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'पहले क्रांतिकारी थे, जेल जाने से पहले बदल गए सावरकर,' रणदीप हुड्डा पर बोस परिवार का हमला

वीर सावरकर पर अपकमिंग बायोपिक को लेकर सोशल मीडिया पर विवाद छिड़ गया है. नेताजी सुभाष चंद्र बोस के पौत्र चंद्र कुमार बोस ने फिल्म एक्टर रणदीप हुड्डा पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा, सावरकर की विचारधारा और नेताजी की विचारधारा एकदम विपरीत थी. नेताजी बहुत ही धर्मनिरपेक्ष नेता थे. उन्होंने उन लोगों का विरोध किया जो सांप्रदायिक थे.

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नेताजी सुभाष चंद्र बोस के पौत्र चंद्र कुमार बोस. (फाइल फोटो)
नेताजी सुभाष चंद्र बोस के पौत्र चंद्र कुमार बोस. (फाइल फोटो)

बॉलीवुड एक्टर रणदीप हुड्डा की अपकमिंग फिल्म स्वतंत्र वीर सावरकर का टीजर रिलीज होने के बाद नया विवाद खड़ा हो गया है. नेताजी सुभाष चंद्र बोस के पौत्र चंद्र कुमार बोस ने हुड्डा के दावे की निंदा की है. उन्होंने दावे को पब्लिसिटी स्टंट बताया है. चंद्र कुमार बोस ने कहा, नेताजी सुभाष चंद्र बोस सिर्फ दो महान हस्तियों से प्रेरित थे. एक स्वामी विवेकानंद हैं, जो उनके आध्यात्मिक गुरु थे और दूसरे स्वतंत्रता सेनानी देशबंधु चितरंजन दास थे, जो उनके राजनीतिक गुरु थे.

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बता दें कि वीर सावरकर की बायोपिक का पोस्टर जारी करने के बाद रणदीप हुड्डा ने दावा किया कि सावरकर ने भगत सिंह और खुदीराम बोस के साथ नेताजी सुभाष चंद्र बोस जैसे स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को भी प्रेरित किया था. रणदीप हुड्डा ने अपने ट्वीट में अंग्रेजों द्वारा मोस्ट वांटेड इंडियन का जिक्र किया है. हुड्डा के दावे पर सोशल मीडिया में विवाद खड़ा हो गया है. 

'सावरकर और नेताजी की विचारधारा विपरीत थी'

चंद्र कुमार बोस ने आगे कहा, मुझे नहीं लगता कि इन दो व्यक्तियों के अलावा नेताजी सुभाष चंद्र बोस किसी अन्य स्वतंत्रता सेनानी से प्रेरित थे. सावरकर एक महान व्यक्तित्व थे, एक स्वतंत्रता सेनानी थे, लेकिन सावरकर की विचारधारा और नेताजी की विचारधारा एकदम विपरीत थी. इसलिए, मुझे कोई कारण नहीं दिखता कि नेताजी, सावरकर के सिद्धांतों और विचारधारा को फॉलो करते होंगे. उन्होंने वास्तव में सावरकर का विरोध किया था.

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'नेताजी धर्मनिरपेक्ष थे, सांप्रदायिकता का विरोध किया'

'आजतक' से बातचीत में चंद्र कुमार बोस ने कहा, नेताजी ने अपने लेखन में स्पष्ट रूप से कहा कि ब्रिटिश साम्राज्यवादी सत्ता के खिलाफ स्वतंत्रता आंदोलन में हम सावरकर और मोहम्मद अली जिन्ना से कुछ भी उम्मीद नहीं कर सकते हैं. भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में हिंदू महासभा और मुहम्मद अली जिन्ना से उम्मीद भी कुछ नहीं की जा सकती है. नेताजी बहुत ही धर्मनिरपेक्ष नेता थे. उन्होंने हमेशा उन लोगों का विरोध किया, जो सांप्रदायिक थे. 

'चंद्र कुमार ने सावरकर पर उठाए सवाल'

सांप्रदायिकता का शरद चंद्र बोस और नेताजी सुभाष चंद्र बोस दोनों भाइयों ने पूरी तरह से विरोध किया था. तो आप कैसे उम्मीद करते हैं कि नेताजी सावरकर को फॉलो या समर्थन करेंगे? सावरकर पूरी तरह सांप्रदायिक विचारधारा का पालन करते थे. सेलुलर जेल जाने से पहले वे भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में एक क्रांतिकारी थे, वो भारत की आजादी चाहते थे लेकिन बाद में वह बदल गए.

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'गलत इतिहास पेश करना बड़ा अन्याय होगा'

बोस ने कहा, रणदीप हुड्डा का दावा बिल्कुल गलत है. रणदीप हुड्डा एक प्रसिद्ध अभिनेता हैं, मैं उनसे अनुरोध करना चाहता हूं कि वे सही इतिहास, भारत के स्वतंत्रता संग्राम के सच्चे इतिहास को पेश करें. मुझे लगता है कि यदि आप गलत इतिहास पेश करते हैं तो यह वर्तमान युवा पीढ़ी के साथ बहुत बड़ा अन्याय होगा. यह कहना पूरी तरह से गलत है कि सुभाष चंद्र बोस, शहीद भगत सिंह और खुदीराम बोस सावरकर की विचारधारा से प्रेरित थे और उनका अनुसरण करते थे, बल्कि उन्होंने उनकी विचारधारा का पुरजोर विरोध किया. नेताजी सुभाष चंद्र बोस के परिजनों ने भी उनके दावे को अपराध बताया.

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चंद्र कुमार बोस ने कहा, फिल्म के निर्देशक विवाद पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं ताकि फिल्म को कुछ माइलेज मिल सके. लेकिन कुछ लाभ पाने के लिए गलत इतिहास पेश करना एक अपराध है, इसकी अनुमति नहीं दी जानी चाहिए और मुझे लगता है कि हर किसी को कुछ भी पेश करने का अधिकार है लेकिन मुझे नहीं लगता कि किसी को भी गलत इतिहास पेश करने का अधिकार है.

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