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भारतीय बिजनेसमैन प्रमोद मित्तल पर बोस्निया में लगा क्राइम ग्रुप चलाने का आरोप, जानिए पूरा मामला

भारतीय कारोबारी प्रमोद मित्तल पर बोस्निया में क्राइम ग्रुप चलाने का आरोप लगा है. प्रमोद मित्तल और अन्य दो भारतीय GIKIL के पूर्व महाप्रबंधक, परमेश भट्टाचार्य और इसके पर्यवेक्षी बोर्ड के एक पूर्व सदस्य रजीब दाश  को 2019 की गर्मियों में बोस्निया में गिरफ्तार किया गया था. प्रमोद मित्तल, भारतीय इस्पात कारोबारी लक्ष्मी मित्तल के छोटे भाई हैं.

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भारतीय बिजनेसमैन प्रमोद मित्तल (फोटो- AFP)
भारतीय बिजनेसमैन प्रमोद मित्तल (फोटो- AFP)

भारतीय व्यवसायी प्रमोद मित्तल पर बोस्निया में संगठित क्राइम ग्रुप का नेतृत्व करने और कार्यालय का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया गया है. वह उत्तर पूर्वी शहर लुकवाक में कोक प्लांट के सुपरवाइजरी बोर्ड के प्रमुख हैं. 

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प्रमोद मित्तल, भारतीय इस्पात कारोबारी लक्ष्मी मित्तल के छोटे भाई हैं. उनके खिलाफ संगठित अपराध समूह का नेतृत्व करने का आरोप लगाया गया था, जिसने कथित तौर पर ग्लोबल इस्पात कोकसना इंडस्ट्रिजा लुकावैक (GIKIL) से करीब 11 मिलियन यूरो निकालने में मदद की थी.  

कारोबारी पर आरोप है कि उन्होंने 2003 में 51 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने के लिए 23 लाख यूरो नहीं दिए, उसके बावजूद मेटलर्जिकल कोक निर्माता का नियंत्रण लिया. इस मामले में प्रमोद मित्तल के साथ ही कंपनी के प्रंबंधन के दो भारतीय और 5 बोस्नियाई लोगों पर संगठित अपराध, करप्शन और कार्यालय के दुरुपयोग समेत कई आरोप लगाए गए हैं. 

प्रमोद मित्तल को क्यों किया गया था गिरफ्तार?

प्रमोद मित्तल और अन्य दो भारतीय GIKIL के पूर्व महाप्रबंधक, परमेश भट्टाचार्य और इसके पर्यवेक्षी बोर्ड के एक पूर्व सदस्य रजीब दाश  को 2019 की गर्मियों में बोस्निया में गिरफ्तार किया गया था. मित्तल को 1 मिलियन यूरो और अन्य दोनों को 250,000 यूरो की जमानत पर रिहा कर दिया गया था. साल 2019 में तुजला में कैंटोनल कोर्ट ने मित्तल को GIKIL को कथित नुकसान के लिए लगभग 11 मिलियन यूरो जमा करने का आदेश दिया था. गुरुवार को अदालत ने कहा कि अभियोजकों ने जमानत रद्द करने और मित्तल व अन्य भारतीयों को फिर से गिरफ्तार करने के लिए अपील दायर की थी. हालांकि आरोपियों ने अभीतक कोई जवाब दिया या नहीं, ये स्पष्ट नहीं है.
 

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