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महुआ के आरोप, विपक्षी सदस्यों का बायकॉट, एथिक्स कमेटी चेयरमैन की सफाई... कैश-फॉर-क्वेरी केस में पूछताछ की डिटेल

महुआ ने कहा, कमेटी के अध्यक्ष ने मेरे निजी जीवन के बारे में सबसे सस्ते अशोभनीय सवाल पूछे, जिसमें 'आप रात में किससे बात करती हैं, कितनी बार करती हैं, क्या आप मुझे कॉल की जानकारी दे सकती हैं', जैसे सवाल शामिल थे.

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महुुआ मोइत्रा (फाइल फोटो)
महुुआ मोइत्रा (फाइल फोटो)

कैश-फॉर-क्वेरी केस में टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा गुरुवार को एथिक्स कमेटी के सामने पेश हुईं. महुआ मोइत्रा का आरोप है कि पेशी के दौरान उन्हें अपमानजनक सवालों का सामना करना पड़ा. महुआ ने कहा कि कमेटी ने उनसे उनकी पर्सनल लाइफ के बारे में अप्रासंगिक जानकारी मांगी गई और इसका उन्होंने विरोध जताया. इतना ही नहीं मोइत्रा ने कहा कि वे सिर्फ प्रासंगिक सवालों का जवाब हलफनामे के माध्यम से देंगी. उधर, एथिक्स कमेटी के अध्यक्ष विनोद सोनकर का दावा है कि महुआ मोइत्रा जवाब देने के बजाय क्रोधित हो गईं और उन्होंने उनके और कमेटी के अन्य सदस्यों के लिए असंसदीय भाषा का इस्तेमाल किया.

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कमेटी में कौन कौन?

संसद की एथिक्स कमेटी में बीजेपी सांसद विनोद सोनकर अध्यक्ष हैं. इसके अलावा इस कमेटी में बीजेपी के अन्य सांसद सुनीता दुग्गल, विष्णु दत्त शर्मा, राजदीप रॉय, सुमेधानंद सरस्वती, सुभाष भामरे, अपराजिता सारंगी हैं. इसके अलावा कमेटी में कांग्रेस की प्रणीत कौर , उत्तम कुमार रेड्डी , वैथिलिंगम वे शामिल हैं. इस कमेटी में दानिश अली (बीएसपी), हेमंत तुकाराम गोडसे (शिवसेना), गिरिधारी यादव (JDU), पी आर नटबीराजन (सीपीएम), बालाशोरि वल्लभनेनी (YSR) भी शामिल हैं.

गुरुवार को महुआ से पूछताछ के दौरान अपराजिता सारंगी, विष्णु दत्त शर्मा, राजदीप रॉय, सुमेधानंद सरस्वती, सुभाष भामरे, प्रणीत कौर, उत्तम कुमार, वैतिलिंगम वे, दानिश अली, गिरधारी यादव, पी आर नटराजन मौजूद थे. 

महुआ ने कमेटी पर लगाए ये आरोप

समाचार एजेंसी को दिए इंटरव्यू में महुआ मोइत्रा ने कहा, नियमों के मुताबिक, ''कमेटी की बैठक में क्या क्या हुआ, मुझे इस बारे में बात नहीं करनी चाहिए. लेकिन मैं इसलिए ये सब बता रही हूं, क्योंकि मुहावरे की भाषा में कहूं तो मुझे वस्त्रहरण का सामना करना पड़ा.''

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महुआ ने आरोप लगाया, कमेटी में शामिल 5 सदस्य उनके खिलाफ अध्यक्ष के व्यवहार का विरोध करते हुए बाहर गए. यह नाम की एथिक्स कमेटी है, यह संभवत सबसे अनैतिक पेशी थी. महुआ ने कहा कि कमेटी के अध्यक्ष पहले से लिखी पटकथा लेकर आए थे, जिसे वह पढ़ रहे थे. इसमें मेरे निजी जीवन को लेकर सबसे घृणित, आक्रामक, निजी जानकारी थी, जिसका पूछताछ से कोई लेना देना नहीं था. 

महुआ ने बताया- कौन कौन से सवाल पूछे गए?

महुआ ने कहा, कमेटी के अध्यक्ष ने मेरे निजी जीवन के बारे में सबसे सस्ते अशोभनीय सवाल पूछे, जिसमें 'आप रात में किससे बात करती हैं, कितनी बार करती हैं, क्या आप मुझे कॉल की जानकारी दे सकती हैं', जैसे सवाल शामिल हैं. इसके अलावा, वह पूछ रहे थे कि क्या आप एक्स के साथ किसी होटल में गई थीं, क्या आप लोग वहां रुके थे, 'पिछले पांच साल में आपने क्या किया.' फिर उन्होंने पूछा, आप जिसे अपना प्रिय दोस्त कहती हैं, क्या उसकी पत्नी को इस बारे में पता है…. महुआ ने दावा किया कि उन्होंने बार बार इन सवालों का विरोध किया.

महुआ ने कहा, सिर्फ कमेटी के अध्यक्ष ने सवाल किया था और अन्य बीजेपी सांसदों का व्यवहार ठीक था. लेकिन उन्होंने कुछ नहीं कहा. महुआ ने कहा, विपक्ष के पांच सदस्यों ने विरोध किया और अध्यक्ष से कहा कि आप ऐसा नहीं कर सकते, लेकिन वह नहीं रुके. महुआ ने दावा किया कि अध्यक्ष एक लिस्ट से पढ़कर सवाल पूछ रहे थे. उन्होंने कहा, यह बहुत मूर्खतापूर्ण है और यह बेहद हास्यास्पद है. 

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कमेटी के अध्यक्ष ने दिया आरोपों का जवाब

एथिक्स कमेटी के अध्यक्ष विनोद सोनकर ने कहा, महुआ जवाब देने के बजाय क्रोधित हो गईं और उन्होंने मेरे और अन्य सदस्यों के खिलाफ असंसदीय भाषा का इस्तेमाल किया. दानिश अली, गिरधारी यादव और अन्य विपक्षी सांसदों ने समिति पर आरोप लगाने की कोशिश की और बाहर चले गए. समिति बैठक कर आगे की कार्रवाई तय करेगी. 

एथिक्स कमेटी के सूत्रों के मुताबिक, पहले चरण में महुआ ने अपनी सफाई दी. फिर ब्रेक के बाद जब कार्यवाही शुरू हुई और महुआ के जवाबों पर सवाल किए गए. उनसे आरोपों, उससे संबंधि सबूतों, उनके होटल दौरे, बैठक और कॉल आदि के बारे में सवाल किए गए. इससे वह नाराज हो गईं और कुछ भी जवाब देने से इनकार कर दिया और समिति के सदस्यों के साथ उनकी तीखी बहस हुई. इसके तुरंत बाद वह समिति में शामिल 5 विपक्षी सांसदों के साथ वे बाहर निकल गईं. 

क्या है पूरा मामला?

इस पूरे मामले की शुरुआत भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के आरोपों से हुई. निशिकांत दुबे ने पिछले दिनों टीएमसी की महुआ मोइत्रा पर संसद में सवाल पूछने के लिए रियल स्टेट कारोबारी हीरानंदानी से रिश्वत लेने का आरोप लगाया था. निशिकांत दुबे ने ये आरोप महुआ के पूर्व दोस्त जय अनंत देहाद्रई की शिकायत के आधार पर लगाए. निशिकांत ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से उनके खिलाफ आरोपों की जांच के लिए एक कमेटी का गठन करने की मांग की है. निशिकांत दुबे ने बिरला को लिखे लेटर में गंभीर 'विशेषाधिकार के उल्लंघन' और 'सदन की अवमानना' का मामला बताया था. 

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इस मामले में हीरानंदानी ने हलफनामा दायर कर महुआ की मुसीबतें और बढ़ा दीं. उन्होंने दावा किया है कि टीएमसी सांसद ने महंगे लग्जरी आइटम (हैंडबैग वगैरह), दिल्ली में उनके बंगले की मरम्मत, यात्रा खर्च, छुट्टियों के अलावा देश और दुनिया में अलग-अलग जगहों पर यात्राओं के लिए उनसे कई बार मदद ली है. कारोबारी का कहना है साल 2017 में बंगाल ग्लोबल बिजनेस समिट में महुआ मोइत्रा से मुलाकात हुई थी. इस भेंट के बाद वह पिछले कुछ वर्षों में उनकी करीबी निजी दोस्त बन गईं. 

निशिकांत दुबे ने महुआ को फिर घेरा, पूछे सवाल

 


(इनपुट- हिमांशु मिश्रा)

 

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