scorecardresearch
 

'सरकारें बदलती रहेंगी, आप स्थायी रहने वाले हैं', CBI को चीफ जस्टिस एनवी रमणा की दो टूक

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एनवी रमणा ने एक कार्यक्रम में सीबीआई की कार्यशैली पर सवाल उठा दिए हैं. उन्होंने कहा कि राजनीतिक प्रतिनिधि तो बदलते रहते हैं लेकिन आप हमेशा सेवा और ड्यूटी में रहेंगे.

Advertisement
X
CBI को सीजेआई रमणा की दो टूक
CBI को सीजेआई रमणा की दो टूक
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 'सीबीआई अब सार्वजनिक निगरानी में आ गई'
  • 'जांच एजेंसी को स्वतंत्र, स्वायत बनाना जरूरी'

सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एनवी रमणा ने देश की मुख्य जांच एजेंसी CBI को नसीहत देते हुए उसकी कार्य प्रणाली पर सवाल उठाए हैं. जस्टिस रमणा ने शुक्रवार को एक समारोह में कहा कि कई अहम मामलों की जांच में सीबीआई की शिथिलता, निष्क्रियता और लेटलतीफी से कार्रवाई करने से जांच एजेंसी की विश्वसनीयता सवालों के घेरे में आ गई है.

Advertisement

सीजेआई ने कहा कि भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर पुलिस की छवि तार-तार हो गई है. अक्सर पुलिस अधिकारी हमारे पास आते हैं और कहते हैं कि उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है. राजनीतिक प्रतिनिधि तो बदलते रहते हैं लेकिन आप हमेशा  सेवा और ड्यूटी में रहेंगे.

सीजेआई की सीबीआई को खरी खरी

विज्ञान भवन में आयोजित एक कार्यक्रम में  CJI रमणा ने जोर देकर कहा कि ब्रिटिश शासन से अब तक भारत में पुलिस सिस्टम में कैसे कब और कितना बदलाव हुआ है? लेकिन समय बीतने के साथ साथ सीबीआई जैसी जांच एजेंसी सार्वजनिक निगरानी के दायरे में आ गए हैं.

सीजेआई ने बताया कि भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण पुलिस की छवि को गहरा धक्का लगा है. अक्सर पुलिस अधिकारी हमारे पास याचिका लेकर आते हैं यह शिकायत करने कि आम चुनावों के बाद सरकारें  बदलने के बाद नई सरकारें उन्हें परेशान करती हैं.

Advertisement

सरकार बदलेंगी, आप स्थायी- सीजेआई

लेकिन आपको याद रखना होगा कि जनप्रतिनिधि और सरकारें समय के साथ बदलती रहती हैं जबकि आप स्थायी हैं. शासक बदलते हैं लेकिन प्रशासन और व्यवस्था स्थायी रहती है. उनके मुताबिक कि कोई भी संस्थान उनके नेतृत्व की वजह से अच्छा या बुरा हो सकता है. लेकिन कुछ अधिकारी बड़ा बदलाव ला सकते हैं.

व्याख्यान में जस्टिस रमणा ने जोर देते हुए कहा कि जांच एजेंसी को स्वतंत्र, स्वायत बनाना समय की मांग है. एक ही अपराध की जांच के लिए कई एजेंसियों को जिम्मेदारी देने से जांच उत्पीड़न का कारण भी बन जाती है. एक बार अपराध दर्ज होने के बाद सबसे अहम ये बिंदु है कि पहले यह तय किया जाना चाहिए कि कौन एजेंसी इसकी जांच करेगी. लेकिन हाल के साल में अक्सर देखा गया है कि एक ही अपराध या मुकदमे की जांच के लिए कई एजेंसियां लगा दी जाती हैं. यह आरोपी को उत्पीड़न के औजार के तौर पर दोषी ठहराए जाने से बचाएगा. 

'पुलिसिंग नौकरी नहीं कॉलिंग'

चीफ जस्टिस साफ कहा कि सत्ता के आगे जब आप झुकेंगे नहीं तो आपको वीरता साहस और कर्तव्यनिष्ठा के लिए जाना जाएगा. क्योंकि पुलिसिंग केवल नौकरी नहीं बल्कि एक कॉलिंग है, सेवा है और समाज के प्रति जिम्मेदारी है. भारत में अंग्रेजों ने कानून बनाया जहां ब्रिटिश हुकूमत के लिए पुलिस बनाई गई थी. उसे भारतीय नागरिकों को दबाने और नियंत्रित करने के लिए तैयार किया गया था. अभी भी अपने राजनीतिक आकाओं को खुश करने के लिए पुलिस बल का दुरुपयोग कोई नई बात नहीं है. पुलिस को आम तौर पर कानून का शासन बनाए रखने का काम सौंपा जाता है और यह न्याय प्रणाली का अभिन्न अंग है. 

Advertisement

Advertisement
Advertisement