देश अभी कोरोना संक्रमण से जूझ रहा है, ऐसे में जीका वायरस (Zika Virus) भी पैर पसारने लगा है. आलम ये है कि यूपी के तीन शहरों को जीका वायरस संक्रमण ने अपनी चपेट में ले लिया है. कानपुर और कन्नौज के बाद अब राजधानी लखनऊ (Lucknow) में भी जीका वायरस (Zika Virus) के मरीज मिले हैं. इससे स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों में हड़कंप मचा हुआ है. जिन शहरों में जीका के केस मिल रहे हैं, वहां अधिक सावधानी बरती जा रही है. इसके साथ ही प्रशासन भी अलर्ट हो गया है.
डॉक्टर्स का कहना है कि जीका वायरस से बचने के लिए सावधानी बरतना बेहद जरूरी है. जीका वायरस मच्छर के कारण फैलता है. यह खतरनाक है, लेकिन सही समय पर इलाज मिलने से स्थिति कंट्रोल हो सकती है. जीका वायरस के लक्षण महसूस होने पर लापरवाही बरतना भारी पड़ सकता है. इसके लिए जरूरी है कि तुरंत डॉक्टर से सलाह लें.
जीका वायरस के लक्षण क्या हैं?
डॉक्टर्स के मुताबिक बुखार, लाल चकत्ते, मांसपेशियों में दर्द, सिर में दर्द होना, उल्टी आने पर सतर्क हो जाएं. यह जीका वायरस के लक्षण हो सकते हैं. जीका के लक्षण काफी हद तक फ्लू से मिलते -जुलते ही हैं. कई बार इसके लक्षण साफ नजर नहीं आते हैं या फिर काफी हल्के होते हैं. डॉक्टर्स के मुताबिक प्रेग्नेंट महिलाएं अगर इस तरह के लक्षणों को महसूस करती हैं तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें.
क्या होता है जीका वायरस
जीका वायरस मच्छर के कारण फैलता है. ये वायरस एडीज एजिप्टी प्रजाति के मच्छर के काटने से होता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार एडीज मच्छर ज्यादातर दिन में काटते हैं. ये वही मच्छर है जो डेंगू, चिकनगुनिया फैलाता है. अधिकतर लोगों के बीच जीका वायरस का संक्रमण कोई गंभीर समस्या नहीं है, लेकिन ये गर्भवती महिलाओं के लिए और खासतौर से भ्रूण के लिए बेहद खतरनाक हो सकता है.
जीका से बचने के लिए ये सावधानी बरतें
जीका संक्रमण से बचने के लिए इसके मच्छर से बचना जरूरी है. इसके लिए इंसेक्ट रिपेलेंट का इस्तेमाल करें. साथ ही फुल स्लीव्स के कपड़े पहनें. विंडों और डोर स्क्रीन का इस्तेमाल करें. सोने से पहले मच्छरदानी लगाएं. इसके साथ ही मरीज की देखभाल करने पर सतर्कता बरतें. मरीज के सीधे संपर्क में आने से बचें. अगर संपर्क में आए हैं तो तुरंत सेनेटाइज करें. कपड़ों को गर्म पानी में धोएं. मरीज के कमरे की नियमित तौर पर सफाई करवाएं.