बॉम्बे हाईकोर्ट ने नाबालिग रेप पीड़िता की पहचान उजागर करने पर चिंता जताते हुए दो वकीलों पर जुर्माना लगाया है. हाईकोर्ट ने याचिका में पीड़िता की मां की पहचान उजागर करने वाले वकीलों पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगा दिया है.
जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और जस्टिस पृथ्वीराज चव्हाण की पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता के वकीलों ने याचिका में पीड़िता की मां की पहचान उजागर की थी. याचिका में उनका नाम, उनकी तस्वीर, चैट और ईमेल अटैच किए गए थे. बता दें कि पॉक्सो एक्ट के तहत रेप पीड़िताओं की पहचान उजागर करने पर मनाही है.
पीठ ने आरोपी वकीलों ऋषिकेश मुंदारगी और मनोज कुमार तिवारी पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया और 16 जनवरी तक जुर्माने की राशि का भुगतान कीर्तिकर लॉ लाइब्रेरी को करने का निर्देश दिया. पीठ ने इसके साथ ही याचिका में संशोधन कर पीड़िता की मां का नाम और उनकी जानकारी हटाने को भी कहा.
बता दें कि पॉक्सो के तहत पीड़िता की पहचान उजागर करने की मनाही है. किसी भी तरह से पीड़िता और उसके संबंधियों की पहचान उजागर नहीं की जा सकती.
मालूम हो कि इससे पहले जस्टिस रेवती मोहिते ने रेप पीड़िता की पहचान उजागर करने के लिए याचिकाकर्ता के वकील पर 5000 रुपये का जुर्माना लगाया था. अक्टूबर 2022 में पीठ ने याचिका में बेहद आपत्तिजनक तस्वीर लगाने के लिए 25000 रुपये का जुर्माना लगाया था.