scorecardresearch
 

एयरपोर्ट के नामकरण पर बॉम्बे हाई कोर्ट का निर्देश- नीति बनाए केंद्र सरकार

जनहित याचिका के जरिए निर्देश दिए जाने की मांग की गई है कि मंत्रालय को राज्य और देश के एयरपोर्ट्स के नामकरण के साथ-साथ नाम बदलने के लिए एक नीति, प्रक्रिया और रूपरेखा तैयार करनी चाहिए.

Advertisement
X
बॉम्बे हाई कोर्ट
बॉम्बे हाई कोर्ट
स्टोरी हाइलाइट्स
  • एयरपोर्ट के नामकरण केस की सुनवाई 16 जुलाई को होगी
  • ज्योतिरादित्य सिंधिया बने देश के नए नागरिक उड्डयन मंत्री
  • आपके पास नया मंत्री, उड्डयन मंत्रालय का यही पहला काम हो-HC

बॉम्बे हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका (PIL) पर सुनवाई के दौरान, मुख्य न्यायाधीश जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस जीएस कुलकर्णी की बेंच ने कहा, 'एक नीति बननी चाहिए. अगर यह मसौदा है तो इसे अंतिम रूप दें. यदि कोई नीति नहीं है तो एक नीति बनाएं. कैबिनेट फेरबदल के बाद आपके पास एक नया मंत्री है. नागरिक उड्डयन मंत्रालय का यह पहला काम हो.'

Advertisement

याचिका वकील फिल्जी फ्रेडरिक की ओर से दायर की गई है, जो व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश हुए और बताया कि हर बार किसी भी क्षेत्र में एक नया एयरपोर्ट होता है, एक बड़ा राजनीतिक हंगामा होता है और एयरपोर्ट के नामकरण का एक छोटा सा मुद्दा कानून और व्यवस्था के मुद्दे पैदा कर देता है. ज्योतिरादित्य सिंधिया ने देश के नए नागरिक उड्डयन मंत्री के रूप में कार्यभार संभाल लिया है.

हाल ही में नवी मुंबई में, ऐसे विरोध प्रदर्शन हुए जिनमें लोग चाहते हैं कि आने वाले एयरपोर्ट का नाम स्थानीय नेताओं के नाम पर रखे जाएं. इस मामले को ध्यान में रखते हुए, बेंच ने अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह, जो अदालत में केंद्र सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे थे, से कहा कि नामकरण के इस छोटे से मुद्दे पर, राज्य सरकार को लगना पड़ा क्योंकि प्रदर्शन के दौरान कोविड प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने वाले 25,000 लोगों की भीड़ थी.

Advertisement

इसे भी क्लिक करें --- सिंधिया को नागरिक उड्डयन मंत्रालय मिला, पिता माधव राव को भी मिला था ये विभाग

एयरपोर्ट के नामकरण पर कोई नीति नहींः याचिकाकर्ता

वकील फ्रेडरिक ने बताया कि एयरपोर्ट के नामकरण के बारे में कोई नीति नहीं है. उन्होंने कहा, कि सामान्य तौर पर राज्य सरकार प्रस्ताव पेश करती है और इसे विधानसभा में अंतिम रूप दिया जाता है और फिर इसे केंद्र सरकार या उड्डयन मंत्रालय को भेजा जाता है तब एयरपोर्ट का नाम तय होता है.

उन्होंने बताया कि लोकसभा में एक सवाल का जवाब देते हुए कहा गया था कि एयरपोर्ट्स के नाम शहर के नाम पर रखे जाएंगे क्योंकि लोगों के नाम पर निर्णय लेने के लिए संघर्ष का मुद्दा हमेशा बना रहता है. मौजूदा नाम नहीं बदले जाएंगे लेकिन नए एयरपोर्ट्स के नाम उनके शहर के अनुसार रखे जाएंगे. लेकिन यह केवल एक मसौदा नीति है लेकिन अभी तक कुछ भी अंतिम रूप नहीं दिया गया है.

जनहित याचिका के जरिए एक निर्देश दिए जाने की मांग की गई है कि मंत्रालय को राज्य और देश के एयरपोर्ट्स के नामकरण के साथ-साथ नाम बदलने के लिए एक नीति, प्रक्रिया और रूपरेखा तैयार करनी चाहिए, जिससे किसी भी प्रकार की राजनीतिक या सामाजिक उथल-पुथल और अनुचित विवाद न हो.

Advertisement

कोर्ट ने अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह से विमानन मंत्रालय से इस मुद्दे पर और जानकारी लेने को कहा है. कोर्ट इस मामले की सुनवाई 16 जुलाई को करेगी. खास बात यह है कि केंद्र में नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल विस्तार के दौरान ज्योतिरादित्य सिंधिया को नागरिक उड्डयन मंत्री बनाया गया है.

 

Advertisement
Advertisement