भारत सरकार के सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने ऑनलाइन क्यूरेटेड कंटेंट पब्लिशर्स (ओटीटी प्लेटफार्मों) और ओटीटी प्लेटफार्मों के स्व-नियामक निकायों को एक एडवाइजरी जारी की है. इसमें उन्हें सामग्री वर्गीकरण और अश्लील व भद्दे कंटेंट पर प्रतिबंध से संबंधित नियमों का पालन करने की याद दिलाई गई है ताकि भारत के कानूनों और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम में निर्धारित आचार संहिता का कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जा सके.
मंत्रालय की इस एडवाइजरी से एक बात तो साफ है कि अब OTT प्लेटफॉर्म्स पर दिखाई जाने वाली सामग्री पर सरकार की पैनी निगाह रहेगी. मंत्रालय ने अपनी एइवाइजरी में ओटीटी प्लेटफॉर्म्स को सामग्री वर्गीकरण और अश्लील व भद्दे कंटेंट पर प्रतिबंध से संबंधित नियमों का पालन करने की याद दिलाई है.
सरकार का बयान
सरकार ने बयान जारी करते हुए कहा कि ऑनलाइन क्यूरेटेड कंटेंट (ओटीटी प्लेटफॉर्म) और सोशल मीडिया के कुछ पब्लिशर्स द्वारा प्रकाशित अश्लील, पोर्नोग्राफ़िक और अश्लील सामग्री के कथित प्रसार के संबंध में सांसदों, वैधानिक संगठनों और आम लोगों से शिकायतें प्राप्त हुई हैं.
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एडवाइजरी में कहा गया है कि "आचार संहिता के तहत ओटीटी प्लेटफॉर्म्स को कानून द्वारा निषिद्ध किसी भी कंटेंट का प्रसारण ना करें और नियमों की अनुसूची में दिए गए सामान्य दिशानिर्देशों के आधार पर आयु-आधारित वर्गीकरण करें. ‘ए’ रेटेड कंटेंट तक बच्चों की पहुंच रोकने के लिए एक्सेस कंट्रोल मैकेनिज्म को लागू करना चाहिए. इसके अलावा, उन्हें उचित सतर्कता और विवेक का पालन करना चाहिए."
मंत्रालय ने सख्त अनुपालन सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर जोर देते बयान में कहा गया है कि पब्लिशर्स को यह सलाह दी जाती है कि ओटीटी प्लेटफॉर्म लागू कानूनों के विभिन्न प्रावधानों और इसके तहत निर्धारित आचार संहिता का पालन करें.