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तमिलनाडु में जहां एक तरफ चुनाव से पहले बयानों का दौर जारी है वहीं दूसरी तरफ तूतीकोरिन के कोविलपट्टी में 41 लोगों को सीएम पलानीस्वामी को काला झंडे दिखाने के आरोप में हिरासत में लिया गया है. ये लोग यहां सरकार की नीतियों से नाराजगी जाहिर करते हुए विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. प्रदर्शनकारी वन्नियार समुदाय के लिए प्रदान किए गए 10.5 प्रतिशत आरक्षण को लेकर भी नाराज थे.
प्रदर्शनकारियों ने अन्नाद्रमुक विरोधी नारे लगाए और शपथ ली कि वे सरकार को गिराकर रहेंगे. इसके अलावा उन्होंने कहा कि उनके समुदाय के सदस्यों को डीएनटी प्रमाणपत्र भी जारी किए जाएं. तमिलनाडु सरकार ने हाल ही में मोस्ट बैकवर्ड क्लास (एमबीसी) और डीनोटिफाइड कम्युनिटीज के लिए 20 प्रतिशत आरक्षण में वन्नियार समुदाय के लिए 10.5 प्रतिशत का आंतरिक आरक्षण प्रदान किया.
इस आरक्षण से इस समुदाय के सदस्यों को सरकारी नौकरी और शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश में मदद मिलेगी. लेकिन DNT समुदायों के सदस्यों ने सरकार के इस कदम का विरोध किया है और कहा है कि सरकार का यह कदम केवल PMK के सदस्यों को खुश करने के लिए है जो मुख्यतः वन्नियार हैं.
बता दें, तमिलनाडु में छह अप्रैल को मतदान होना है, जबकि वोटों की गिनती अन्य राज्यों के साथ दो मई को की जाएगी. वहीं राज्य में कुल 234 विधानसभा सीटें हैं. तमिलनाडु में सिर्फ एक ही चरण में मतदान किया जाएगा और कोरोना की गाइडलाइंस को सख्ती से लागू किया जाएगा.
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