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संसद में केंद्र सरकार ने किया स्वीकार, High Courts में भी जजों की है भारी कमी

पिछले एक साल में 80 जजों की नियुक्ति की सिफारिश की गई लेकिन सिर्फ 45 नियुक्ति हो पाए. कई हाईकोर्ट में जजों के 50 फीसदी तक पद खाली हैं. 

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प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर
स्टोरी हाइलाइट्स
  • हाई कोर्ट्स में भी जजों की कमी
  • संसद में सरकार ने किया स्वीकार

कानून मंत्रालय ने संसद में दिए लिखित जवाब में माना है कि देश के हाई कोर्टस (High Courts) में भी जजों (Judges) की भारी कमी है. पिछले एक साल में 80 जजों की नियुक्ति की सिफारिश की गई लेकिन सिर्फ 45 नियुक्ति हो पाए. कई हाईकोर्ट में जजों के 50 फीसदी तक पद खाली हैं. 

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कानून मंत्री के बयान के मुताबिक, देश के हाई कोर्ट्स में जजों के 1098 पद हैं. लेकिन फिलहाल 645 जज ही सेवारत हैं. यानी 453 पद खाली पड़े हैं. केंद्र सरकार की तरफ से कानून मंत्री ने हाईकोर्ट में जजों की नियुक्ति को लेकर राज्यसभा में आंकड़े दिए.

सरकार ने बताया कि पिछले एक साल में सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने हाई कोर्ट में 80 जजों की नियुक्ति की सिफारिश की. लेकिन अभी तक उनमें से 45 जजों की नियुक्ति हुई है. बाकी सिफारिशों पर अभी केंद्र सरकार विचार कर रही है. नियुक्ति में देरी पर सफाई देते हुए सरकार ने कहा कि ये सतत और कई कोणों से जांच के साथ साथ चलने वाली प्रक्रिया है. 

सिफारिशों को नियुक्ति आदेश तक पहुंचाने के दौरान सरकार को कई प्राधिकरणों और संस्थानों से ओके रिपोर्ट लेनी होती है. सरकार के जवाब के मुताबिक अगर पिछले साल की सिफारिश के मुताबिक नियुक्ति हो भी जाती तो हाई कोर्ट्स में जजों के कम से कम चार सौ से ज्यादा पद खाली ही रहते. 

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