पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के दौरान हुई हिंसा को लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग और राज्य सरकार को फटकार लगाई है. साथ ही हाईकोर्ट ने कहा कि चुनाव परिणाम मामलों के आखिरी आदेशों के अधीन हैं और याचिकाओं के फैसले से ये तय होगा. तब तक कोई पंचायत बॉडी नहीं बन सकेगी.
बुधवार को चुनाव बाद हिंसा और कदाचार के मामलों की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगननम की खंडपीठ ने राज्य चुनाव आयोग को सभी विजयी उम्मीदवारों को सूचित करने का निर्देश दिया कि उनके परिणाम इस अदालत द्वारा पारित किए जाने वाले अगले आदेशों के अधीन हैं. हाई कोर्ट ने भी राज्य को फटकार लगाई और चुनाव के बाद हुई हिंसा पर नाराजगी जताई. कोर्ट ने कहा, “न्यायालय यह जानकर आश्चर्यचकित है कि परिणाम घोषित होने के बाद भी राज्य हिंसा रोकने में सक्षम नहीं है."
दरअसल, चुनाव में हुई हिंसा को लेकर हाईकोर्ट में तीन रिट याचिकाएं दायर हुईं. इनमें आरोप लगाए गए हैं कि कैसे नागरिकों की स्वतंत्रता से समझौता किया गया है और पुलिस निर्दोष नागरिकों की मदद नहीं कर रही है, जो परिणाम घोषित होने के बाद भी प्रभावित हो रहे हैं.
मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा, “यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है कि शांति का कोई उल्लंघन न हो. यदि राज्य सरकार अपने नागरिकों की सुरक्षा करने की स्थिति में नहीं है, तो यह ध्यान देने योग्य बहुत गंभीर मामला है. इसलिए, जब अदालत ने मामले को जब्त कर लिया है, तो यह कहने की आवश्यकता नहीं है कि अब तक जो कुछ भी किया गया है, वह चुनाव के संचालन के लिए है और परिणामों की घोषणा अंतिम आदेशों के अधीन होगी जो पारित हो सकते हैं."
आगे कहा गया, "इस पहलू पर राज्य चुनाव आयोग द्वारा उन सभी उम्मीदवारों को ध्यान दिया जाना चाहिए, जिन्हें निर्वाचित घोषित किया गया है और सूचित किया जाना चाहिए कि उनके निर्वाचित होने की घोषणा इन रिट याचिकाओं के साथ-साथ इस न्यायालय द्वारा पारित किए जाने वाले अगले आदेशों के अधीन है.”
हाई कोर्ट ने राज्य चुनाव आयोग को चुनाव से जुड़े सीसीटीवी फुटेज समेत सभी रिकॉर्ड सुरक्षित रखने का भी निर्देश दिया है. अगली सुनवाई 20 जुलाई को होगी.