अमेरिका के ‘सेंटर्स फॉर डीजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन’ (सीडीसी) और गाम्बिया के स्वास्थ्य प्राधिकार की संयुक्त जांच का मानना है कि गाम्बिया में हुई बच्चों की मौत और भारत में बनी कथित रूप से दूषित कफ सिरप के सेवन के बीच गहरा संबंध है.
सीडीसी की शुक्रवार को जारी रिपोर्ट में कहा गया,‘यह जांच मजबूती से यह बात कहती है कि डाईएथाइलीन ग्लाइकोल (डीईजी) या एथाइलीन ग्लाइकोल (ईजी) से दूषित दवाओं के गाम्बिया में आयात से बच्चों में एकेआई (किडनी की बीमारी) की समस्या हुई है.’ मालूम हो कि पिछले साल कथित रूप से भारत की कफ सिरप पीने से 66 बच्चों की मौत हो गई थी.
हालांकि गाम्बिया सरकार ने पिछले साल दिसंबर में इस मामले में यू-टर्न लेते हुए कहा था कि अभी तक इस बात की पुष्टि नहीं की है कि भारतीय कफ सिरप की वजह से गुर्दे को नुकसान पहुंचने के कारण करीब 66 बच्चों की मौत हुई है.
WHO ने कहा था-दूषित हैं सिरप
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अक्टूबर, 2022 में कहा था कि भारत की कंपनी मेडेन फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड द्वारा गाम्बिया को भेजे जा रहे चार कफ सिरप की गुणवत्ता मानदंडों के अनुरूप नहीं है. रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि ये गाम्बिया में कई बच्चों की मौतों से जुड़े हैं.
WHO ने सोनीपत में मेडेन फार्मास्यूटिकल के चार उत्पादों प्रोमेथाज़िन ओरल सॉल्यूशन, कोफ़ेक्समालिन बेबी कफ सीरप, मैकॉफ बेबी कफ सीरप और मैग्रीप एन कोल्ड सीरप को बेहद खराब मेडिकल प्रोडक्ट बताया गया था.
वहीं गाम्बिया में हेल्थ डायरेक्टर मुस्तफा बिट्टाये ने सभी बच्चों की मौत के कारणों की पुष्टि करते हुए बताया था कि इन सभी बच्चों की मौत किडनी की गंभीर दिक्कतों की वजह से हुई है.