आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की दुनिया में पहचान बना चुकी 39 साल की सूचना सेठ (Suchana Seth) अब पुलिस की गिरफ्त में है. पुलिस ने उसका मेडिकल टेस्ट कराया है. आठ जनवरी की रात को बेटे की हत्या करने के बाद वह गोवा से कैब लेकर बेंगलुरू निकली थी. इस कैब को चला रहे ड्राइवर रेजोन डिसूजा ने उस काली रात के बारे में विस्तार से आजतक को बताया है.
अपने चार साल के बेटे की हत्या के बाद गोवा से बेंगलुरू वापस लौटने के दौरान कर्नाटक के चित्रदुर्ग के पास सूचना सेठ को कर्नाटक पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. कार में रखे उसके बैग में बेटे का शव भी कर्नाटक पुलिस ने बरामद कर लिया था.
रात में अर्जेंट में बेंगलुरु जाने के लिए होटल से आया था फोन
ड्राइवर डिसूजा ने बताया कि आठ और नौ जनवरी की दरमियानी रात को होटल से कॉल आया था. मुझे बोला कि अर्जेंट बेसिस पर एक सवारी को बंगलोर ड्रॉप करना है. जल्द से जल्द कैब भेजने को बोला था. रात करीब 12:30 बजे का टाइम फिक्स किया था. सफर लंबा था और करीब 550 किलोमीटर से ज्यादा का रास्ता तय करना था, जिसमें करीब 12 घंटे लगने थे.
लिहाजा, हम दो ड्राइवर पहुंचे थे क्योंकि अर्जेंट बेसिस पर बेंगलुरू पहुंचना था. हम लोगों को था कि रास्ते में गाड़ी रोकेंगे. नींद पूरी नहीं होगी, इसलिए दो ड्राइवर कार लेकर पहुंचे थे. रात करीब 1 बजे मैडम (सूचना सेठ) गाड़ी में बैठी. बोली मेरा बैग लेकर आओ. मैंने होटल के रिसेप्शन से काले रंग का बैग उठाया.
बैग लेकर आया, तो बैग मुझे बहुत भारी लगा. मैंने पूछा बैग इतना भारी क्यों हैं? क्या इसमें शराब की बोतल है. उन्होंने कहा हां. उस वक्त उतना शक नहीं हुआ था. पता ही नहीं था कि उसके अंदर चार साल के बच्चे की लाश होगी. फिर गाड़ी में बैग रखकर मैं भी बैठ गया और हम बेंगलुरु की तरफ रवाना हो गए.
पूरे सफर के दौरान एकदम शांत थी सूचना सेठ
ड्राइवर डिसूजा ने बताया कि पूरे रास्ते, पूरी जर्नी में महिला एकदम चुप थी. गाड़ी स्टार्ट करने के बाद जब हम लोग गार्ड सेक्शन पर पहुंचे- गोवा कर्नाटक के बॉर्डर पर, तो वहां पूरा रोड जाम हो गया. तब उधर पुलिस थी. मैंने पुलिस को पूछा कि सर इधर कितना टाइम लगेगा? पुलिस वाले ने बोला जाम खुलने में लगभग 4 घंटे का समय लगेगा.
एयरपोर्ट वापस जाने के बारे में पूछने पर मैडम ने किया इंकार
मैं गाड़ी में वापस आया और मैडम को दो घंटा ज्यादा ही बोला कि मैडम जाम लगा है, तो 5-6 घंटे लगेंगे. आप को चाहिए तो यू टर्न लेकर एयरपोर्ट पर छोड़ दूंगा. आप चाहें, तो फ्लाइट बुक कर सकती हैं. तब वो बोली, नहीं जब ट्रैफिक खुलेगा तब जाएंगे. कोई दिक्कत नहीं है. तब मुझे थोड़ा अजीब लगा क्योंकि एक तरफ तो इनको बेंगलुरु जाने की जल्दी थी. दूसरी तरफ ट्रैफिक जाम होने के बाद भी नो प्रॉबलम बोल रही हैं.
गोवा पुलिस का फोन आया, तो मैडम से कराई बात
बाद में हम डायरेक्ट बेंगलुरू के लिए निकल गए. कर्नाटक बॉर्डर क्रॉस किया. अचानक गोवा पुलिस का कॉल आया. बोला कि आप रात को होटल से एक औरत को लेकर गए हैं. क्या उनके साथ कोई बच्चा है? मैंने बोला नहीं है. मैंने पूछा कि क्या हुआ? उन्होंने बोला उनके होटल से कॉल आया कि होटल के रूम के अंदर ब्लड मिला, हमें शक है कि उनके साथ एक बच्चा था, जो लापता है.
मैंने बोला मैडम से बात कर लो, मैडम ने पुलिस से बात की. बाद में पुलिस ने बोला 15 मिनट दो, फिर कॉल करता हूं. आगे जाकर फिर पुलिस का कॉल आया कि जो मैडम ने एड्रेस और डिटेल्स दिया, वो सब फेक निकला. अब 100 परसेंट कन्फर्म हैं कि कुछ गड़बड़ है.
दोबारा पुलिस ने सीधे कर्नाटक के थाने में जाने को कहा
इसके बाद गोवा पुलिस ने कहा कि जैसे ही रास्ते में कोई पुलिस स्टेशन दिखे, वहां गाड़ी रोको और हमें कॉल करो. तो ऐसे चलाते हुए मैंने गूगल मैप देखा, तो पास में कोई पुलिस स्टेशन दिखा. लेकिन वो बैक था यू टर्न लेकर. अगर मैं यू-टर्न लेता, तो अलार्म बजता. लिहाजा, मैंने वो मैंने नहीं किया. मैं गाड़ी को आगे बढ़ाते हुए पुलिस स्टेशन को देखने लगा.
कर्नाटक में साइन बोर्ड की लैंग्वेज से आई परेशानी
कर्नाटक में सारे बोर्ड वहां की भाषा में थे. तो कुछ समझ नहीं आ रहा था. बाद में मैंने मेरे साथ जो ड्राइवर था, उससे कहा कि अब एक रेस्टोरेंट में रोकता हूं. तुम एक काम करो वॉश रूम में जाकर उधर ही रुको. मैंने जीपीएस से पास का पुलिस स्टेशन देखा, तो नहीं मिला. फिर मैंने एक गार्ड से पूछा, तो उसने बताया की 500 मीटर आगे आई मंगला पुलिस स्टेशन है.
फिर मैंने पुलिस को कॉल किया. पुलिस स्टेशन पहुंचने से पहले कि अभी मैं पहुंचने वाला हूं. इसके बाद मैं गाड़ी मैं बैठा और कार को आगे लेकर चल दिया. जैसे ही पुलिस स्टेशन में गाड़ी लगाई. मैडम ने बोला यहां क्यों लाए. मैंने बोला कि मुझे पुलिस का बहुत कॉल आ रहा था. उनको आप से बात करनी है.
बच्चे की लाश मिलने के बाद भी शांत थी सूचना सेठ
मैंने गाड़ी से उतर के कार्नाटक पुलिस को फोन दे दिया. पुलिस ने गोवा से पुलिस से बात की. गाड़ी की तलाशी ली. मैडम से बात की. गाड़ी में रखे बैग को खोला गया, तो उसके अंदर से कपड़े के नीचे छिपाई गई बच्चे की लाश मिली. तब भी महिला नॉर्मल थी. कोई पैनिक नहीं. इस दौरान उसने 12 घंटे बॉडी के साथ ट्रैवल किया. पूरे रास्ते महिला एक दम शांत थी. न फोन बजा, न किसी से फोन पर बात की. एक बार शायद होटल से कॉल आया था उनको.