वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर और उज्जैन में महाकाल मंदिर कॉरिडोर की तर्ज पर पुरी में भगवान जगन्नाथ मंदिर कॉरिडोर सज-धज कर तैयार हो गया है. बुधवार को मुख्यमंत्री नवीन पटनायक इस कॉरिडोर का उद्घाटन करेंगे. ओडिशा सरकार ने अयोध्या के राम मंदिर उद्घाटन (22 जनवरी 2024 को प्रस्तावित) की तरह तैयारियां की हैं. दुनियाभर के अतिथियों को न्योता भेजा गया है. मंदिर को दिव्य और भव्य बनाने के लिए परिसर के चारों तरफ परिक्रमा कॉरिडोर विकसित किया गया है. इसे 800 करोड़ की लागत से डेवलप किया गया है.
ओडिशा सरकार ने निजी प्रतिष्ठानों से पुरी हेरिटेज कॉरिडोर उद्घाटन कार्यक्रम की स्क्रीनिंग करने का आग्रह किया है. मुख्य सचिव पीके जेना ने कहा, सीएम नवीन पटनायक बुधवार दोपहर परियोजना का उद्घाटन करेंगे. इसमें देशभर की जानी-मानी हस्तियों को आमंत्रित किया गया है. राज्य सरकार ने पहले ही बुधवार को सार्वजनिक अवकाश घोषित कर दिया है.
'उद्घाटन की लाइव स्क्रीनिंग की जाएगी'
जेना ने कहा, निजी संस्थानों, निजी स्कूलों और निजी व्यावसायिक प्रतिष्ठानों से भी श्री मंदिर परिक्रमा परियोजना के उद्घाटन के सीधे प्रसारण की स्क्रीनिंग की व्यवस्था करने का अनुरोध किया गया है. मुख्यमंत्री ने लोगों से दिन में दीये जलाकर, शंख बजाकर, झांझ बजाकर और कीर्तन करने की अपील की है. उद्घाटन समारोह के लिए ओडिशा और देश के विभिन्न हिस्सों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहले ही यहां एकत्र हो चुके हैं. पटनायक इस परियोजना पर कुछ वीडियो भी जारी करेंगे.
'चारधाम में से एक है पुरी का जगन्नाथ मंदिर'
12वीं सदी के जगन्नाथ मंदिर के आसपास 800 मीटर का पुनर्विकास किया गया है. यहां आने वाले भक्तों को बड़ी सुविधाओं का लाभ मिलेगा. चारधाम में से एक ओडिशा में पुरी का जगन्नाथ मंदिर है. यहां भगवान जगन्नाथ यानी श्रीकृष्ण, अपने बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ विराजमान हैं.
'महीनेभर रोज 10 हजार श्रद्धालु बुलाने का टारगेट'
ओडिशा सरकार ने हेरिटेज कॉरिडोर श्री मंदिर परिक्रमा प्रोजेक्ट को लेकर खास तैयारी की है. सरकार का प्लान है कि यहां महीनेभर रोज करीब 10 हजार श्रद्धालुओं को जुटाया जाए. नवीन पटनायक सरकार ने जिला कलेक्टरों को 22 जनवरी से प्रत्येक पंचायत और नागरिक निकाय से पुरी तक भक्तों के आवागमन की व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है. इस उद्देश्य के लिए विशेष बजट आवंटित किया गया है.
'तीन साल में पूरा किया गया है प्रोजेक्ट'
पुरी को फूलों, रोशनी और भित्तिचित्रों से सजाया गया है. इस परियोजना में तीर्थयात्रियों की आवाजाही सुगम बनाने के लिए पार्किंग क्षेत्र, पुल, सड़क, तीर्थयात्रा केंद्र, टॉयलेट सुविधाएं, क्लॉकरूम, शौचालय और जगन्नाथ मंदिर के आसपास आगंतुकों के लिए अन्य सुविधाएं विकसित की गई हैं. इसे तीन साल में पूरा किया गया है. प्रोजेक्ट को लेकर यहां भूमि अधिग्रहण सबसे बड़ी चुनौती थी.
'पहले 30 मिनट का वक्त लगता था, अब 10 मिनट में पहुंचेंगे'
चूंकि, जगन्नाथ मंदिर के आसपास चारों ओर 19 मठ भी हैं, जो बेहद ऐतिहासिक महत्व रखते हैं. महीनेभर के अंदर ही करीब 26 एकड़ जमीन अधिग्रहीत कर ली गई थी. सीएम पटनायक ने नवंबर 2021 में इस परियोजना की आधारशिला रखी थी. पहले मंदिर तक पहुंचने में 30 मिनट से ज्यादा वक्त लगता था. यानी पुरी के आधे हिस्से से होकर गुजरना पड़ता था, लेकिन अब पुरी बाइपास रोड से एक नया रास्ता तैयार किया गया है, जिससे यात्रा का समय घटकर सिर्फ 10 मिनट का रह गया है. भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा के अंत में सुनाबेशा देखने के लिए भी करीब एक लाख श्रद्धालु शामिल आ सकते हैं. पहले जगह कम होने से कुछ हजार लोग ही हिस्सा ले पाते थे.
'उद्घाटन के बाद परिक्रमा करेंगे नवीन पटनायक'
कॉरिडोर के उद्घाटन से पहले यहां तीन दिवसीय यज्ञ जारी है. बुधवार दोपहर इसका समापन होगा. पुरी के गजपति महाराज दिव्यसिंह देब दोपहर 1.30 से 2 बजे के बीच 'हवन' में 'पूर्णाहुति' देंगे. यज्ञ के समापन के साथ पटनायक इस परियोजना को भक्तों को समर्पित करेंगे. मुख्यमंत्री के साथ पुजारी, साधु और अन्य प्रतिनिधि दोपहर दो बजे से ढाई बजे के बीच मंदिर के चारों ओर परिक्रमा करेंगे.
'देशभर के साधु-संत भी पुरी पहुंचे'
श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) के मुख्य प्रशासक रंजन कुमार दास ने कहा, देशभर के 90 तीर्थस्थलों और धार्मिक संस्थानों के कई साधु पहले ही पुरी पहुंच चुके हैं. उनके मेहमान-नवाजी की जा रही है. उन्होंने कहा कि परिक्रमा मार्ग पर 900 मेहमानों के लिए बड़ी डिजिटल स्क्रीन लगाई गई है.
'कड़ी सुरक्षा घेरे में पुरी'
इस बीच, 90 प्लाटून (1 प्लाटून में 30 कर्मी) पुलिस बल की तैनाती के साथ पुरी कड़ी सुरक्षा घेरे में है. डीजीपी अरुण कुमार सारंगी ने कहा, सीसीटीवी निगरानी के अलावा पुलिस ने क्षेत्र की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बम निरोधक टीमों, तोड़फोड़ रोधी टीमों और डॉग स्क्वॉड को भी लगाया है. राज्य भर में सरकारी कार्यालय, स्कूल और कॉलेज बंद रहेंगे. जबकि निजी कार्यालय और संस्थान अपने कर्मचारियों और छात्रों के लिए कार्यक्रम की लाइव स्ट्रीमिंग सुनिश्चित करेंगे.
'रेलवे स्टेशन भी पुनर्विकसित किया जा रहा है'
जगन्नाथ पुरी का रेलवे स्टेशन भी रिडेवलप किया जा रहा है. इसे 162 करोड़ की लागत से पुनर्विकसित किया जा रहा है. ये जुलाई 2025 में बनकर तैयार हो जाएगा. स्टेशन को बनाने में कलिंगा मंदिर की वास्तुकला का इस्तेमाल किया जा रहा है.