अबू धाबी में चार महीने के शिशु की कथित हत्या के मामले में मौत की सजा का सामना कर रही भारतीय महिला शहजादी खान को 15 फरवरी को फांसी दी जा चुकी है. विदेश मंत्रालय ने दिल्ली हाई कोर्ट को बताया कि उत्तर प्रदेश की निवासी शहजादी खान को 15 फरवरी को संयुक्त अरब अमीरात में फांसी दे दी गई थी. एएसजी चेतन शर्मा ने कहा कि अधिकारी हर संभव सहायता प्रदान कर रहे हैं और 5 मार्च को उन्हें सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा.
विदेश मंत्रालय ने दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि संयुक्त अरब अमीरात में भारतीय दूतावास को 28 फरवरी 2025 को यूएई सरकार से एक आधिकारिक संदेश मिला कि शहजादी को दी गई मौत की सजा को संयुक्त अरब अमीरात के कानूनों और नियमों के अनुसार 15 फरवरी 2025 को पूरा कर दिया गया था.
पिता ने याचिका दायर कर पूछा था हाल
जस्टिस सचिन दत्ता ने इस घटनाक्रम को 'बेहद दुर्भाग्यपूर्ण' बताया. अदालत में एडिशनल सॉलिसिटर जनरल चेतन शर्मा ने बताया, 'यह मामला अब समाप्त हो चुका है. शहजादी को 15 फरवरी को फांसी दे दी गई थी. उनके सुपुर्द-ए-खाक की प्रक्रिया 5 मार्च को होगी.'
33 वर्षीय शहजादी के पिता शब्बीर खान, जो उत्तर प्रदेश के बांदा जिले के निवासी हैं, ने अदालत में याचिका दायर कर अपनी बेटी की स्थिति की जानकारी मांगी थी. उनका कहना था कि उन्हें स्पष्ट सूचना नहीं मिल रही थी और विदेश मंत्रालय (MEA) से बार-बार संपर्क करने के बावजूद कोई ठोस जवाब नहीं मिला.
जेल से किया था आखिरी कॉल
शहजादी को 10 फरवरी 2023 को अबू धाबी पुलिस के हवाले किया गया था और 31 जुलाई 2023 को उन्हें मौत की सजा सुनाई गई थी. वह अल वथबा जेल में बंद थीं. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने बताया कि 14 फरवरी को शहजादी ने जेल से अपने परिवार को फोन किया था और कहा था कि 'मुझे एक-दो दिन में फांसी दी जा सकती है, यह मेरी आखिरी कॉल हो सकती है.' इसके बाद से परिवार को उनकी कोई जानकारी नहीं मिली थी.
क्या था मामला?
शहजादी खान पर उनकी देखरेख में चार महीने के बच्चे की मौत के लिए मुकदमा चलाया गया था. दिसंबर 2022 में जब यह घटना हुई, तब वह अबू धाबी में एक देखभालकर्ता (caregiver) के रूप में काम कर रही थीं. रूटीन वैक्सिनेशन के बाद बच्चे की मौत हो गई और शहजादी पर मौत की वजह बनने का आरोप लगाया गया. सरकार ने अदालत को बताया कि विदेश मंत्रालय को 28 फरवरी को अपडेट जानकारी प्राप्त हुई थी.