बॉम्बे हाई कोर्ट ने तबलीगी जमात मामले में विदेशियों सहित कई लोगों के खिलाफ दायर एफआईआर को खारिज कर दिया है. हाई कोर्ट की औरंगाबाद बेंच के इस फैसले का जमीयत उलेमा हिंद के अध्यक्ष मौलाना सैयद अरशद मदनी ने स्वागत किया है. उन्होंने इस फैसले को ऐतिहासिक करार दिया.
मौलाना सैयद अरशद मदनी ने कहा कि न्यायालय का ये फैसला उन लोगों के मुंह पर जोरदार तमाचा है जो देश की शांति को भंग करने और देश में शत्रुता फैलाने के प्रयास में लगे थे. मौलाना मदनी ने कहा कि तबलीगी जमात को लेकर जिस तरह से मीडिया के एक धड़े ने देश के सामाजिक ताने-बाने और भाईचारे को नष्ट करने का प्रयास किया था, यह फैसला उनके मुंह पर एक तमाचा है. आशा है कि वे अदालत के इस फैसले से सीख लेंगे और महात्मा गांधी के देश में शत्रुता की जगह प्यार और मोहब्बत को बढ़ाने का प्रयास करेंगे.
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असदुद्दीन ओवैसी क्या बोले?
कोर्ट के फैसले के बाद हैदराबाद से सांसद और ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बीजेपी पर निशाना साधा. असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट करते हुए कहा कि यह समयबद्ध निर्णय है. बीजेपी महामारी के संभावित खतरे को कम कर रही थी. बीजेपी को आलोचना से बचाने के लिए मीडिया ने तबलीगी जमात को बलि का बकरा बनाया. इस प्रचार के परिणामस्वरूप पूरे भारत में मुसलमानों को भयानक घृणा और हिंसा का सामना करना पड़ा.
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क्या है कोर्ट का आदेश
बॉम्बे हाई कोर्ट की औरंगाबाद पीठ ने शुक्रवार को तबलीगी जमात मामले में विदेशियों सहित कई लोगों के खिलाफ दायर एफआईआर को खारिज कर दिया. हाई कोर्ट ने कहा कि दिल्ली के मरकज में आए विदेशी लोगों के खिलाफ मीडिया में प्रॉपेगेंडा चलाया गया. ऐसा माहौल बनाकर देश में कोरोना फैलाने के लिए इन्हीं लोगों को जिम्मेदार ठहराने की कोशिश की गई.