केंद्र सरकार ने GST अपराधों की जांच को ईडी द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग के रूप में कराने का फैसला लिया है. इसको लेकर शनिवार देर रात वित्त मंत्रालय की ओर से नोटिफिकेशन जारी किया गया. इसके बाद अब GST (वस्तु एवं सेवा कर) से जुड़े मामलों में ईडी सीधा दखल दे सकेगी. वहीं जरूरत पड़ने पर केंद्रीय एजेंसी GST नेटवर्क से पूरा डेटा मांग सकता है.
सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक, GST नेटवर्क को प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत लाने का फैसला किया गया है. केंद्र के इस फैसले के बाद अब GST में गड़बड़ी करने वाले व्यापारी, कारोबारी और फर्म के खिलाफ ED एक्शन ले सकेगी. इसके साथ ही GST कलेक्शन में होने वाली अनियमितताओं को काफी हद तक कंट्रोल किया जा सकेगा क्योंकि GST अपराधों की जांच ईडी मनी लॉन्ड्रिंग के रूप में कर सकेगी.
टैक्स चेरी और हेराफेरी करने वालों पर होगा एक्शन
सरकार के इस फैसले के बाद अब टैक्स चोरी और डॉक्यूमेंट्स में हेराफेरी करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकेगी. इसके अलावा GST के तहत होने वाले अपराध जैसे फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट, फर्जी चालान आदि को PMLA एक्ट में शामिल किया जाएगा. जानकारों का मानना है कि फर्जी बिलिंग के माध्यस से कर चोरी रोकने के लिए सरकार ने यह फैसला किया है.
केंद्र सरकार ने 2005 में लागू किया था PMLA
बता दें कि भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए केंद्र सरकार 2022 में प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट, 2002 लेकर आई थी, जिसका मकसद ब्लैक मनी को व्हाइट करने के तरीकों पर रोक लगाना है. यह कानून मनमोहन सरकार ने 2005 में लागू किया था. हालांकि समय-समय पर इसमें संशोधन किया गया, जिसमें केंद्रीय एजेंसी की शक्तियां बढ़ीं.
ED को ताकतवर बनाता है PMLA
पीएमएलए के तहत प्रवर्तन निदेशालय को आरोपी को गिरफ्तार करने, उसकी संपत्ति जब्त करने, उसके द्वारा गिरफ्तारी के बाद जमानत मिलने की सख्त शर्तें और जांच अधिकारी के सामने रिकॉर्ड बयान को कोर्ट में सबूत के रूप में मान्य होने जैसे नियम उसे ताकतवर बनाते हैं.