WFI भविष्य ख़तरे में?
हमेशा देर कर देता हूँ मैं. देर.... रेस्लिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया ने भी कर दी है.... नया WFI चीफ तलाशने में. जिसका नतीज़ा अब भारत के पहलवानों को भुगतना पड़ेगा. यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग ने रेस्लिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया को अनिश्चितकाल के लिए सस्पेंड कर दिया है. 30 मई को पहले चेतावनी दी थी. कहा था- 15 जुलाई तक चुनाव करवाएं वरना सस्पेंशन के लिए तैयार रहें.
जून बीत गया, जुलाई भी. आख़िरकार 12 अगस्त चुनाव की तारीख़ तय की गई. मगर वोटिंग से ठीक एक दिन पहले कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा की अगुवाई वाली हरियाणा कुश्ती संघ ने चुनाव को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती दे दी. तर्क था कि चुनाव में उसे वोटिंग का अधिकार नहीं दिया गया जबकि वो WFI और हरियाणा ओलिंपिक एसोसिएशन से एफिलिएटेड है. दलीलें सुनने के बाद हाईकोर्ट ने चुनाव पर 28 अगस्त तक के लिए रोक लगा दी.
वो भी तब जब WFI के नए पदाधिकारियों के लिए उम्मीदवारों की फाइनल लिस्ट भी जारी हो चुकी थी. टक्कर 2010 कॉमनवेल्थ गेम्स की चैम्पियन अनीता श्योराण और यूपी के संजय सिंह के बीच होना था. संजय सिंह को बृजभूषण का करीबी माना जाता है.
दरअसल, इसी साल जनवरी और अप्रैल में पहलवान साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया की अगुआई में पहलवानों ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया था. पहलवानों ने WFI के तत्कालीन अध्यक्ष बृजभूषण सिंह पर यौन शोषण के आरोप लगाए. विवाद बढ़ा तो इंडियन ओलिंपिक एसोसिएशन ने WFI को भंग करते हुए एडहॉक कमेटी बनाकर उसे WFI के नए पदाधिकारियों के चुनाव कराने की जिम्मेदारी सौंप दी थी.
अब यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग के फैसले के बाद भारतीय पहलवान 16 से 22 सितंबर के बीच सर्बिया में होने वाली पुरुषों की वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप में ऑथोराइज्ड न्यूट्रल एथलीट की कैटेगरी से खेलेंगे.
लेकिन सवाल ये है कि चुनाव का मामला जब हाई कोर्ट में अटका पड़ा है तो ऐसे में यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग का रेस्लिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया को सस्पेंड करना कितना जायज है, दिन भर में सुनने के लिए क्लिक करें
BRICS में 6 देशों की ही एंट्री क्यों?
दक्षिण अफ्रीका के लोग जिस जगह को जोबर्ग या इन दिनों जोज़ी कहने लगे हैं, उस जोहान्सबर्ग में आज ब्रिक्स का पन्द्रहवां सम्मिट पूरा हो गया. ब्राज़ील, रूस, इंडिया, चाइना और साउथ अफ्रीका के गठजोड़ वाले इस समूह ने तय किया है कि अब वे 6 और देशों के साथ आगे की यात्रा करेंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज इन देशों की लीडरशिप और आवाम को ब्रिक्स की सदस्यता के लिए बधाई भी दी.
आज तो महज़ ऐलान हुआ. लेकिन अर्जेंटीना, ईरान, संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, इथियोपिया और इजिप्ट; ये सभी 6 देश एक जनवरी 2024 से ब्रिक्स के औपचारिक तौर पर सदस्य हो जाएंगे. अब तक यह ग्रुप पाँच उभरती हुई अर्थव्यवस्था का मंच हुआ करता था. जहां दुनिया भर की करीब 40 फीसदी आबादी रहती है. जिनका वैश्विक जीडीपी में कंट्रीब्यूशन करीब 32 फ़ीसदी का है.
अंतरराष्ट्रीय विषयों में रुचि लेने वाले जानकार बताते हैं कि ब्रिक्स के इतने बड़े कैनवास ही की वजह से दुनिया के कई छोटे-बड़े देशों को फोमो हो गया था यानी फियर ऑफ मिसिंग आउट; कि वे इस समूह का हिस्सा क्यों नहीं? रूस-यूक्रेन जंग के बाद तो ख़ासकर दुनियाभर में जो जियो पोलिटिकल शिफ्ट आया है, उसमें ब्रिक्स के सहारे कई देश ख़ुद की आवाज़ बुलंद करना चाहते हैं.
सवाल है कि 20 से भी अधिक देश ब्रिक्स के साथ जुड़ने के लिए बेताब थे, पर 6 को चुना गया, सलेक्शन का बेसिस क्या रहा, और हां, इनकी एंट्री भारत के लिए कैसी है, दिन भर में सुनने के लिए क्लिक करें
चंद्रयान-4 में इंसान को भेजेगा भारत?
चांद पर कल हम पहुंच गए. उसके बाद साउथ पोल के करीब चंद्रयान 3 का सर्च ऑपरेशन शुरू हो चुका है. दुनिया इसरो की वाह-वाह करने में जुटी है. लेकिन भारत जुटा है अपने अगले मून मिशन पर. प्रोजेक्ट का नाम है लूपेक्स, जिसमें इसरो का साथ जापान दे रहा है. मिशन 2026 तक लॉन्च होगा.
एक बात और. चंद्रयान 3 से पहले इजराइल, जापान और रूस ने कोशिश की कि वो चांद के साउथ पोल पर उतर सके मगर उसके हाथ असफलता लगी. हालिया समय में चीन का लूनर प्रोजेक्ट्स सबसे ज़्यादा सफल रहा है. 2013 में उसने स्पेशशिप चांग-ई 3 को चांद पर उतारा. इसके बाद 2019 में चांग-ई 4 भी चांद पर उतरने में सफल रहा.
और पीछे जाएं तो 24 दिसंबर 1968 को नासा ने अपोलो 8 मिशन लॉन्च किया था जो चंद्रमा की कक्षा का चक्कर काटने वाला पहला मानव मिशन बना था. इसके बाद अपोलो 9 और अपोलो 10 लॉन्च किया गया मगर असफल रहा.
20 जुलाई 1969 को अपोलो 11 लॉन्च किया गया. मिशन में तीन अंतरिक्ष यात्री भेजे गए. इसी मिशन में नील आर्मस्ट्रांग चांद पर कदम रखने वाले पहले इंसान बने. लेकिन आगे भी क्या कोई देश चाँद पर मानव मिशन लांच करने वाला है.
इसपर बात होगी लेकिन पहले ये जानते हैं कि साउथ पोल के करीब पर जिन देशों ने स्पेस क्राफ्ट भेजने की कोशिश की उनका स्पेस क्राफ्ट असफल क्यों रहा, चंद्रयान 3 से वो कितना अलग था, दिन भर में सुनने के लिए क्लिक करें.
नेशनल अवार्ड में कॉमर्शिलय फिल्मों का बोल-बाला
2022 नेशनल फिल्म अवॉर्ड्स का ऐलान हो गया है. फीचर फिल्म की 31 कैटेगरी, नॉन फीचर फिल्म की 24 कैटगरी और बेस्ट राइटिंग की तीन कैटेगरी में अवॉर्ड्स का ऐलान किया गया. विक्की कौशल की फिल्म सरदार उद्धम को बेस्ट हिंदी फिल्म का अवार्ड मिला. बेस्ट गुजराती फिल्म पैन नलिन के निर्देशन में बनी द छेल्लो शो बनी है. इस बार सबसे ज्यादा मजबूत टक्कर आलिया भट्ट और कंगना रनौत की थी जिसमें बाज़ी आलिया भट्ट फिल्म गंगूबाई काठियावाड़ी ने मार ली. RRR के हिस्से भी कई अवार्ड आए हैं जिसपर हम बात भी करेंगे.
1954 में नेशनल फिल्म अवार्ड की स्थापना हुई. भारतीय सिनेमा का सर्वोच्च पुरस्कार है. बीते साल बेस्ट एक्टर का अवार्ड अजय देवगन और साउथ एक्टर सूर्या ने साझा किया था. अजय को फिल्म तान्हाजी और सूर्या को फिल्म सोरारई पोटरु के लिए यह पुरस्कार दिया गया था.
इस बार ज्यादातर कमर्शियल फिल्में ही नेशनल अवार्ड लेती दिखाई पड़ीं. पिछले साल भी यही हुआ था. ऐसा क्यों, दिन भर में सुनने के लिए क्लिक करें