केंद्र सरकार ने गुरुवार को दिल्ली हाई कोर्ट को बताया कि बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी के दिल्ली के निजी आवास पर उनकी सुरक्षा के उचित इंतजाम किए गए हैं. इस मामले में केंद्र सरकार की ओर से अदालत में पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल संजय जैन ने जस्टिस यशवंत वर्मा की सिंगल पीठ को बताया कि स्वामी की सुरक्षा के उचित इंतजाम किए गए हैं.
संजय जैन ने अदालत को बताया कि सुरक्षा एजेंसियां इस बात से संतुष्ट हैं कि स्वामी को मिल रही जेड कैटेगरी की सिक्योरिटी के तहत उनकी सुरक्षा के व्यापक बंदोबस्त किए गए हैं. इसके बाद स्वामी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता जयंत मेहता ने कहा कि उनके मुवक्किल (स्वामी) शनिवार तक सरकारी बंगला प्रशासन को सौंप देंगे.
केंद्र की ओर से दी गई ये दलील
हाई कोर्ट ने 14 सितंबर को स्वामी को निर्देश दिए थे कि वह छह हफ्तों के भीतर लुटियंस बंगला जोन में बने सरकारी आवास को खाली कर दें. उन्हें यह बंगला 2016 में सांसद बनने के बाद अलॉट किया गया था. हालांकि, इस दौरान अदालत ने कहा था कि स्वामी की सुरक्षा के उचित बंदोबस्त किए जाने चाहिए. इसके बाद स्वामी ने हाई कोर्ट का रुख कर कहा था कि केंद्र सरकार उन्हें उनके निजी आवास पर उचित सुरक्षा मुहैया कराने में असफल रही है.
इसके बाद सोमवार को हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिए थे कि वह हलफनामा दायर कर यह बताएं कि वे स्वामी को उचित सुरक्षा मुहैया कराएंगे, जिसके बाद गुरुवार को केंद्र ने हाई कोर्ट को बताया कि स्वामी की सुरक्षा के उचित प्रबंध किए गए हैं.
स्वामी के निजी घर की सुरक्षा समीक्षा
इस मामले में स्वामी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता जयंत मेहता ने अदालत को बताया कि स्वामी के सरकारी बंगले को शनिवार तक सौंप दिया जाएगा. प्रशासन ने उनका सरकारी बंगला खाली करने के लिए उन्हें 26 अक्टूबर तक का समय दिया था.
उन्होंने तर्क दिया कि स्वामी के निजी आवास पर उचित सुरक्षा सुविधाएं अभी मुहैया कराई जानी बाकी हैं. इस पर केंद्र सरकार ने 31 अक्टूबर को अदालत को बताया था कि स्वामी के निजी घर की सुरक्षा समीक्षा की गई है.
सरकारी वकील ने कहा था कि जेड कैटेगरी की सिक्योरिटी मिलने के नाते वह जिस सुरक्षा के हकदार हैं, उन्हें वह सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी. स्वामी के निजी घर पर सुरक्षा मुहैया कराई गई है.
क्या है Z कैटेगरी की सुरक्षा?
मालूम हो कि सांसद के तौर पर पांच सालों के लिए उन्हें बंगला अलॉट किया गया था. राज्यसभा सांसद के तौर पर उनका कार्यकाल 24 अप्रैल को समाप्त हो गया था. लेकिन उन्हें मिल रही जान की धमकियों का हवाला देकर उन्होंने सरकारी बंगले के दोबारा आवंटन के लिए हाई कोर्ट का रुख किया था.
बंगले का दोबारा आवंटन कराने के लिए स्वामी की याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने कहा था कि ऐसा कोई नियम नहीं है, जिससे यह सिद्ध हो सके किए जेड कैटेगरी सुरक्षा प्राप्त शख्स को सरकारी आवास मुहैया कराया जाना जरूरी है.
बता दें कि जेड कैटेगरी सुरक्षा देश की दूसरी सबसे बड़ी सुरक्षा व्यवस्था है. इसके तहत 22 सुरक्षाकर्मी 24 घंटे सुरक्षा में मुस्तैद रहते हैं.