कैश फॉर क्वेरी केस में सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ एथिक्स कमेटी की ड्राफ्ट रिपोर्ट को समिति ने अडॉप्ट कर लिया है. गुरुवार को समिति की बैठक में प्रस्ताव के पक्ष में 6 वोट पड़े वहीं विपक्ष में 4 वोट पड़े. बता दें कि कमेटी ने महुआ मोइत्रा की सांसदी छीनने का प्रस्ताव रखा है.
कांग्रेस सांसद परनीत कौर ने रिपोर्ट को अडॉप्ट करने के पक्ष में वोट किया है. परनीत पंजाब के पूर्व सीएम अमरिंदर सिंह की पत्नी हैं जो अब बीजेपी में शामिल हो चुके हैं.
एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट के पक्ष में कौन-
1. कमेटी के चीफ विनोद सोनकर (बीजेपी)
2. सुमेधानंद सरस्वती (बीजेपी सांसद)
3. हेमंत गोडसे (शिवसेना)
4. परिणति कौर (कांग्रेस)
5. अपराजिता सारंगी (बीजेपी)
6. राजदीप रॉय (बीजेपी)
इसके अलावा चार सांसदों ने एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट के विरोध में वोट किया. इसमें शामिल सदस्यों के नाम देखिए-
1. दानिश अली (बहुजन समाज पार्टी)
2. वी वैथिलिंगम (कांग्रेस, पुडुचेरी से सांसद)
3. पी आर नटराजन (CPIM)
4. गिरिधारी यादव (JDU)
महुआ के पास आगे क्या विकल्प?
कानूनी ऑप्शन की बात करें तो महुआ मोइत्रा उनको सांसद पद से हटाने के फैसले को कानूनी चुनौती दे सकती हैं. लेकिन ये प्रक्रिया तब होगी जब एथिक्स कमेटी की ड्राफ्ट रिपोर्ट को लोकसभा में पेश होने के बाद उसपर अमल करते हुए महुआ को संसद से निष्कासित किया जाए.
प्रस्ताव पास होने के बाद इसका विरोध भी हुआ. कांग्रेस सांसद वी वैथिलिंगम ने कहा, 'ये प्रस्ताव कमेटी द्वारा बिना किसी चर्चा के पास हुआ है. सभी फैसले एकतरफा थे. ड्राफ्ट प्रस्ताव पर चर्चा होनी चाहिए थी. लेकिन ऐसा नहीं हुआ.'
आरोपों पर विनोद सोनकर ने कहा कि ये दुर्भाग्यपूर्ण है. आज सिर्फ प्रस्ताव पर सहमति या विरोध जताना था. चार सदस्यों ने विरोध जताया. लेकिन छह के बहुमत के साथ इस ड्राफ्ट को पास कर दिया गया. इस रिपोर्ट को अब आगे लोकसभा स्पीकर के पास भेजा गया है.
विपक्ष ने यह भी आरोप लगाया गया है कि इस केस के गवाह और आरोपी दर्शन हीरानंदानी को भी पूछताछ और गवाही के लिए बुलाया जाना चाहिए था लेकिन ऐसा नहीं किया गया. इसपर विनोद सोनकर ने कहा कि जब कमेटी की विस्तृत रिपोर्ट संसद में देखी जाएगी तो पता चलेगा कि एथिक्स कमेटी ने पूरी जिम्मेदारी के साथ रिपोर्ट प्रस्तुत की है.
महुआ पर क्या हैं आरोप?
सांसद महुआ मोइत्रा पर बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने आरोप लगाए थे. इसमें कहा गया था कि महुआ ने व्यापारी दर्शन हीरानंदानी के कहने पर संसद में अडानी ग्रुप और पीएम मोदी पर लगातार निशाना साधा था. इसके बदले व्यापारी से उनको गिफ्ट्स मिले थे. महुआ पर ये भी आरोप थे कि उन्होंने अपनी संसदीय आईडी का लॉगइन पासवर्ड व्यापारी के साथ शेयर किया था, जिससे व्यापारी खुद महुआ की तरफ से उनकी आईडी का इस्तेमाल कर संसद में सवाल पूछ रहे थे.
फिर मामले की शिकायत लोकसभा स्पीकर से हुई और जांच एथिक्स कमेटी के पास गई. इस बीच बुधवार को बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने दावा किया था कि अब इस मामले की जांच लोकपाल ने सीबीआई को सौंप दी है. हालांकि, लोकपाल की तरफ से इस पर कुछ नहीं कहा गया है.
बता दें कि दुबे ने 21 अक्टूबर को भ्रष्टाचार विरोधी लोकपाल के पास महुआ की शिकायत की थी. उनपर संसद में सवाल पूछने के बदले घूस लेने का आरोप लगाया गया है. दुबे का कहना है कि महुआ ने देश की सुरक्षा से खिलवाड़ किया है.