भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सांसद और दिल्ली के पूर्व पार्टी प्रमुख मनोज तिवारी ने ठीक उस जगह अपना दफ्तर खोलने का फैसला लिया है जहां फरवरी के महीने में हुई हिंसा में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ था.
मनोज तिवारी ने अपना ये नया दफ्तर चांद बाग के उस पेट्रोल पंप के ठीक सामने खोला है, जिसे दंगाइयों ने जला कर राख कर दिया था. चांद बाग के पास ही कांस्टेबल रतन लाल के अलावा अंकित शर्मा की हत्या भी हुई थी, जिसको लेकर हिंसा के बाद खासा बवाल रहा था. लेकिन अब इलाके के सांसद मनोज तिवारी ने उसी जगह अपना दफ्तर खोला है.
हिंसाग्रस्त क्षेत्र में अपना दफ्तर खोलने को लेकर मनोज तिवारी कहते हैं, 'कुछ लोगों की वजह से ये पूरा इलाका बदनाम हुआ और हम वापस सब कुछ सामान्य करना चाहते हैं.'
हालात अभी भी सामान्य नहीं
उन्होंने कहा, 'किसी एक घटना की वजह से हमें हताश होने की जरूरत नहीं है, मैं तमाम लोगों के साथ मिलकर यहां अमन लाने के लिए वचनबद्ध हूं. उम्मीद है कि जल्द ही सब कुछ सामान्य होगा.'
दरअसल फरवरी में हुी हिंसा के 6 महीने बाद भी नॉर्थ ईस्ट दिल्ली के कई इलाकों में माहौल सामान्य नहीं हुआ है. इलाके के लोग अब भी डरे हुए हैं और कई लोग अब भी अपने घर लौटने को तैयार नहीं हैं.
मनोज तिवारी पिछले साल लगातार दूसरी बार नॉर्थ ईस्ट सीट से सांसद चुने गए हैं. ये इलाका पूर्वांचल बहुल होने के साथ ही मुस्लिम बहुल भी है. फरवरी में हुए विधानसभा चुनावों के ठीक बाद पूरे नॉर्थ ईस्ट दिल्ली में हिंसा की आग फैली थी जिसमें हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदायों के 50 से ज्यादा लोगों को जान गंवानी पड़ी और सैकड़ों की संख्या में लोग जख्मी हुए और कई घरों और दुकानों को भी आग लगा दिया गया था.
सांसद मनोज तिवारी का दावा है कि उनके दफ्तर खोलने से इस पूरे इलाके में सद्भावना फैलेगी क्योंकि दफ्तर लोगों से जुड़ने का एक जरिया होगा.