दिल्ली पुलिस ने नई दिल्ली के चाणक्यपुरी इलाके में अमेरिकी दूतावास की शिकायत के बाद बड़े पैमाने पर वीजा धोखाधड़ी करने वाले एक रैकेट में शामिल पंजाब, हरियाणा और अन्य राज्यों से 30 से अधिक लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है.
यूएस एंबेसी के अधिकारियों ने शिकायत में कहा कि पंजाब , हरियाणा और दूसरे राज्यों के एजेंट ऑनलाइन वीजा एप्लीकेशन में एप्लीकेंट के बारे में गलत जानकारियां दे रहे हैं. शिकायत में ऐसे कई केसों का जिक्र है, जिसमें फर्जी डॉक्यूमेंट जमा किए जा रहे हैं.
इस मामले में 27 फरवरी को शिकायत दर्ज की गई थी. FIR के अनुसार, धोखाधड़ी के एक्टिविटी मई और अगस्त 2024 के बीच हुईं, जहां एंबेसी ने अमेरिकी सरकार को धोखा देने के लिए एजेंटों और आवेदकों के बीच साजिश के 21 कथित मामलों को सामने रखा.
ये मामले ऐसे वक्त में सामने आया है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में अमेरिकी सरकार वीजा धोखाधड़ी और अवैध आव्रजन पर नकेल कस रही है.
31 लोगों को बनाया आरोपी
अमेरिकी दूतावास ने वीजा एजेंटों और आवेदकों सहित 31 लोगों को आरोपी बनाया है जो अमेरिकी वीजा प्राप्त करने के लिए बैंक स्टेटमेंट, शैक्षिक प्रमाण पत्र और रोजगार रिकॉर्ड जैसे दस्तावेजों में जालसाजी करने में कथित रूप से शामिल थे.
'फर्जी डॉक्यूमेंट से दे रहे है धोखा'
एफआईआर में कहा गया है, 'एजेंटों पर अमेरिकी ऑनलाइन वीजा आवेदनों, डीएस-160 पर फर्जी जानकारी प्रस्तुत करने और आवेदकों को फर्जी दस्तावेज उपलब्ध कराने का संदेह है, ताकि फर्जी जानकारी, गलत बयानी और फर्जी दस्तावेजों के आधार पर अमेरिकी वीजा प्राप्त करने के लिए भारत में अमेरिकी दूतावास और अमेरिकी सरकार को धोखा दिया जा सके.'
इसमें कहा गया है, 'मई से अगस्त 2024 की अवधि के दौरान, हमारे कार्यालय (अमेरिकी एंबेसी) ने प्रासंगिक जांच की और कई आईपी एड्रेस से जुड़े व्यक्तियों की एक व्यापक सूची तैयार की, जिनके वीजा सलाहकारों, डॉक्यूमेंट वेंडर (शैक्षणिक प्रमाण पत्र, बैंक डॉक्यूमेंट और रोजगार सर्टिफिकेट), पासपोर्ट डिलिवरी एड्रेस और शिक्षा सलाहकारों से जुड़े होने का संदेह है.'
वीजा एजेंट वसूल रहे थे मोटी रकम
जांच में एंबेसी को पता चला कि कई वीजा एजेंट फर्जी डॉक्यूमेंट तैयार करने के लिए एप्लीकेंटों से एक लाख से 15 लाख रुपये तक वसूल रहे थे. अमेरिकी एंबेसी द्वारा बताए गए ऐसे ही एक मामले में एजेंट ने 13 लाख रुपये में एक एप्लीकेंट के वीजा की प्रक्रिया में मदद करने का वादा किया था.