मुंबई हाई कोर्ट ने एक मॉल को एनओसी देने के लिए बीएमसी को निर्देश देते हुए कहा कि मॉल सिर्फ शॉपिंग के लिए नहीं है, बल्कि अवकाश, मनोरंजन और अन्य मनोरंजक गतिविधियों के लिए भी हैं. दरअसल शहर के प्रतिष्ठित आर सिटी मॉल के खुले मैदान में तीन दिवसीय अस्थायी आइसक्रीम उत्सव आयोजित किया जाना था. इसकी अनुमति बीएमसी नहीं दे रही थी, जिसको लेकर मॉल ने बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी.
इस याचिका पर जस्टिस जीएस कुलकर्णी और आरएन लड्डा की बेंच सुनवाई कर रही है. कोर्ट ने कहा कि अगर मॉल बड़े पैमाने पर जनता के लाभ के लिए इस तरह के अस्थायी त्योहारों का आयोजन करने के लिए खुले स्थानों का उपयोग करते हैं तो इसमें कुछ भी आपत्तिजनक नहीं है. बीएमसी ने इस आधार पर मॉल को अनुमति देने से इनकार कर दिया था कि मॉल के मनोरंजक/खुले स्थान पर ऐसी व्यावसायिक गतिविधि की अनुमति नहीं है.
तीन दिनों के लिए आयोजन की चाहिए थी इजाजत
मॉल की ओर से पेश वकील मयूर खांडेपारकर और साकेत मोने ने तर्क दिया था कि गतिविधि लगभग तीन दिनों की सीमित अवधि के लिए है और केवल अस्थायी स्टॉल लगाए जाएंगे. उन्होंने आगे कहा कि स्टॉल उन दुकानों द्वारा लगाए जाएंगे जिनके पास मॉल में पहले से ही स्थायी लाइसेंस हैं. बेंच ने अपने आदेश में कहा कि ग्रेटर मुंबई 2034 के विकास नियंत्रण और संवर्धन विनियमों के प्रावधानों के तहत किसी भी अस्थायी वाणिज्यिक गतिविधि पर कोई प्रतिबंध नहीं था.
अस्थायी गतिविधि के लिए कोई रोक नहीं: HC
कोर्ट ने आगे कहा कि मनोरंजक गतिविधियों में मनोरंजन या मनोरंजन से संबंधित गतिविधियां शामिल होंगी. अदालत ने यह भी कहा कि लोग मॉल में न केवल खरीदारी के लिए जाते हैं, बल्कि अवकाश या मनोरंजन के लिए भी जाते हैं, जो कि मॉल में बनाए गए विभिन्न क्षेत्रों जैसे कि कोर्ट, खेल क्षेत्र, सिनेमा या भोजन से मिलता है.
अदालत ने कहा, "ऐसे मामलों में मॉल में आए लोगों को आराम, मनोरंजन के लिए इस तरह के सीमित त्योहारों के आयोजन के लिए ऐसे मॉल अपनी खुली जगह का उपयोग करते हैं तो कुछ भी आपत्तिजनक और अनियमित नहीं है.