आजतक रेडियो पर हम रोज लाते हैं, देश का पहला मॉर्निंग न्यूज़ पॉडकास्ट ‘आज का दिन’ जहां आप हर सुबह अपने काम की शुरुआत करते हुए सुन सकते हैं आपके काम की खबरें और उन पर क्विक एनालिसिस. साथ ही, सुबह के अखबारों की सुर्खियां और आज की तारीख में जो घटा, उसका हिसाब-किताब. जानिए, आज के एपिसोड में हमारे पॉडकास्टर अमन गुप्ता किन खबरों पर बात कर रहे हैं?
अध्यक्ष का चुनाव लड़कर शशि थरूर ने कांग्रेस में बढ़ा लिया अपना क़द?
कांग्रेस प्रेसिडेंट के चुनाव में सारे ट्विस्ट्स और टर्न्स नॉमिनेशन से पहले ही दिखे... नतीजों ने बिलकुल हैरान नहीं किया. चुनाव की रेस में थरूर और खड़गे के नाम सामने आने के बाद से ही ये कयास लगाए जा रहे थे कि कांग्रेस अध्यक्ष की कुर्सी पर खड़गे काबिज़ होंगे और हुआ भी ऐसा ही. मल्लिकार्जुन खड़गे को गांधी परिवार के बेहद क़रीबी नेताओं में गिना जाता है. वहीं, शशि थरूर कांग्रेस के उस पाले में शामिल रहे हैं जिन्हें जी-23 कहकर पुकारा जाता है और जो पार्टी में संगठन के लेवल पर सुधार और बदलाव की वक़ालत करते रहे हैं. मगर चुनाव में खड़गे के 7,897 वोटों के मुक़ाबले शशि थरूर को 1072 वोट मिले. क्या ये इशारा करते हैं कि कांग्रेस में ठीक ठाक संख्या में ऐसे लोग हैं जिन्हें थरूर और उनकी बातें अपील करती हैं. क्या कांग्रेस प्रेसिडेंट का चुनाव लड़कर शशि थरूर ने पार्टी में अपना क़द बढ़ा लिया है, क्या वो अपने बराबर के नेताओं से थोड़ा आगे बढ़ते नज़र आ रहे हैं? थरूर को क्या रोल मिल सकता है आगे चलकर?
गांधीनगर में कैसा रहेगा इस बार चुनावी मुक़ाबला?
सियासत का पारा हिमाचल प्रदेश और गुजरात में चढ़ा हुआ है. हिमाचल में चुनाव के डेट आ गए हैं, पार्टियों ने अधिकतर कैंडिडेट अनाउन्स कर दिए हैं, कैम्पेन ज़ोर-शोर से चल रहा है. लेकिन चुनाव की सरगर्मी गुजरात में भी उरूज पर है, प्रचार का पिच उधर भी हाई है. कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात में थे, राजधानी गांधीनगर में डिफेन्स एक्सपो 2022 का उद्घाटन किया. राजकोट में रैली और रोड शो किया. आज वो नर्मदा ज़िले के केवड़िया में होंगे, केवड़िया वही जगह है जहाँ दुनिया की सबसे ऊँची सरदार पटेल की स्टैचू ऑफ़ यूनिटी है. लेकिन लौटते हैं गांधी नगर पर, जो गुजरात की कैपिटल होने के साथ साथ गृहमंत्री अमित शाह की संसदीय सीट भी है. गांधीनगर लोकसभा सीट के तहत 5 असेंबली सीट भी आते हैं. पिछले चुनाव में यहाँ का क्या हिसाब किताब रहा है, इस बार क्या मामला रहने वाला है, क्या कांग्रेस पिछले प्रदर्शन को दोहरा पाएगी या आम आदमी पार्टी उसके लिए चुनौती बन रही है?
मॉर्शल लॉ के बाद कैसी होगी रूस के कब्ज़े वाले यूक्रेनी इलाक़ों में आम ज़िंदगी?
उधर रूस और यूक्रेन के बीच चल रहा युद्ध थमने का नाम नहीं ले रहा है. रूस अब यूक्रेन पर आक्रामक होता जा रहा है. राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कल कहा कि यूक्रेन के जिन चार इलाकों को रूस ने अलग करने की घोषणा की थी, वहां मार्शल लॉ लागू हो जाएगा. पुतिन ने मार्शल लॉ के तहत उठाए जाने वाले कदमों को साफ़ नहीं किया है, लेकिन उनका ये आदेश आज से लागू हो जाएगा. रूस की संसद के ऊपरी सदन ने इन चार इलाकों में मार्शल लॉ लागू करने के पुतिन के फैसले पर तुरंत मुहर लगा दी. ये इलाके हैं खेरसोन, जेपोरिजाजिया, दोनेत्स और लुहांस्क. तो रूस को यहाँ मार्शल लॉ लगाने की ज़रूरत क्यों पड़ी, इसके लागू होने से क्या बदल जायेगा और यहाँ के रहवासियों की ज़िंदगी पर इसका क्या असर पड़ेगा? रूस के इस क़दम से ये वॉर और एस्केलेट हो जाएगा?
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