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कर्नाटक चुनाव के साथ चार राज्यों में भी उपचुनाव, एक लोकसभा और 4 विधानसभा सीटों पर इलेक्शन

10 मई को कर्नाटक विधानसभा चुनाव के साथ ही चार राज्यों की एक लोकसभा और चार विधानसभा सीटों पर भी उपचुनाव कराए जाएंगे. चुनाव आयोग ने बुधवार को इसकी घोषणा की है. सभी जगहों पर मतगणना 13 मई को होगी.

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चुनाव आयोग ने उपचुनावों की तारीखों का ऐलान कर दिया है (File Photo)
चुनाव आयोग ने उपचुनावों की तारीखों का ऐलान कर दिया है (File Photo)

कर्नाटक में विधानसभा चुनावों का ऐलान हो चुका है. चुनाव आयोग ने बुधवार को घोषणा की कि 10 मई को कर्नाटक विधानसभा चुनाव कराए जाएंगे. इसके साथ ही चुनाव आय़ोग ने चार राज्यों की एक लोकसभा और चार विधानसभा सीटों पर भी इसी दिन उपचुनाव कराने का ऐलान किया है. वहीं सभी जगहों पर मतगणना 13 मई को होगी. दरअसल, कांग्रेस सांसद संतोख सिंह चौधरी (76) की इस साल जनवरी में भारत जोड़ो यात्रा में हिस्सा लेने के दौरान दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई थी. जिसके चलते जालंधर लोकसभा सीट खाली हुई थी.

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इसके अलावा ओडिशा में झारसुगुड़ा विधानसभा सीट के लिए भी उपचुनाव की भी घोषणा की गई है. ये सीट इस साल जनवरी में एक पुलिस अधिकारी द्वारा गोली मारकर नबा किशोर दास की मौत के कारण खाली हुई है. वहीं समाजवादी पार्टी के विधायक और आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम खान को दोषी ठहराए जाने के बाद अयोग्य ठहराया गया है. जिससे उत्तर प्रदेश के रामपुर की स्वार टांडा विधानसभा सीट खाली हुई है. उन्हें 2008 में हाईवे पर 'धरना' से संबंधित एक मामले में दोषी ठहराया गया था और दो साल की जेल की सजा सुनाई गई थी. 

तीसरी विधानसभा सीट अपना दल के मौजूदा विधायक राहुल प्रकाश कोल के कैंसर के कारण निधन के कारण खाली हुई है. वह उत्तर प्रदेश छन्बे सीट से विधायक थे. मेघालय की सोहियोंग विधानसभा सीट पर भी उपचुनाव होगा, जहां यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी (यूडीपी) के एक उम्मीदवार के निधन के कारण चुनाव स्थगित कर दिया गया था.

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वायनाड लोकसभा सीट पर अभी उपचुनाव नहीं

न्यूज एजेंसी के मुताबिक कर्नाटक विधानसभा चुनाव की घोषणा के लिए बुलाई गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि वायनाड लोकसभा सीट पर उपचुनाव की घोषणा करने की कोई जल्दी नहीं है, क्योंकि ट्रायल कोर्ट ने सांसद के रूप में अयोग्य ठहराए गए राहुल गांधी को अपील दायर करने के लिए एक महीने का समय दिया है. 

उन्होंने कहा कि वायनाड संसदीय क्षेत्र में रिक्ति को इस साल 23 मार्च को अधिसूचित किया गया था और कानून के अनुसार छह महीने के भीतर उपचुनाव कराना होता है. कानून यह भी कहता है कि यदि कार्यकाल की शेष अवधि एक वर्ष से कम है, तो चुनाव नहीं होगा. वायनाड के मामले में शेष कार्यकाल एक वर्ष से अधिक है. 

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