scorecardresearch
 

एल्गार परिषद: एक्टिविस्ट गौतम नवलखा को भी मिली जमानत, अब तक 7 आरोपियों को मिल चुकी बेल

नवलखा को दी गई जमानत की शर्तें उनके सह आरोपियों प्रोफेसर आनंद तेलतुम्बड़े और महेश राउत की तरह की हैं. इन्हें भी दिसंबर 2017 में पुणे में एल्गार परिषद कॉन्क्लेव के संबंध में गिरफ्तार किया गया था. पुलिस का कहना है कि इससे अगले दिन ही भीमा कोरेगांव युद्ध स्मारक के पास हिंसा भड़क गई थी. 

Advertisement
X
गौतम नवलखा
गौतम नवलखा

बॉम्बे हाईकोर्ट ने 2018 एल्गार परिषद मामले में सामाजिक कार्यकर्ता गौतम नवलखा को मंगलवार को जमानत दे दी. नवलखा को 2018 में गिरफ्तार किया गया था और वह फिलहाल हाउस अरेस्ट हैं.

Advertisement

नवलखा को दी गई जमानत की शर्तें उनके सह आरोपियों प्रोफेसर आनंद तेलतुम्बड़े और महेश राउत की तरह की हैं. इन्हें भी दिसंबर 2017 में पुणे में एल्गार परिषद कॉन्क्लेव के संबंध में गिरफ्तार किया गया था. पुलिस का कहना है कि इससे अगले दिन ही भीमा कोरेगांव युद्ध स्मारक के पास हिंसा भड़क गई थी. 

बता दें कि इस साल अप्रैल में विशेष कोर्ट ने नवलखा को जमानत देने से इनकार करते हुए कहा था कि प्रथम दृष्टया सबूतों से पता चलता है कि नवलखा प्रतिबंधित सीपीआई संगठन का सक्रिय सदस्य है. एनआईए का आरोप है कि एल्गार परिषद का कार्यक्रम भारत सरकार के खिलाफ बहुत बड़ी साजिश थी.

नवलखा ने विशेष कोर्ट के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट का रुख किया था. उन्हें अगस्त 2018 में गिरफ्तार किया गया था और वह तभी से तलोजा सेंट्रल जेल में बंद थे. नवंबर 2022 में सुप्रीम कोर्ट ने नवलखा को उनकी खराब सेहत का हवाला देकर हाउस अरेस्ट की मंजूरी दे दी थी. 

Advertisement

नवलखा की पहले की याचिका का विरोध करते हुए एनआईए ने दावा किया था कि नवलखा का पाकिस्तान के आईएसआई के जनरल से भी संपर्क था. मालूम हो कि एल्गार परिषद मामले में गिरफ्तार 16 सामाजिक कार्यकर्ताओं में से जिन लोगों की जमानत दी गई है, उनमें नवलखा सातवें आरोपी हैं. 

प्रोफेसर आनंद तेलतुम्बड़े, कवि वरवरा राव, वकील सुधा भारद्वाज, वर्नोन गॉन्जेल्विस, अरुण फरेरा और महेश राउत जमानत पर बाहर हैं. वरवरा राव को खराब स्वास्थ्य की वजह से जमानत दी गई है. 

Live TV

Advertisement
Advertisement