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अमेरिका-रूस-चीन जैसी होगी भारतीय सेना? जानें क्या है थिएटर कमांड, जो चीन बॉर्डर पर खड़ा कर रहे थे बिपिन रावत

CDS Bipin Rawat: चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत थिएटर कमांड पर काम कर रहे थे. इसका मकसद तीनों सेनाओं को एक छत के नीचे लाना था, ताकि युद्ध की स्थिति में तीनों सेनाओं के संसाधनों का सही इस्तेमाल हो सके. आजतक को दिए इंटरव्यू में जनरल बिपिन रावत ने कहा था कि 2022 तक थिएटर कमांड बनाने का काम हो जाएगा.

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जनरल बिपिन रावत सेना में बड़े बदलाव के लिए थिएटर कमांड बनाने पर काम कर रहे थे. (फाइल फोटो-PTI)
जनरल बिपिन रावत सेना में बड़े बदलाव के लिए थिएटर कमांड बनाने पर काम कर रहे थे. (फाइल फोटो-PTI)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • थिएटर कमांड पर काम कर रहे थे बिपिन रावत
  • भारत के पास अभी 17 अलग-अलग कमांड हैं
  • थिएटर कमांड बनने से तीनों सेनाएं साथ आ जातीं

Theatre Command Explainer: देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत (CDS General Bipin Rawat) का निधन हो गया. जनरल बिपिन रावत का बुधवार को हेलिकॉप्टर हादसे (Helicopter Crash) में निधन हो गया. ये वायुसेना का Mi-17V5 हेलिकॉप्टर था, जो कुन्नूर के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया. इस हादसे में बिपिन रावत की पत्नी मधुलिका और 12 अन्य लोगों की भी जान चली गई. 

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जनरल बिपिन रावत सेना में बदलाव लाने के लिए जाने जाते थे. 31 दिसंबर, 2019 को जब उन्होंने देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ का पद संभाला तो उनका सबसे बड़ा काम तीनों सेनाओं में तालमेल बिठाने का था. इसके साथ ही तीन साल के भीतर उन्हें सेनाओं का पुनर्गठन कर 'थिएटर कमांड' बनाने की जिम्मेदारी भी सौंपी गई थी. 

थिएटर कमांड मतलब क्या?

- थिएटर कमांड का मकसद भविष्य की सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए तीनों सेनाओं को एक छत के नीचे लाना है. चार नए थिएटर कमांड बनाने पर बिपिन रावत काम कर रहे थे. रावत जिस थिएटर प्रोजेक्ट पर काम कर रहे थे, वो प्रोजेक्ट चीन और पाकिस्तान से आने वाले खतरों से निपटने में अहम रोल अदा करेगा.

- दरअसल थिएटर कमांड्स का सबसे सही इस्तेमाल युद्ध के दौरान तब होता है, जब भविष्य की सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए तीनों सेना प्रमुखों के बीच तालमेल होती है. थिएटर कमांड्स से बनी रणनीतियों के अनुसार दुश्मन पर अचूक वार करना आसान हो जाता है. तीनों सेनाओं के संसाधनों और हथियारों का इस्तेमाल एक साथ किया जा सकता है.

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थिएटर कमांड की जरूरत क्यों?

- 1999 में भारत ने पाकिस्तान के साथ कारगिल की जंग लड़ी. इसके बाद बनी कई समितियों ने थिएटर कमांड और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के पद की स्थापना के सुझाव दिए थे.

- इसके 20 साल बाद 15 अगस्त 2019 को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीफ ऑफ डिफेंस पद की स्थापना की घोषणा की थी, तब उन्होंने कहा था, 'तीनों सेनाओं में समन्वय तो है और वे अपने-अपने तरीके से आधुनिकीकरण के लिए भी प्रयास करते हैं लेकिन जिस तरह युद्ध के दायरे और रूप-रंग बदल रहे हैं और जिस तरह की टेक्नोलॉजी की भूमिका बढ़ रही है उसके कारण भारत को भी टुकड़ों में सोचने से काम नहीं चलेगा, देश की पूरी सैन्‍यशक्ति को एकजुट होकर एक साथ आगे बढ़ना होगा.'

- पीएम मोदी ने कहा था, 'ऐसी स्थिति से काम नहीं चलेगा जिसमें तीनों सेनाओं में से एक आगे रहे, दूसरा दो कदम पीछे रहे और तीसरा तीन कदम पीछे रहे. तीनों सेनाओं को एक साथ एक ही ऊंचाई पर आगे बढ़ना चाहिए और दुनिया में बदलते हुए युद्ध और सुरक्षा के माहौल के अनुरूप उनमें अच्छा समन्वय होना चाहिए.'

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- अभी देश में करीब 15 लाख सशक्त सैन्य बल है. इन्हें संगठित और एकजुट करने के लिए थिएटर कमांड की जरूरत है. एकसाथ कमांड लाने पर सैन्य बलों के आधुनिकीकरण का खर्च कम हो जाएगा. किसी भी आधुनिक तकनीक का प्रयोग सिर्फ एक ही सेना नहीं करेगी बल्कि उस कमांड के अंदर आने वाले सभी सैन्य बलों को उसका लाभ मिलेगा.

यहां दें सीडीएस जनरल बिपिन रावत को श्रद्धांजलि 

देश में अभी हैं 17 कमांड्स

देश में अभी तीनों सेनाओं के अलग-अलग 17 कमांड्स हैं. सात थल सेना के पास, सात वायुसेना के पास और तीन नौसेना के पास. इसके अलावा एक स्ट्रैटेजिक फोर्सेज कमांड है जो परमाणु शस्त्रागार को सुरक्षा देता है और उसे संभालता है. इसकी स्थापना वर्ष 2003 में की गई थी. इनके अलावा देश में सिर्फ एक थिएटर कमांड है. इसकी स्थापना वर्ष 2001 में अंडमान निकोबार में की गई थी.

चीन-पाकिस्तान के लिए था प्लान

कहा जा रहा है कि बिपिन रावत 4 थिएटर कमांड पर काम कर रहे थे. बिपिन रावत चीन और पाकिस्तान की हरकतों पर नजर रखने के लिए ये थिएटर कमांड बनाना चाहते थे. जून 2021 में आजतक को दिए इंटरव्यू में जनरल बिपिन रावत ने कहा था कि भारत 2022 तक थिएटर कमांड बना लेगा. उन्होंने कहा था, 'हमारी समुद्री सीमाएं बहुत बड़ी हैं. जम्मू-कश्मीर और एलएसी की सीमाएं अनसुलझी हैं.इसलिए हमने लैंड बेस्ड कमांड तैयार किया है. पूर्वी और पश्चिमी थिएटर पर ध्यान दिया जाएगा.'

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ये 4 कमांड बन सकती हैं...

1. पश्चिमी थिएटर कमांडः इसके तहत पाकिस्तान की सीमा से सटे पंजाब, राजस्थान और गुजरात के कच्छ तक का इलाका आएगा. अभी इस क्षेत्र की रखवाली पश्चिमी, दक्षिण-पश्चिमी और दक्षिणी कमांड कर रही है. 

2. उत्तरी थिएटर कमांडः यानी जम्मू-कश्मीर और लद्दाख का पहाड़ी इलाका. इस कमांड से पाकिस्तान और चीन पर नजर रखी जाएगी. अभी ये उत्तरी कमांड के तहत आता है.

3. पूर्वी थिएटर कमांडः देश के उत्तर-पूर्व से सटे चीन, बांग्लादेश और म्यांमार की सीमाओं की निगरानी के लिए बनाया जाने वाला थिएटर कमांड. अभी इन इलाकों को सेना और वायुसेना की पूर्वी कमांड देख रही है.

4. दक्षिणी थिएटर कमांडः देश के तीनों तटों की सुरक्षा के लिए बनाया जाने वाला एकीकृत कमांड. यानी पश्चिमी, पूर्वी और दक्षिणी तटों की रक्षा करने वाला कमांड. अभी यहा नौसेना और वायुसेना के कमांड में आता है. अंडमान का थिएटर कमांड भी इसी के तहत आएगा. 

अमेरिका के पास 11, चीन के पास 5 थिएटर कमांड्स

अमेरिका में अभी कुल मिलाकर 11 थिएटर कमांड्स हैं. इनमें से 6 पूरी दुनिया को कवर करते हैं. वहीं, चीन के पास भी 5 थिएटर कमांड्स हैं. चीन भारत को अपने पश्चिमी थिएटर कमांड के जरिए हैंडल करता है. इसी कमांड से वो भारत चीन सीमा पर निगरानी रखवाता है. रूस के पास भी 4 थिएटर कमांड्स हैं.

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