गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर केंद्र सरकार ने पद्म पुरस्कारों का ऐलान कर दिया है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 139 पद्म पुरस्कारों को मंजूरी दी है. पद्म पुरस्कार 2025 की लिस्ट 7 पद्म विभूषण, 19 पद्म भूषण और 113 पद्म श्री पुरस्कार शामिल हैं. पुरस्कार पाने वालों में 23 महिलाएं और 10 विदेशी भी शामिल हैं. 13 लोगों को मरणोपरांत ये सम्मान प्रदान किया जाएगा. इसी क्रम में भारतीय जनता पार्टी के सबसे पुराने कार्यकर्ता रहे नारायण उर्फ भुलई भाई को मरणोपरांत पद्म श्री सम्मान दिया गया है.
कौन थे भुलई भाई?
नारायण उर्फ भुलई भाई भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठतम कार्यकर्ता थे. भुलई भाई 1974 में नौरंगिया से भारतीय जनसंघ से विधायक रहे थे. बीजेपी के गठन के बाद भुलई भाई बीजेपी के कार्यकर्ता बन गए. जब भारतीय जनसंघ की स्थापना हुई तो नारायण उर्फ भुलई भाई एमए के छात्र थे. बता दें कि भुलई भाई ने नौरंगिया विधानसभा क्षेत्र में जीत दर्ज की थी. 1977 में जनसंघ के साथ मिलकर बनी जनता पार्टी के चुनाव चिह्न पर फिर विधायक चुने गए. भुलई भाई की पहचान उनका केसरिया गमछा रहा.
दीनदयाल उपाध्याय से प्रभावित थे भुलई भाई
भुलई भाई ने दीनदयाल उपाध्याय से प्रभावित होकर उनके सिद्धांतों पर चलना शुरू किया था और हमेशा उस रास्ते पर चलते रहे. एमए के बाद उन्होंने एमएड किया. इसके बाद भुलई भाई शिक्षा अधिकारी बन गए, लेकिन 1974 में उन्होंने नौकरी छोड़ दी और सियासत में आकर देश और समाज के लिए कुछ करने की ठानी. इसी साल उनको भारतीय जनसंघ ने अपना उम्मीदवार बनाया और भुलई भाई विधायक बन गए.
अमित शाह ने किया था सम्मानित
साल 2022 में उत्तर प्रदेश में दोबारा योगी आदित्यनाथ की सरकार आने के बाद शपथ ग्रहण समारोह में भुलई भाई खास मेहमान बन कर लखनऊ पहुंच थे. लखनऊ में कार्यकर्ता सम्मेलन में भुलई भाई को अमित शाह ने मंच से नीचे उतर कर सम्मानित किया था.