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कनाडा: जांच आयुक्त ने निज्जर की हत्या के ट्रूडो के आरोपों को किया खारिज, नहीं मिले भारत की संलिप्तता के सबूत

कनाडा की जांच आयुक्त मैरी-जोसे हॉग ने खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत की संलिप्तता के आरोपों का खंडन किया है. आयुक्त ने कहा कि कनाडाई खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों द्वारा मामले की शुरुआती जांच में पता चला है कि ये हत्या गैंग या क्रिमिनल से संबंधित था. इस मामले में भारत की संलिप्तता कोई नहीं लिंक नहीं मिला है.

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जस्टिन ट्रूडो. (फाइल फोटो)
जस्टिन ट्रूडो. (फाइल फोटो)

कनाडा के निवर्तमान प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को बड़ा झटका देते हुए कनाडा की जांच आयुक्त मैरी-जोसे हॉग ने खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत की संलिप्तता के आरोपों का खंडन किया है. आयुक्त ने कहा कि कनाडाई खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों द्वारा मामले की शुरुआती जांच में पता चला है कि ये हत्या गैंग या क्रिमिनल से संबंधित था. इस मामले में भारत की संलिप्तता का कोई नहीं लिंक नहीं मिला है.

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उन्होंने इस बात पर गंभीर सवाल उठाया कि ट्रूडो ने कनाडा की संसद में इस मुद्दे को बिना किसी सबूत के क्यों उठाया. ट्रूडो द्वारा शुरू की गई विदेशी इंटरफेरेंस कमेटी ने ये भी निष्कर्ष निकाला कि निज्जर की हत्या में किसी भी फॉरेंन स्टेट के शामिल होने के संबंध साबित नहीं हो सकता है.

क्या कहता हैं रिपोर्ट का पेज नंबर 103

उन्होंने रिपोर्ट के पेज नंबर 103 का हवाला देते हुए कहा कि रिपोर्ट का पेज 103 स्पष्ट रूप से कहता है, ऐसी अफवाहें थीं कि निज्जर की मौत का संबंध किसी तरह भारत सरकार से था, लेकिन यह कनाडा की खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों की शुरुआती जानकारी नहीं थी. शुरुआती जांच में ये पता चला था कि हत्या गिरोह या आपराधिक संबंधित थी और प्रधानमंत्री को इस बारे में सूचित किया गया था.

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इसके अलावा रिपोर्ट में कहा गया है कि किस तरह से गलत सूचनाएं फैलाने वाले कैंपेन का इस्तेमाल जवाबी रणनीति के रूप में किया गया, जिससे संकेत मिलता है कि भारत की कथित संलिप्तता पर ट्रूडो के बयान राजनीति से प्रेरित हो सकते हैं.

प्रधानमंत्री ने कहा, “राज्य के हितों के विपरीत फैसलों को दंडित करने के लिए सूचनाओं का इस्तेमाल जवाबी रणनीति के रूप में भी किया जाता है. हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत की संदिग्ध संलिप्तता के बारे में प्रधानमंत्री की घोषणा के बाद ये एक भ्रामक प्रचार कैंपेन का मामला हो सकता है.

चुनाव में दखल का आरोप

वहीं, कनाडा की कई रिपोर्ट में भारत पर चुनाव में दखल का आरोप भी लगाया है. उल्लेखनीय है कि विदेशी हस्तक्षेप समिति की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि चीन के बाद भारत कनाडा की चुनावी प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने वाला दूसरा सबसे सक्रिय देश है. 

प्रधानमंत्री ने कहा, “पीआरसी की तरह भारत भी विश्व मंच पर एक महत्वपूर्ण अभिनेता है. कनाडा और भारत ने दशकों से एक साथ काम किया है, लेकिन अब संबंधों में बहुत चुनौतियां हैं जो भारत की फॉरेन इंटरफेरेंस एक्टिविटी की जानकारी दे रहा है. हालांकि, भारत के विदेश मंत्रालय ने इन दावों को सिरे से खारिज कर दिया था और कहा कि कनाडा भारत के आंतरिक मामलों में लगातार दखल दे रहा है.

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भारत-कनाडा में राजनीतिक मतभेद

ट्रूडो के आरोपों के बाद कनाडा ने अक्टूबर 2024 में छह भारतीय राजनयिकों को एजेंड करार देते हुए निष्कासित कर दिया. इसके जवाब में भारत ने छह कनाडाई राजनयिकों को निष्कासित कर दिया और मामले के चार प्रभारी स्टीवर्ट व्हीलर, चार्जे डी'एफ़ेयर को तलब कर भारतीय अधिकारियों पर आधारहीन टारगेट की निंदा की.

इसके इतर अब कनाडा के जांच आयुक्त ने ट्रूडो के दावों को खारिज कर दिया है और विदेश हस्तक्षेप समिती एक निश्चित भारत की संलिप्तता स्थापित करने में विफ रहे. ट्रूडो के भारत पर बिना ठोस सबूत के आरोप लगाने के फैसले ने गंभीर सवाल खड़े किए हैं. 

ट्रूडो के पीएम पद छोड़ने के ऐलान के बाद जांच आयुक्त के खंडन के बाद बिना ठोस सबूत के भारत पर आरोप लगाने का ट्रूडो के फैसले और उनकी सरकार की विश्वसनीयता अब सवालों के घेरे में है.माना जा रहा है कि क्या उनका ये कदम घरेलू मुद्दों से ध्यान हटाने का एक राजनीतिक कदम था या गलत इंफॉर्मेशन का मामला बहुत दूर चला गया था?

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