महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के मामले में बुधवार को राउस एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान आरोपी बृजभूषण शरण सिंह के वकील ने कहा कि मंगोलिया, जकार्ता में हुई घटना का ट्रायल भारत में नहीं चल सकता है. उन्होंने कहा कि CrPc के तहत जहां पर घटना हुई है, उसी जगह पर उसका ट्रायल होना चहिए. रेप, छेड़छाड़, प्रताड़ित करने को उसी समय होने वाला अपराध माना जाता है. इसको लगातार होने वाला अपराध नहीं माना जाता है.
वकील ने कहा कि पहली शिकायतकर्ता ने बृजभूषण पर कर्नाटक के बेल्लारी में शोषण का आरोप लगाया है. कर्नाटक के बेल्लारी और लखनऊ के ट्रायल भी दिल्ली में नहीं किये जा सकते. पहली शिकायतकर्ता ने दिल्ली में अशोक रोड और सिरीफोर्ट ऑडिटोरियम में शोषण की घटना का आरोप लगाया है. उसने आरोप लगाया है कि बृजभूषण ने उसको 20-25 सेकेंड के लिए कस कर गले लगाया था. इसके बाद 21 अशोक रोड स्थित आवास में उसको गलत भाव से टच करने का आरोप लगाया है.
उन्होंने कहा कि 2017 और 2018 के आरोपों पर 2023 में शिकायत की गई. शिकायत में देरी को लेकर कोई भी ठोस वजह नहीं बताई गई है, बस यही कहा गया कि वह अपने करियर को लेकर दबाव में थी. रेसलिंग में अमूमन मेल कोच होते हैं. ऐसा कोई नियम नहीं है कि महिला पहलवान के लिए महिला कोच होगी. जब कोई बड़ा इवेंट होता है तो वहां पर अक्सर देखने को मिलता है कि कोच खिलाड़ियों को गले लगाते हैं.
दोनों मामलों में बृजभूषण को मिल चुकी है जमानत
बता दें कि बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ सात पहलवानों ने यौन उत्पीड़न के आरोपों में दो केस दर्ज करवाए थे. पहला केस नाबालिग महिला पहलवान द्वारा की गई शिकायत के आधार पर किया था. जबकि दूसरा केस 6 बालिग महिला पहलवानों की शिकायत पर दर्ज किया था. पुलिस ने पिछले दिनों दोनों मामलों में चार्जशीट दाखिल की थी. नाबालिग द्वारा लगाए गए आरोपों में दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण को क्लीन चिट दी थी.
दरअसल, नाबालिग महिला पहलवान अपने बयान से पलट गई थी. जबकि बालिग महिला पहलवानों की शिकायत पर दर्ज केस में पुलिस ने रॉउज एवन्यू कोर्ट में बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ धारा 354, 354-A एवं D के तहत चार्जशीट दाखिल की थी. इसी मामले में बृजभूषण जमानत की मांग कर रहे हैं.