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असमः कछार में बाढ़ का पानी पीने के लिए मजबूर हुए लोग, अब राशन का भी संकट

असम में बाढ़ ने जनजीवन अस्त व्यस्त कर दिया है. यहां कछार जिले में हालात इतने बदतर हो गए हैं कि लोग बाढ़ का पानी पीने के लिए मजबूर हैं. इतना ही नहीं, यहां अब राशन का भी संकट पैदा हो गया है.

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कछार जिले में बाढ़ से हालात बेकाबू हो गए हैं
कछार जिले में बाढ़ से हालात बेकाबू हो गए हैं
स्टोरी हाइलाइट्स
  • बाढ़ के बेकाबू हो गए हैं हालात
  • मणिपुर ने बढ़ाया मदद का हाथ

असम में बाढ़ की वजह से हालात बेकाबू हो गए हैं. आलम ये है कि कछार जिले के ग्रामीण इलाके में पीने के पानी का भी संकट पैदा हो गया है. लिहाजा ग्रामीण बाढ़ का पानी पीने के लिए मजबूर हैं. इतना ही नहीं, स्थानीय लोगों को राशन की समस्या से भी जूझना पड़ रहा है. आटा, चावल, तेल, दूध सरीखी खाद्य सामग्री के लिए लोग भटक रहे हैं, लेकिन दुकानों में यह उपलब्ध ही नहीं है. क्योंकि बाढ़ की वजह से यातायात ठप है. क्षेत्र के कई हिस्सों में खाद्य सामग्री नहीं पहुंच पा रही है.

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जहां बाढ़ ने कछार जिले में तबाही मचा दी है. वहीं सिलचर शहर के भी हालात भी भयावह हो गए हैं. यहां अभी भी कई लोग फंसे हुए हैं. सड़कों पर पानी भरा हुआ है. यातायात पूरी तरह से ठप हो गया है. बाढ़ के चलते हालात ऐसे हो गए हैं कि सड़कों पर नाव चल रही हैं. जो जहां था, वहीं पर फंसा हुआ है. 

बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लोग पानी और राहत सामग्री के लिए परेशानी का सामना कर रहे हैं. जानकारी के मुताबिक कछार जिले में भयावह हालात को देखते हुए मणिपुर सरकार ने सहयोग के लिए हाथ बढ़ाया है. लिहाजा मणिपुर से 40 एसडीआरएफ के जवान राहत सामग्री के साथ कछार जिले में पहुंचे. 

एसडीआरएफ के जवानों ने जिले में कई स्थानों पर कैंप लगाकर लोगों को राशन दिया. इतना ही नहीं, जो लोग बाढ़ में फंसे हुए हैं, उन लोगों को भी एसडीआरएफ के जवानों ने निकालकर सुरक्षित स्थान तक पहुंचाया.

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वहीं कछार जिला प्रशासन की ओर से भी बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के लोगों को सहायता प्रदान की जा रही है. जिला उपायुक्त कीर्ति जल्ली लगातार क्षेत्रों का निरीक्षण कर रही हैं. साथ ही अधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश दिए गए हैं. (रिपोर्ट- दिलीप कुमार सिंह)

 

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