केरल में अलप्पुझा के कुट्टनाड क्षेत्र में एक किसान ने शनिवार को कथित तौर पर आर्थिक समस्याओं की वजह से अपनी जान इसलिए दे दी क्योंकि उसे सरकार द्वारा खरीदे गए धान की फसल का भुगतान नहीं किया गया था. पुलिस ने यह जानकारी दी. किसान के. जी प्रसाद द्वारा कथित तौर पर लिखा सुसाइड नोट भी मिला है, जिसमें उसने आरोप लगाया है कि राज्य की वामपंथी सरकार तथा कुछ बैंक उसकी मौत के लिये जिम्मेदार हैं.
इस पत्र के सामने आने के बाद राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है. राज्य के कृषि मंत्री पी प्रसाद ने शनिवार रात जारी एक बयान में किसान के निधन पर शोक जताया और कहा कि आत्महत्या के पीछे के कारण की जांच की जाएगी.
सुसाइड नोट में सरकार और बैंकों को ठहराया जिम्मेदार
पुलिस ने बताया कि यहां थकाझी में अंबेडकर कॉलोनी के रहने वाले धान किसान 55 वर्षीय प्रसाद ने शुक्रवार रात जहर खा लिया था. हालांकि उन्हें तिरुवल्ला के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन आज तड़के उनकी मौत हो गई. हालांकि पुलिस ने अभी तक इसकी पुष्टि नहीं की है कि क्या उन्होंने आर्थिक संकट के कारण यह कदम उठाया है, लेकिन प्रसाद के दोस्तों और अन्य किसानों ने आरोप लगाया कि किसान (प्रसाद) को सरकार से उसकी खरीदी गई फसल के लिये भुगतान नहीं मिला, जिसके कारण उसने यह कदम उठाया.
सरकार की सफाई
कृषि मंत्री प्रसाद ने बताया, "प्रारंभिक जांच के अनुसार, यह पाया गया है कि किसान को सभी सरकारी लाभ प्राप्त हुए थे. कृषि भवन ने खेती के लिए धान के बीज और अन्य चीजें दी थीं. पिछले सीजन में उनसे खरीदे गए धान की कीमत भी दी गई थी. सरकार ने वर्ष 2021-22 के लिए पीआरएस बकाए का भुगतान कर दिया है.'
उन्होंने आगे कहा, 'खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग ने सूचित किया है कि वर्ष 2022-23 के लिए पीआरएस ऋण की अगली अदायगी की नियत तारीख अभी नहीं आई है. जिसकी वजह से किसान को व्यक्तिगत ऋण देने से इनकार किया गया, उसकी जांच की जानी चाहिए.'
राज्यपाल आरिफ मुहम्मद खान पास के तिरुवल्ला में एक अस्पताल पहुंचे, जहां मृत व्यक्ति का शव रखा गया था। खान ने कहा कि राज्य में किसान भारी संकट का सामना कर रहे हैं और वह ‘प्रसाद के परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं.’ किसान की मौत पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए विधानसभा में विपक्ष के नेता वी डी सतीसन ने आरोप लगाया कि सरकार धान खरीद में विफल रही और किसानों का भुगतान महीनों से बकाया है.
किसान का सुसाइड लेटर और वीडियो वायरल
मृतक किसान द्वारा लिखे गए एक कथित सुसाइड नोट में, उसने आरोप लगाया कि उसकी मौत के लिए राज्य सरकार और तीन बैंक जिम्मेदार हैं. यह पत्र सुबह कुछ टेलीविजन चैनलों पर प्रसारित किया गया. एक वीडियो कॉल के दृश्य भी चैनलों द्वारा प्रसारित किए गए, जो मृत व्यक्ति ने कथित तौर पर चरम कदम उठाने से ठीक पहले किया था. यह कॉल प्रसाद ने कथित तौर पर आत्महत्या से ठीक पहले की थी.
वीडियो कॉल पर बातचीत में भावुक दिख रहे प्रसाद को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि वह एक असफल व्यक्ति है और बैंक कम ‘सिबिल स्कोर’ के कारण उसे ऋण देने से इनकार कर रहे हैं. किसान ने यह आरोप भी लगाया कि उसे ‘पैडी रिसीट शीट (पीआरएस)’ योजना के तहत फसल कटाई के बाद ऋण के रूप में पिछले सीज़न के लिए धान खरीद मूल्य प्राप्त हुआ था और इसे चुकाने में सरकार की विफलता के कारण बैंकों ने इस बार उसे ऋण देने से इनकार कर दिया.
सरकार बोली जांच जरूरी
कृषि मंत्री ने कहा कि जो किसान अपने बैंक ऋण का एकमुश्त भुगतान करते हैं, उनके सिबिल स्कोर में कमी के कारण बाद में ऋण देने से इनकार कर दिया जाता है, इसकी गहन जांच जरूरी है. मंत्री ने यह भी कहा कि बैंकों को किसानों को खेती के लिए ऋण उपलब्ध कराने में उदार दृष्टिकोण रखना चाहिए.
इससे पहले दिन में, नागरिक आपूर्ति मंत्री जीआर अनिल सरकार का बचाव करते हुए सामने आए और कहा कि पीआरएस बकाया किसान की मौत का कारण नहीं था. उन्होंने सरकार पर कर्ज की रकम नहीं चुकाने के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि किसानों से खरीदे गए धान के पैसे का भुगतान कर दिया गया है. मंत्री ने आगे कहा कि राज्य में ऐसी कोई स्थिति नहीं है, जिसमें किसान पीआरएस बकाया के कारण कम सिबिल स्कोर के कारण बैंक ऋण नहीं ले पा रहे हों.