा व्यक्त करते हुए, बीजेपी विधायकों ने एक कदम आगे बढ़कर येदियुरप्पा से कहा कि अगर, सत्र से पहले LoP की नियुक्ति नहीं की जाती है तो वे बेलगावी शीतकालीन विधानसभा सत्र में शामिल नहीं होंगे. बीजेपी सूत्र के मुताबिक, "बैठक में एक विधायक ने कहा कि वे विपक्ष के नेता के बिना विधानसभा सत्र में शामिल नहीं होंगे."
विधायकों ने कहा कि अभी तक कोई विपक्षी नेता नहीं होने को लेकर कांग्रेस के लगातार हमलों से वे शर्मिंदा हैं. उनके पास देने के लिए कोई जवाब नहीं है. प्रेस वार्ता के दौरान, फॉर्मर सीएम येदियुरप्पा ने कहा, "बेलगावी विधानसभा सत्र के दौरान विपक्ष का एक नेता सुनिश्चित करने के लिए हमारी ओर से सभी प्रयास किए जाएंगे. अंततः, यह हाईकमान पर छोड़ दिया गया है."
बता दें कि कर्नाटक में विधानसभा चुनाव का रण कांग्रेस ने जीता था, लेकिन इसके बाद से बीजेपी में आंतरिक तौर पर सबकुछ ठीक न होने की खबरें सामने आई थीं. नतीजन राज्य में सरकार बन गई और विधानसभा का सत्र भी हो लिया, लेकिन बीजेपी अब तक नेता प्रतिपक्ष नहीं तय कर पाई है. बल्कि बीते सत्र में तो बीजेपी बिना नेता प्रतिपक्ष के ही शामिल हुई थी. अब आगामी समय में विधानसभा का शीतकालीन सत्र होने वाला है, लेकिन इससे पहले ही विधायक नेता प्रतिपक्ष का नाम तय करने की मांग उठा रहे हैं. उनका कहना है कि कांग्रेस लगातार उनपर हमलावर है, लेकिन नेता प्रतिपक्ष न होने के कारण वह कोई जवाब नहीं दे पा रहे हैं.
बता दें कि चुनाव नतीजों के बाद से अलाकमान ने इसको लेकर चर्चा कर दी थी कि प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष नलीन कुमार कतील का कार्यकाल समाप्त हुए करीब एक साल हो गया उनकी जगह नया प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाए लेकिन पार्टी हाईकमान अभी तक नए प्रदेश अध्यक्ष पर फैसला नहीं कर पाई हैं. तमाम कोशिशों के बाद भी कर्नाटक के अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष का नाम घोषित नहीं किया गया.