केंद्र की कैबिनेट की बैठक में बुधवार को कई अहम फैसले लिए गए हैं. कैबिनेट ने गन्ना खरीद की कीमत में आठ फीसदी की बढ़ोतरी को मंजूरी दी है. कैबिनेट ने गन्ना खरीद की कीमत को 315 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 340 रुपये प्रति क्विंटल करने को मंजूरी दी है. इस तरह गन्ने की कीमत 25 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ी है.
कैबिनेट की मीटिंग के बाद केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि मोदी सरकार ने बीते 10 सालों से किसान कल्याण के लिए काम किया है. 2014 से पहले किसानों को खाद के लिए भी सड़कों पर उतरना पड़ता था. उस समय गन्ने की कीमत सही नहीं मिलती थी. दो-दो साल इंतजार करना पड़ता था. लेकिन मोदी सरकार ने इस दिशा में बेहतरीन काम किया है.
ठाकुर ने कहा कि 2019-20 में 75,854 करोड़ रुपये गन्ना किसानों को मिला है. 2020-21 में 93,011 करोड़ रुपये मिला है. 2021-22 में किसानों को 1.28 लाख करोड़ रुपये मिले हैं. वहीं, 2022-23 में 1.95 लाख करोड़ रुपये मिले हैं. ये पैसे सीधे इनके खाते में भेजे गए. हम किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.
'पशु इंश्योरेंस को किया जाएगा प्रोत्साहित'
अनुराग ठाकुर ने बताया कि मोदी कैबिनेट का दूसरा बड़ा फैसला नेशनल लाइवस्टॉक के तहत एक सबस्कीम शुरू की जा रही है. इससे घोड़े-ऊंट, गधा-खच्चर की संख्या घट रही है और देसी नस्ल की प्रजातियां खत्म होने की कगार पर हैं. तो पशुधन को बचाने के लिए नेशनल लाइवस्टॉक एक्सचेंज चलाया जा रहा है. ब्रीड मल्टीफिकेशन पर काम हो रहा है. एंटरप्रेन्योर के रूप में कोई व्यक्ति हो, सेल्फ हेल्प ग्रुप हो, इन सबको 50 फीसदी सब्सिडी दी गई है. इसकी अधिकतम सीमा 50 लाख रुपये रखी गई है.
उन्होंने बताया कि घोडे, ऊंट, गधा, खच्चर के लिए ब्रीड मल्टीफिकेशन का काम किया जाएगा. चारे की उपलब्धता को बढ़ाने के लिए डिग्रेडेड फॉरेस्ट लैंड को चारे के प्रोडक्शन के काम में लिया जाएगा. इसके लिए भी सब्सिडी दी जाएगी. सभी प्रकार के पशुधन का इंश्योरेंस करने का लाभ मिलेगा. सबमें एक समान प्रीमियम देना होगा. पहले 20 से 50 फीसदी प्रीमियम देना पड़ता था, अब 15 फीसदी देना होगा. रिसर्च एंड डेवलपमेंट के लिए चैलेंज मेथड के आधार पर प्राइवेट इंस्टीट्यूशन को 50 फीसदी सब्सिडी अधिकतम 5 करोड़ रुपये तक मिलेगी. इससे छोटे और सीमांत किसानों को बड़ा लाभ मिलने जा रहा है.
अनुराग ठाकुर ने बताया कि तीसरा बड़ा फैसला फ्लड मैनेजमेंट और बॉर्डर एरिया प्रोग्राम को लेकर है. इस प्रोग्राम को 4100 करोड़ रुपये की राशि उपलब्ध करवाई गई है 2021-22 से 2025-26 तक इसमें 2,930 करोड़ फ्लड मैनेजमेंट के लिए दिया जाएगा. इसका फंडिंग का पैटर्न 60:40 का रेशो रहेगा. 60 फीसदी केंद्र देगी जबकि बाकी का राज्य सरकार देगी.
महिला सुरक्षा को लेकर कैबिनेट का अहम फैसला
उन्होंने बताया कि महिला सुरक्षा के लिए हर कदम हमारी सरकार ने उठाए. फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाए. कानून बनाए. इमरजेंसी की स्थिति में महिलाओं को 24 घंटे, सातों दिन सहायता के लिए एक हेल्पलाइन नंबर 112 की शुरुआत भी की गई. कानून में हमने संशोधन भी किया. रेप के मामलों में सजा की बढ़ोतरी भी की गई.
2025-26 तक एक स्कीम लागू करने का फैसला लिया गया है. इसमें चौबीसों घंटे इमरजेंसी हेल्पलाइन नंबर 112 की सेवा को बढ़ाया जाएगा. साइंटिफिक और समयबद्ध जांच के लिए हम 6 साइबर फोरेंसिक साइंस लैब बनाने जा रहे हैं, जो पुणे, चंडीगढ़, दिल्ली, भोपाल में होगी. नेशनल फोरेंसिक डेटा सेंटर की स्थापना भी की जाएगी. साइबर फॉरेंसिक की क्षमता बढ़ाने के लिए राज्यों को उपकरण भी देंगे और ट्रेनिंग भी देंगे. अब तक 13,500 थानों में महिला हेल्प डेस्क और 827 एंटी ह्यमून ट्रैफिक यूनिट स्थापित की गई है. 3,129 थानों में महिला हेल्प डेस्क और बनाई जाएगी.
महिला और बच्चों के खिलाफ अपराध रोकने के लिए हर साल 5 हजार जवानों को ट्रेनिंग दी जाएगी. इस पर 2021-22 से 2025-26 तक 1,179 करोड़ रुपये का खर्च किया जाएगा. जांच को और इफेक्टिव बनाने में सहायता मिलेगी, जिससे अपराधियों को उचित सजा भी दिलाई जा सकेगी और महिलाओं को न्याय भी मिलेगा.
ठाकुर ने कैबिनेट की रात को हुई ब्रीफिंग में बताया गया कि केंद्र ने अंतरिक्ष में एफडीआई को भी मंजूरी दी है. स्पेस सेक्टर को मोदी सरकार ने जैसे ही खोला तो कई उपलब्धियां हैं. इसके अलावा हमारा चंद्रयान मिशन जो हुआ, वो दुनिया का कोई देश नहीं कर पाया.
उन्होंने बताया कि स्पेस इकोनॉमी का बहुत अवसर है और इसको विकसित करने के लिए कमर्शियल एक्टिविटीज को बढ़ावा देने के लिए 6 अप्रैल 2023 को इंडियन स्पेस पॉलिसी को मंजूरी दी गई थी. मौजूदा समय में एफडीआई पॉलिसी के तहत सैटेलाइट ऑपरेशन के रूट में 100 फीसदी एफडीआई की मंजूरी है. स्पेस सेक्टर में एफडीआई पॉलिसी को और उदार करने का फैसला लिया है. सैटेलाइट के कंपोनेंट, सिस्टम या सबसिस्टम की मैन्युफैक्चरिंग में 100 फीसदी एफडीआई को मंजूरी दी गई है.
उन्होंने बताया कि सैटेलाइट की एंड टू एंड मैन्युफैक्चरिंग, सप्लाई और ऑपरेशन, ग्राउंड सेग्मेंट और यूजर सेग्मेंट एक्टिविटीज आदि में अब 74 फीसदी तक एफडीआई की अनुमति होगी. लॉन्च व्हीकल और स्पेस पोर्ट्स में 39 फीसदी एफडीआई की अनुमति दी गई है.