कोरोना संकट के बीच तेजी से बढ़ती प्याज की कीमतों के बीच केंद्र सरकार ने प्याज की सभी वैराइटीज के निर्यात पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है. पिछले साल की तुलना में सरकार प्याज के दामों में बढ़ोतरी को लेकर तैयार थी और उसने करीब 1 लाख मैट्रिक टन प्याज स्टोर कर रखी है.
दिल्ली और एनसीआर समेत देश के कई हिस्सों में सब्जियों के दामों में तेजी से वृद्धि होती जा रही है. आलू, प्याज और टमाटर की कीमतें तेजी से बढ़ रही हैं. थोक से लेकर खुदरा बाजारों में पिछले कुछ हफ्तों में इन तीनों की कीमतों में 30 से लेकर 50 फीसदी तक उछाल आया है.
आमतौर पर अक्टूबर और नवंबर के महीनों में प्याज की कीमतों में बढ़ोतरी होती है, क्योंकि नई फसल का इंतजार होता है, लेकिन इस बार महाराष्ट्र और दक्षिण भारत में जबरदस्त और लगातार बारिश ने प्याज की फसल को काफी नुकसान पहुंचाया है और इसलिए कीमतें बेतहाशा बढ़ी हैं.
जानकार बताते हैं कि पिछली बार प्याज की कीमतों में बढ़ोतरी की बात को ध्यान में रखते हुए इस बार केंद्र सरकार ने लगभग 1 लाख मैट्रिक टन प्याज स्टोर किया है, जिसे नैफेड जैसे सरकारी संस्थानों के माध्यम से बेचा जा रहा है. इस बार आयात करने का फैसला भी पिछले साल नवंबर की जगह सितंबर में ही कर लिया गया है. अगर ऐसा हुआ तो प्याज की कीमतें कंट्रोल में रहेंगी.
3 अहम बिल पेश
इससे पहले कृषि में सुधार के कार्यक्रमों को लागू करने और किसानों की आय बढ़ाने के मकसद से लाए गए 3 अहम बिल सोमवार को लोकसभा में पेश कर दिए गए. ये तीनों विधेयक कोरोना काल में 5 जून, 2020 को अधिसूचित 3 अध्यादेशों का स्थान लेंगे.
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण, ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसान उपज व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन एवं सुविधा) विधेयक, 2020 और किसानों (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) का मूल्य आश्वासन अनुबंध एवं कृषि सेवाएं विधेयक, 2020 लोकसभा में पेश किए. जबकि आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक, 2020 उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण राज्यमंत्री राव साहेब पाटिल दानवे ने पेश किया.