केंद्र सरकार ने माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर को नोटिस जारी कर लेह जिले को केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के बजाय जम्मू-कश्मीर के हिस्से के रूप में दिखाने के लिए स्पष्टीकरण मांगा है. सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने ट्विटर को यह बताने के लिए पांच दिन का समय दिया है कि गलत नक्शा दिखाकर भारत की क्षेत्रीय अखंडता का अनादर करने के लिए उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई क्यों न की जाए.
इंडिया टुडे को सूत्रों ने बताया है कि यह नोटिस 9 नवंबर को भेजा गया था. गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर की पूर्ववर्ती स्थिति को पिछले साल जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के रूप में दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित किया गया था. जिसके बाद लेह अब केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख का एक हिस्सा है.
मंत्रालय ने ट्विटर के ग्लोबल वाइस प्रेसिडेंट को भेजे गए अपने नोटिस में उल्लेख किया है कि लेह को जम्मू-कश्मीर के हिस्से के रूप में दिखाना कंपनी द्वारा भारत की संप्रभु संसद की इच्छा को कम करने की एक सोची-समझी कोशिश है, जिसने लद्दाख को लेह में उसके मुख्यालय के साथ भारत के एक केंद्र शासित प्रदेश के रूप में घोषित किया था.
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बता दें कि इससे पहले ट्विटर ने लेह को पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना (चीन) के हिस्से के रूप में दिखाया था, जिसके बाद सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव ने ट्विटर के सीईओ जैक डोरसे को इस पर आपत्ति जताते हुए एक पत्र लिखा था.
इसके जवाब में, ट्विटर ने चीन को आंशिक रूप से हटाते हुए मैप को सही किया था. लेकिन लेह को केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के हिस्से के रूप में दिखाने के लिए नक्शे को सही करना अभी बाकी है. ट्विटर अभी भी लेह को जम्मू-कश्मीर के हिस्से के रूप में दिखा रहा है.