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कैंसर के मरीजों की तादाद 2025 तक कितनी होगी? सरकार ने संसद में बताया

राज्यसभा में मंगलवार को कैंसर से लेकर कोरोना के ओमिक्रॉन सब वैरिएंट और अंग प्रत्यारोपण तक से जुड़े सवाल पूछे गए. लिखित सवालों के स्वास्थ्य राज्यमंत्री भारती प्रवीण पवार ने जवाब दिए हैं. उन्होंने ये बताया है कि देश में 2025 तक कैंसर पीड़ितों की तादाद कितनी पहुंचने के अनुमान हैं?

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कैंसर को लेकर सवाल का सरकार ने दिया जवाब (प्रतीकात्मक तस्वीर)
कैंसर को लेकर सवाल का सरकार ने दिया जवाब (प्रतीकात्मक तस्वीर)

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कैंसर से जुड़े एक सवाल के लिखित जवाब में कहा है कि देश में कैंसर के मरीजों की तादाद 2022 में 14 लाख 60 हजार थी. इसके 2025 तक बढ़कर 15 लाख 70 हजार तक पहुंचने का अनुमान है. इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च नेशनल कैंसर रजिस्ट्री प्रोग्राम (ICMR-NCRP) की रिपोर्ट का हवाला देते हुए सरकार की ओर से मंगलवार को राज्यसभा में ये जानकारी दी गई.

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स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने अपने जवाब में कैंसर की रोकथाम के लिए सरकार की ओर से उठाए गए कदमों को लेकर भी विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने कहा कि डायबिटीज, उच्च रक्तचाप और कैंसर जैसी बीमारियों की रोकथाम और जांच के लिए व्यापक अभियान शुरू किए जाने की भी जानकारी दी. स्वास्थ्य राज्यमंत्री ने राज्यसभा में बताया कि 30 साल से अधिक उम्र के लोगों में ओरल, ब्रेस्ट और सर्वाइकल कैंसर की जांच का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.

उन्होंने कहा कि इन कॉमन कैंसर के लिए आयुष्मान भारत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर योजना के तहत जांच की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी. स्वास्थ्य राज्यमंत्री ने राज्यसभा में अपने लिखित जवाब में ये भी बताया कि स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग कैंसर, मधुमेह, हृदय रोग और स्ट्रोक (एनपीसीडीसीएस) की रोकथाम और नियंत्रण के लिए राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के तहत राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को तकनीकी और वित्तीय सहायता देता है.

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अंग प्रत्यारोपण के लिए कहीं भी करा सकेंगे पंजीकरण

स्वास्थ्य राज्यमंत्री ने केंद्र सरकार की ओर से कैंसर केयर के लिए उठाए गए कदमों का भी जिक्र किया और कहा कि 19 राज्य कैंसर संस्थान और 20 टेर्टिअरी केयर कैंसर सेंटर स्थापित किए जाने को मंजूरी दिए जाने की भी जानकारी दी. उन्होंने अंग प्रत्यारोपण को लेकर नियमों में बदलाव की भी जानकारी दी और कहा कि इस प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए अब निवास प्रमाण पत्र की अनिवार्यता को खत्म कर दिया गया है. अब मरीज देश के किसी भी राज्य में जाकर अंग प्रत्यारोपण के लिए अपना पंजीकरण करा सकते हैं.

देश में ओमिक्रॉन सब वैरिएंट मौजूद

स्वास्थ्य राज्यमंत्री ने एक अन्य सवाल के लिखित जवाब में कहा है कि कोरोना के जीनोमिक्स कंसोर्टियम के जरिए जिन नमूनों का विश्लेषण किया गया, उनमें से 1900 से अधिक में ओमिक्रॉन सब वैरिएंट की जानकारी मिली है. उन्होंने ये भी बताया कि चीन, सिंगापुर, हांगकांग, कोरिया, थाईलैंड और जापान से आने-जाने वाले यात्रियों के लिए पहले एयर सुविधा पोर्टल पर फॉर्म अनिवार्य किया गया था. बाद में इन देशों में घटते कोरोना केस को देखते हुए 10 फरवरी को नई गाइडलाइंस जारी कर इसे हटा दिया गया.

 

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