एयर इंडिया के विमान में पेशाब की घटना का मामला दिल्ली हाई कोर्ट पहुंचा है. दिल्ली हाई कोर्ट ने मामले मे आरोपी शंकर मिश्रा की याचिका पर नोटिस जारी किया है. मामले में आरोपी शंकर मिश्रा ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा है कि जब उनके खिलाफ मामले मे FIR दर्ज हुई उससे पहले ही एयर इंडिया के पास उनकी बेगुनाही साबित करने के लिए दस्तावेज थे. उन दस्तावेजों की मांग करते हुए उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है.
मिश्रा का कहना है कि वो दस्तावेज़ अब तक उन्हें नहीं दिए गए जो उनकी बेगुनाही साबित करेंगे. एयर इंडिया ने उनकी बेगुनाही साबित करने वाले दस्तावेज छुपाए. उनको मीडिया के जरिए उन दस्तावेजों के बारे में जानकारी मिली. मिश्रा के मुताबिक एयर इंडिया और केबिन सुपरवाइजर के बीच नवंबर में हुए ईमेल के आदान-प्रदान में कहा गया है कि वह नशे में नहीं थे. वह पूरे समय शांत थे. मिश्रा का कहना है कि जून और जुलाई के महीनों में मीडिया के सूत्रों के जरिए उक्त उड़ान के पायलटों, चालक दल और एयर इंडिया के बीच कुछ पत्राचार और दस्तावेजों के बारे में चौंकाने वाली जानकारी थी. जिसमें स्पष्ट रूप से बताया गया था कि उस मामले मे वह निर्दोष था.
मिश्रा का कहना है कि जून और जुलाई के महीनों में मीडिया के सूत्रों के जरिए उक्त उड़ान के पायलटों, चालक दल और एयर इंडिया के बीच कुछ पत्राचार और दस्तावेजों के बारे में चौंकाने वाली जानकारी थी. जिसमें स्पष्ट रूप से बताया गया था कि उस मामले मे वह निर्दोष था. इससे यह स्पष्ट हो जाता है कि एयर इंडिया को उनको कारण बताओ नोटिस देने से बहुत पहले ही पता था कि वह याचिकाकर्ता निर्दोष है.
फिलहाल मामला अपीलीय समिति के समक्ष लंबित है. मिश्रा ने अपीलीय समिति के द्वारा उन्हें संबंधित दस्तावेजों को देने का निर्देश देने में विफल रहने के आदेश को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी है.