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सुप्रीम कोर्ट पहुंचा बुलडोजर से ढहाये जा रहे घरों का मामला, जमीयत उलेमा-ए-हिन्द ने दी याचिका

बुलडोजर से ढहाये जा रहे घरों का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. जमीयत उलेमा-ए-हिन्द ने उच्चतम न्यायालय में इसके खिलाफ याचिका दी है.

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उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और गुजरात में बुलडोजर से एक्शन
उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और गुजरात में बुलडोजर से एक्शन
स्टोरी हाइलाइट्स
  • जमीयत उलेमा-ए-हिन्द की सुप्रीम कोर्ट में याचिका
  • जमीयत उलेमा-ए-हिन्द ने पहले अमित शाह को पत्र लिखा था

बुलडोजर से ढहाये जा रहे घरों का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. जमीयत उलेमा-ए-हिन्द ने सुप्रीम कोर्ट में इसके खिलाफ याचिका दायर की है. जमीयत उलेमा-ए-हिन्द ने कहा है कि उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और गुजरात में मुसलमानों की संपत्तियों पर बुलडोजर चलाया जा रहा है.

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याचिका में सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया गया है कि राज्यों को आदेश दें कि अदालत की अनुमति के बिना किसी के घर या दुकान को गिराया नहीं जाएगा. याचिका में केन्द्र सरकार के साथ उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और गुजरात राज्य की सरकारों को पार्टी बनाया गया है.

जमीयत उलेमा-ए-हिन्द की तरफ से इमदादी कमेटी के सचिव गुलज़ार अहमद आज़मी ने याचिका दायर की है.

अमित शाह को भी लिखा था पत्र

सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने से पहले जमीयत उलेमा ए हिंद ने गृह मंत्री अमित शाह को भी पत्र लिखा था. इस चिट्ठी में उन्होंने अमित शाह से कहा है कि खरगोन में अब मुस्लिमों के घरों और बाकी सम्पत्तियों पर बुलडोज़र चलाया जा रहा है जो एक चिंता का विषय है. पत्र में कहा गया कि मुसलमानों की संपत्तियों को टारगेट किया जा रहा है.

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बता दें कि बीते कुछ वक्त से उत्तर प्रदेश में अपराधियों के खिलाफ बुलडोजर से कार्रवाई जारी है. इसमें उनकी अवैध संपत्तियों को बुलडोजर की मदद से गिराया गया था. अब इसी महीने मध्य प्रदेश के खरगोन में जब रामनवमी पर हिंसा हुई तो उसके बाद वहां भी ऐसा ही किया गया. इसके बाद गुजरात से भी ऐसी ही तस्वीरें सामने आईं. बुलडोजर वाले एक्शन के खिलाफ भी आवाजें उठ रही हैं. विपक्षी दलों आदि का कहना है कि इसमें निर्दोषों और दोषी साबित होने से पहले भी एक्शन लिया जा रहा है.

 

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