मोदी कैबिनेट का विस्तार इसी हफ्ते हो सकता है. केंद्रीय कैबिनेट में फेरबदल को लेकर लंबे वक्त से कयास लगाए जा रहे हैं, लेकिन इस हफ्ते मोदी कैबिनेट का विस्तार लगभग तय माना जा रहा है. बताया जा रहा है कि कई मंत्रियों के विभाग भी बदल सकते हैं.
दो सप्ताह पहले ही सभी मंत्रियों के मंत्रालय के कामकाज की समीक्षा के बाद आने वाले समय में उनके मंत्रालय की प्लानिंग को लेकर रिपोर्ट मांगी गई थी. इससे पहले पीएम मोदी ने 20 जून को अपने वरिष्ठ मंत्रियों के साथ बैठकर पिछले दो सालो में किए गए काम की समीक्षा की थी. मोदी मंत्रिमंडल का विस्तार 7 या 8 जुलाई को हो सकता है. संतोषजनक काम न करने वाले मंत्रियों को हटाया जा सकता है.
माना जा रहा है कि मोदी सरकार के कई मंत्रियों के विभाग भी बदले जा सकते हैं. मोदी सरकार-2 के गठन को दो साल से अधिक समय बाद होने जा रहे मंत्रिमंडल विस्तार पर पांच राज्यों में चुनाव को देखते हुए वहां के जातिगत और राजनीतिक समीकरण की छाप भी नजर आ सकती है. सूत्रों की मानें तो मोदी मंत्रिमंडल के विस्तार में एनडीए की गठबंधन सहयोगी जनता दल यूनाइटेड और लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) के पारस गुट के नेताओं को भी जगह दी जा सकती है.
पीएम मोदी मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह और अन्य वरिष्ठ मंत्रियों के साथ कई दौर की बैठक कर चर्चा कर चुके हैं. 6 जुलाई को भी पीएम की पीयूष गोयल, निर्मला सीतारमण और अन्य वरिष्ठ मंत्रियों के साथ बैठक होनी है. माना जा रहा है कि इस बैठक में मंत्रियों के नाम पर फाइनल मुहर लग सकती है.
इन्हें बनाया जा सकता है मंत्री
मोदी मंत्रिमंडल के विस्तार में असम के पूर्व मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल, कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आए ज्योतिरादित्य सिंधिया को जगह मिल सकती है. सूत्रों की मानें तो बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी, वरुण गांधी, प्रवीण निषाद, राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह और संतोष कुशवाहा के साथ ही अपना दल की अनुप्रिया पटेल को भी मंत्रिमंडल में जगह दी जा सकती है.
पशुपति पारस भी बन सकते हैं मंत्री
लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) के पशुपति पारस को भी केंद्रीय कैबिनेट मंत्री बनाए जाने की चर्चा है. साथ ही यह भी माना जा रहा है कि बंगाल से भी कुछ और नेताओं को मंत्री बनाया जा सकता है. कई मंत्रियों के पास तीन-तीन, चार-चार मंत्रालयों का कार्यभार है. ऐसे में माना जा रहा है कि नए मंत्रियों को इनमें से कुछ विभाग दिए जा सकते हैं.